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Solar Strom: पृथ्वी से कभी भी टकरा सकता है सोलर तूफ़ान, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस नहीं करेंगी काम, बिजली पर पड़ेगा असर

Solar Strom: पृथ्वी से कभी भी टकरा सकता है सोलर तूफ़ान, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस नहीं करेंगी काम, बिजली पर पड़ेगा असर
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सूर्य की ओर से एक तूफ़ान तेज़ी से धरती की तरफ बढ़ रहा है। इसका असर पृथ्वी वासियों पर पड़ सकता है

अमेरिकी वैज्ञानिकों ने पूरी दुनिया के लोगों के लिए एक चेतावनी जारी की है। आने वाले किसी भी वक़्त में सूर्य की ओर से तेज़ी से आ रहा सोलर तूफ़ान कभी भी पृथ्वी से टकरा सकता है। ये कोई हॉलीवुड मूवी की कहानी नहीं है बल्कि सचमुच में ऐसा होने वाला है। सोलर तूफान (Solar Strom) के धरती से टकराने का असर पृथ्वीवासियों खास कर इंसानों पर पड़ सकता है। इसके कारण मोबाइल फोन, कम्प्यूटर जैसे डिवाइस काम करना बंद कर सकते हैं वहीं पावर ग्रिड में भी असर पड़ सकता है.

इसका असर कहां होगा

अमेरिकी नेशनल ओशनिक एंड अट्मॉस्फोरिक एडमिनिस्ट्रेशन (US Agency National Ocieanic and Atmospheric Administration) ने अलर्ट जारी किया है की जियोमैग्नेटिक स्ट्रोम के कारण पृथ्वी के कई हिस्सों में बिजली गिर सकती है। कई जगहों पर तेज़ चुम्बकीय बल का असर हो सकता है जिससे पावर ग्रिड को नुकसान पहुँच सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इसका असर मोबाइल नेटवर्क टावर GPS पर भी पड सकता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि अंतरिक्ष ने आने वाली नॉर्दन लाइट्स को अमेरिका और UK में देखा भी जा सकता है।

क्या है सोलर स्टॉर्म

पृथ्वी की मेग्नेटिक सतह मेग्नेटिक फील्ड के द्वारा बनाई गई है और ये सूरज की खतरनाक किरणों से हमारी रक्षा भी करता है. जब कोई तेज़ रफ़्तार किरणे धरती से टकराती है तो ये मेग्नेटिक फील्ड से टकराती है। अगर फील्ड दक्षिणवर्ती होती है तो पृथ्वी की विपरीत दिशा वाली मेग्नेटिक फील्ड से मिलती है। और जब पृथ्वी की मेग्नेटिक फील्ड खुल जाती है तो उसके ज़रिये सोलर हवाओ के कण धुवों तक पहुंचने लगते हैं इसके कारन धरती की सतह पर चुम्बकीय तूफ़ान उठता है और मेग्नेटिक फील्ड में गिरावट आती है जो 6 से 12 घंटों तक रहती है।

Abhijeet Mishra | रीवा रियासत

Abhijeet Mishra | रीवा रियासत

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