
Ripudaman Singh Malik की कनाडा में हत्या! 1985 एयर इंडिया धमाके का आरोप था

Ripudaman Singh Malik murdered in Canada: गुरुवार रात सिख नेता रिपुदमन सिंह मलिक की कनाडा में हत्या हो गई, कनाडा के वैकंवूर में गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई, मौके पर ही वह मर गए और हत्यारों ने सबूत मिटाने के लिए कार जला दी. रिपुदमन सिंह 1985 में हुए एयर इंडिया प्लेन हाईजैक और ब्लास्ट के आरोपी थे, उनपर कई सालों ने Air India का कनिष्क विमान ब्लास्ट करने का आरोप था, हालाँकि बाद में उन्हें इस केस से बरी कर दिया गया था.
रिपुदमन की हत्या क्यों हुई इसका अबतक खुलासा नहीं हुआ है. कनाडा पुलिस जांच में जुटी हुई है. रिपुदमन सिंह मलिक की हत्या करने वाले फरार हैं जिनकी तलाश जारी है. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक बाइक सवार हमलवार रिपुदमन के बेहद खरीद पहुचें और तीन राउंड गोलियां दाग दी, जिससे सिख नेता की मौके पर ही मौत हो गई. बाद में सबूत मिटाने के लिए हमलावरों ने कार को जला दिया और भाग निकले। यह घटना तब हुई जब रिपुदमन सिंह अपने ओफिर जा रहे थे.
पहले खालिस्तानी थे बाद में विचारधारा बदल गई
रिपुदमन सिंह मलिक पहले खालिस्तानी समर्थक थे, लेकिन बाद में उनकी विचारधारा बदल गई, उन्होंने सिख समुदाय के लोगों को अलगाववादियों और खालिस्तानियों से दूर रहने के लिए भी कहा था. कुछ दिन पहले ही उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ भी की थी. सिख समुदाय के लोगों के लिए पीएम मोदी द्वारा किए गए कार्यों की उन्होंने सराहना की थी. ऐसा दावा किया जा रहा है कि पीएम मोदी की हत्या करने के चलते रिपुदमन सिंह की हत्या हुई है.
एयर इंडिया धमाके के आरोपी थे
22 जून 1985 में आयरिश हवाई क्षेत्र में एयर इंडिया की फ्लाइट को हाईजैक कर लिया गया था, जिसके बाद बीच हवा में ही जहाज में तेज धमाका हुआ और 331 यात्रियों सहित 22 क्रू मेंबर्स से भरा छतिग्रस्त विमान समंदर में डूब गया था. सिर्फ 132 लोगों की लाशें मिल पाई थीं और अन्य का आज तक पता नहीं चल पाया। रिपुदमन को इस मामले में आरोपी बनाया गया था. 20 साल बाद मार्च 2005 में मलिक और बब्बर खालसा के साथी अजायब सिंह बागरी को कनाडा कोर्ट ने बरी कर दिया था.
कौन थे रिपुदमन सिंह मलिक
Who was Ripudaman Singh Malik: रिपुदमन 1972 में भारत छोड़ कनाडा में बस गए थे, वहाँ उन्होंने टैक्सी ड्राइवर के रूप में काम शुरू किया था, बाद में एक सफल व्यवसायी बन गए थे. खालसा क्रेडिट युनिन के अध्यक्ष चुने गए, जिसकी संपत्ति 110 मिलियन डॉलर थी. वो कनाडा में सतनाम एजुकेशन सोसाइटी के अध्यक्ष थे और स्कूल चलाते थे.




