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Tonga Volcano 2022: ज्वालामुखी के विस्फोट से 60000 स्विमिंग पूल जितना पानी निकला

Tonga Volcano 2022: ज्वालामुखी के विस्फोट से 60000 स्विमिंग पूल जितना पानी निकला
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Tonga Volcano Eruption: ज्वालामुखी के फटने से इतनी गर्मी पैदा हुई जिससे पानी वाष्पीकृत होकर पृथ्वी की सतह से 12 से 53 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित समतापमंडल या स्ट्रेटोस्फेयर में पहुँच गया।

Tonga Valcano Eruption: 15 जनवरी 2022 में एक ज्वालामुखी में विस्फोट हुआ था समुद्र के नीचे टोंगा-हुंगा हापाई ज्वालामुखी फट गया (Tonga Valcano Blast)। जिसे की दुनिया का सबसे शक्तिशाली ज्वालामुखी विस्फोट बताया जा रहा था। इस विस्फोट को अंतरिक्ष से भी देखा गया था। इसके फटने के साथ इतनी गर्मी पैदा हुई जिससे पानी वाष्पीकृत होकर पृथ्वी की सतह से 12 से 53 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित समतापमंडल या स्ट्रेटोस्फेयर में पहुँच गया। लेकिन चौंकने वाली बात ये है की जलवाष्प की मात्रा 60 हजार ओलम्पिक स्विमिंग पूल को भरने के लिए पर्याप्त है। हालाँकि वैज्ञानिकों ने इससे होने वाले कई तरह के खतरें बताएं हैं, जो सबसे अधिक चिंता का विषय हैं।

वैज्ञानिकों के अनुसार यह पृथ्वी के ताप में वृद्धि का कारण बन सकता है तथा सूर्य की हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणों से हमारी रक्षा करने वाली ओजोन लेयर के लिए भी खतरा है। ज्वालामुखी का विस्फोट इतना शक्तिशाली था की इससे एक सुनामी और एक सोनिक बूम भी निकला।

नासा के ऑरा सैटेलाइट पर लगे माइक्रोवेव लिम्ब साउंडर उपकरण ने यह जानकारी इकट्ठा की है। यह सैटेलाइट जलवाष्प, ओजोन और अन्य वायुमंडलीय गैसों को मापती है। ज्वालामुखीय विस्फोट के बाद जलवाष्प की रीडिंग से साइंटिस्ट आश्चर्य में हैं।

वैज्ञानिकों के अनुमान के मुताबिक वायुमंडल में जितना पानी जलवाष्प के रूप में मौजूद है, इस विस्फोट ने उसका 10 गुना जल वहां पहुंचा दिया है।

आमतौर पर ज्वालामुखी के फटने से जो धुआं व धूल उत्पन्न होती है वह पृथ्वी पर आवरण बनकर सूर्य की तेज किरणों को रोकती है। जिसके की तापमान कम हो जाता है। लेकिन टोंगा की घटना उससे काफी अलग है तथा संभव है की यह अस्थायी रूप से पृथ्वी की गर्मी को यहीं कैद करने का काम कर सकती है।

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