
इजरायल का सीरिया पर हमला: दमिश्क में धमाके, जानिए इजरायल ने गाजा-ईरान के बाद क्यों खोला सीरिया के खिलाफ मोर्चा

दमिश्क, सीरिया के ऊपर से उठता धुंआ, जो इजरायली हवाई हमले के बाद का दृश्य दर्शाता है.
मध्य पूर्व का इलाका पिछले कुछ सालों से कई मोर्चों पर युद्ध और तनाव का केंद्र बना हुआ है. इन सभी संघर्षों में इजरायल की भागीदारी अक्सर देखी गई है. अब इजरायल ने सीरिया पर भी हवाई हमले शुरू कर दिए हैं, जिससे क्षेत्रीय तनाव और बढ़ गया है. इजरायल ने सीरिया की राजधानी दमिश्क पर सोमवार से ही ज़ोरदार हवाई हमले करने शुरू कर दिए, जिसमें खास तौर पर सीरिया के रक्षा मंत्रालय को निशाना बनाया गया. ये हमले सीरिया की इस्लामिक नेतृत्व वाली सरकार की सेना को निशाना बनाकर किए जा रहे हैं. दमिश्क में रहने वाले लोगों ने इन हमलों के बाद जबरदस्त धमाकों की आवाजें सुनीं और आसमान में धुएं के बड़े गुबार देखे. सीरिया की सरकारी मीडिया ने इन हमलों के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है. ये हमले इजरायली रक्षा मंत्री की उस चेतावनी के ठीक बाद हुए, जिसमें उन्होंने सीरिया को 'दर्दनाक हमलों' की धमकी दी थी.
दमिश्क पर ज़ोरदार हवाई हमला: रक्षा मंत्रालय निशाना, आसमान में धुंआ
इजरायल ने सीरिया पर हमला क्यों किया? इजरायल द्वारा दमिश्क पर किए गए हवाई हमले काफी तीव्र थे. सूत्रों के अनुसार, इन हमलों में सीरियाई रक्षा मंत्रालय की इमारतों को निशाना बनाया गया. धमाकों की गूँज दूर-दूर तक सुनाई दी और दमिश्क के आसमान में घने काले धुएं के गुबार छा गए. ये दृश्य युद्ध की भयावहता को दर्शा रहे थे. इजरायल आमतौर पर सीरिया में ईरान समर्थित समूहों और हथियारों के ठिकानों को निशाना बनाता रहा है, लेकिन सीधे रक्षा मंत्रालय पर हमला एक नई और अधिक आक्रामक रणनीति का संकेत हो सकता है. इजरायल का कहना है कि वह अपनी सुरक्षा के लिए ऐसे कदम उठा रहा है, खासकर जब उसे अपनी सीमाओं पर खतरा महसूस होता है.
ड्रूज समुदाय कौन हैं और वे क्यों महत्वपूर्ण हैं?
ड्रूज कौन हैं और उनका धर्म क्या है? ड्रूज समुदाय एक अरब मूल का समुदाय है जिसकी उत्पत्ति 11वीं सदी के दौरान मिस्र में हुई थी. यह समुदाय सीरिया, लेबनान, जॉर्डन और इजरायल जैसे देशों में फैला हुआ है, और इनकी कुल आबादी करीब 10 लाख है. ड्रूज लोग इस्लाम या यहूदी धर्म को नहीं मानते, बल्कि एक अलग और रहस्यमय धर्म का पालन करते हैं. ड्रूज जिस धर्म को मानते हैं, वह हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म और अन्य कई धर्मों के दर्शनों का मिला-जुला रूप माना जाता है. इनकी धार्मिक मान्यताओं को गुप्त रखा जाता है और वे अपने रीति-रिवाजों का पालन बहुत ही गोपनीयता के साथ करते हैं. मध्य पूर्व में ड्रूज समुदाय अक्सर अल्पसंख्यक के रूप में रहा है और अपने विशिष्ट धर्म और संस्कृति के कारण उन्हें अपनी पहचान बनाए रखने के लिए संघर्ष करना पड़ा है.
सीरिया के स्वेइदा में हिंसक झड़पें: सरकार और ड्रूज लड़ाके आमने-सामने
सीरिया में स्वेइदा में क्या हो रहा है? इजरायल के ये हमले दक्षिणी सीरिया के स्वेइदा (Suwayda) शहर में चल रही गंभीर स्थिति से जुड़े हैं. यहां स्थानीय सुरक्षा बलों और ड्रूज समुदाय के लड़ाकों के बीच हिंसक झड़पें हो रही हैं, जिसमें अब तक सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है. ड्रूज समुदाय के नेता और स्थानीय लोग आरोप लगा रहे हैं कि सीरियाई सरकार की सेना बर्बर तरीके से उनकी हत्या कर रही है. हालांकि, सीरियाई सरकार इन आरोपों से इनकार कर रही है और उसका कहना है कि हिंसा के पीछे आपराधिक गिरोहों का हाथ है, जिन्हें वह नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है. सीरिया की नई सरकार ने यह वादा तो किया है कि वह अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी, लेकिन स्वेइदा में ड्रूज लोग अभी भी डरे हुए हैं और उन्हें अपनी जान-माल का खतरा महसूस हो रहा है.
इजरायल की चेतावनी और दखल: ड्रूज समुदाय की रक्षा का वादा
इजरायल ड्रूज समुदाय की मदद क्यों कर रहा है? इजरायल ने साफ तौर पर कहा है कि वह ड्रूज समुदाय की रक्षा करेगा. इजरायल और ड्रूज समुदाय के बीच एक खास रिश्ता है, खासकर इजरायल में रहने वाले ड्रूज लोगों के कारण. इजरायल के ड्रूज लोग भी सीरिया में अपने समुदाय के भाइयों की मदद के लिए लगातार मांग कर रहे हैं. इजरायल ने पहले ही चेतावनी दी थी कि अगर सीरियाई सेना दक्षिण सीरिया में ड्रूज समुदाय पर हमला करना बंद नहीं करेगी, तो वह सीरियाई सेना को तबाह कर देगा. इस चेतावनी के बाद, इजरायल ने अपनी सीमा से सटे सीरिया के इलाकों में अपनी सेना भी भेज दी है, जो दर्शाता है कि वह इस मुद्दे पर कितना गंभीर है. इजरायल का मानना है कि ड्रूज समुदाय की सुरक्षा उसके लिए एक नैतिक और रणनीतिक जिम्मेदारी है.
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया: अमेरिका ने हिंसा की निंदा क्यों की?
अमेरिका ने सीरिया की हिंसा पर क्या कहा? दक्षिणी सीरिया में नागरिकों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ती हिंसा पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने भी चिंता जताई है. अमेरिका ने स्वेइदा में हो रही हिंसा की कड़ी निंदा की है. सीरिया में अमेरिकी विशेष दूत टॉम बैरक ने एक बयान में कहा, "हम स्वेइदा शहर में नागरिकों के खिलाफ हो रही हिंसा की साफ तौर से निंदा करते हैं." उन्होंने सभी पक्षों से पीछे हटने और सार्थक बातचीत में शामिल होने का आह्वान किया है, ताकि स्थायी तौर पर संघर्ष विराम हो सके. बैरक ने यह भी कहा कि इस हिंसा के लिए जिम्मेदार अपराधियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. अमेरिका का यह रुख दिखाता है कि वह इस क्षेत्र में स्थिरता चाहता है और अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए चिंतित है.
सीरिया में ड्रूज समुदाय की स्थिति क्या है?
सीरिया में कितने ड्रूज रहते हैं? सीरिया के अंदर करीब 7 लाख ड्रूज रहते हैं. देश में सबसे ज्यादा ड्रूज स्वेइदा प्रांत में केंद्रित हैं, जहां वे एक महत्वपूर्ण आबादी का हिस्सा हैं. सीरियाई कब्जे वाले गोलान हाइट्स में भी 29 हजार से ज्यादा ड्रूज नागरिक रहते हैं. ये ड्रूज लोग खुद को सीरियाई नागरिक मानते हैं और उन्होंने इजरायल द्वारा दी गई नागरिकता के प्रस्तावों को कई बार ठुकरा दिया है. यह उनकी सीरियाई पहचान के प्रति उनकी गहरी निष्ठा को दर्शाता है. सीरिया में युद्ध और अशांति के माहौल में ड्रूज समुदाय को भी काफी संघर्षों का सामना करना पड़ा है, जिससे उनकी सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा बन गई है.
इजरायल के भीतर ड्रूज समुदाय की भूमिका और पहचान
इजरायल में भी करीब 150,000 ड्रूज समुदाय के नागरिक रहते हैं. इन ड्रूज लोगों ने इजरायली नागरिकता ले रखी है और वे इजरायली समाज का एक अभिन्न अंग हैं. कई ड्रूज नागरिक इजरायली सेना में भी सेवा करते हैं, और उन्हें देश के प्रति उनकी निष्ठा के लिए जाना जाता है. इजरायल के भीतर ड्रूज समुदाय के साथ इजरायल सरकार के अच्छे संबंध हैं, और यही कारण है कि इजरायल सीरिया में अपने ड्रूज भाइयों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है. यह स्थिति इजरायल के लिए एक जटिल कूटनीतिक और सैन्य चुनौती पेश करती है, जहां उसे अपने सीमावर्ती क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखते हुए एक अल्पसंख्यक समुदाय के हितों की रक्षा करनी है.




