यह चमत्कार वरदान से कम नहीं: पहली बार HIV से ठीक हुई पीड़ित महिला, यह कैसे हुआ
HIV patient cured: मेडिकल क्षेत्र में अमेरिका के वैज्ञानिकों ने बहुत बड़ा चमत्कार कर दिखाया है और यह चमत्कार मानवजाति के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। वैज्ञानिकों ने एक HIV जैसी लाइलाज बीमारी से ग्रसित महिला का सफल उपचार कर दिया है। डॉक्टर्स ने नए स्टेम सेल (कोशिका) में ट्रांसप्लांट करके HIV का इलाज किया है।
यह दुनिया का ऐसा पहला मामला है जब HIV से ग्रसित किसी महिला का पूरी तरीके से इलाज कर दिया गया हो हालांकि इससे पहले 2 पुरुषों को इस खतरनाक बीमारी से बचाया गया था लेकिन इलाज की तकनीक पुरानी थी। महिला का इलाज नई तकनीक से हुआ है.
ये चमत्कार हुआ कैसे
वैसे तो HIV एक जानलेवा और कभी ना ठीक होने वाली बीमारी होती है, जो इंसान के इम्यून सिस्टम को तहसनहस कर देती है। HIV का अर्थ ह्यूमन इम्यूनो डेफिशिएंसी वायरस कहा जाता है। जिस महिला का इलाज किया गया है उनके खून से स्टेम सेल्स को निकाला गया था, जिसके बाद वो पूरी तरह स्वस्थ हो गई। इसमें एक डोनर के अम्बिलिकल कॉर्ड (गर्भनाल) के रक्त का इस्तेमाल किया गया है। उस रक्त से स्टेम सेल्स को निकला गया था।
स्टेम सेल क्या होता है
स्टेम सेल गंभीर बिमारियों से लड़ने में मदद करता है, जब कोई वायरस इंसानी कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है तो स्टेम सेल्स उसे रिकवर करते हैं और कोशिकाओं को पुनर्जीवित करते हैं।
तो क्या अब HIV से ग्रसित हर शख्स को इलाज मिलेगा
यह कारनामा अमेरिका में हुआ है, मेडिकल साइंस की दुनिया में अमेरिका राजा है और वहां के डॉक्टर्स लोगों को मौत के गले से बाहर खींच लेते हैं. रही बात HIV से ग्रसित लोगों के इलाज करने की तो फ़िलहाल के लिए अमेरिका में हर साल सिर्फ 50 लोगों का इलाज इस तकनीक से सम्भव है। यह संख्या बहुत कम है लेकिन कम से कम इलाज मिल गया है ये बहुत बड़ी उपलब्धि है। अच्छी बात तो यह है कि डोनर के अम्बिलिकल कॉर्ड (गर्भनाल) से निकाले सेल्स रिसीवर से पूरी तरह मैच ना करें फिर भी कोई दिक्क्त वाली बात नहीं है। इससे डोनर मिलने में आसानी होगी।आपको यह जानकर हैरानी होगी कि सिर्फ अमेरिका में 12 लाख लोग HIV से ग्रसित हैं और जीवन से संघर्ष कर रहे हैं.
पहले भी 2 लोग ठीक हुए
इससे पहले भी अमेरिका के 2 नागरिकों का HIV ट्रीटमेंट सफल हुआ था, हालांकि उनमे से एक की मौत 12 साल बाद कैंसर से हो गई थी और दूसरा अभी भी सामान्य जीवन जी रहा है, दोनों का इलाज बोन मैरो स्टेम सेल्स को ट्रांसप्लांट करके किया गया था. वो भाग्यशाली भी थे क्योंकि उनके डोनर्स में इस तरह का म्यूटेशन पाया गया था जो HIV के संक्रमण को रोकने में मददगार साबित हुआ था। दुनिया में ऐसे सिर्फ 20 हज़ार डोनर्स है जिनमे ऐसा म्यूटेशन मिला है।