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Google ने किया भारत सरकार के New IT Rules का समर्थन, पिचई बोलें - जहां काम, वहां के स्थानीय कानूनों का सम्मान करेंगे

Aaryan Dwivedi
27 May 2021 9:47 PM GMT
Google ने किया भारत सरकार के New IT Rules का समर्थन, पिचई बोलें - जहां काम, वहां के स्थानीय कानूनों का सम्मान करेंगे
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New IT Rules in India / गूगल के सीईओ सुन्दर पिचई (Sundar Pichai, CEO, Google) ने कहा है कि जिस देश में हम काम करते हैं, उस देश के स्थानीय कानूनों का हमेशा सम्मान करते हैं. इसके अलावा, हम सकारात्मक रूप से काम करते हैं. जब हम सरकारी अनुरोधों का पालन करते हैं तो पारदर्शिता रिपोर्ट में उसका उल्लेख भी करते हैं.

भारत सरकार के नए आईटी कानूनों (New IT Rules in India) का भले ही कुछ विदेशी कंपनियां विरोध कर रही हो, लेकिन Google के द्वारा नए कानूनों का समर्थन किया गया है.

New IT Rules in India / गूगल के सीईओ सुन्दर पिचई (Sundar Pichai, CEO, Google) ने कहा है कि जिस देश में हम काम करते हैं, उस देश के स्थानीय कानूनों का हमेशा सम्मान करते हैं. इसके अलावा, हम सकारात्मक रूप से काम करते हैं. जब हम सरकारी अनुरोधों का पालन करते हैं तो पारदर्शिता रिपोर्ट में उसका उल्लेख भी करते हैं.

एशिया-प्रशांत क्षेत्र के चुने हुए संवाददाताओं के ऑनलाइन सम्मेलन को संबोधित करते हुए गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने गुरुवार को कहा कि कंपनी स्थानीय कानूनों का पालन करने और तेजी से बदलती तकनीकी दुनिया में सरकार के साथ रचनात्मक रूप से जुड़ने को लेकर प्रतिबद्ध है.

पिचाई ने कहा कि स्वतंत्र और खुला इंटरनेट जरूरी है और भारत में इसकी लंबी परंपरा रही है. एक कंपनी के रूप में स्वतंत्र और खुले इंटरनेट के मूल्यों को लेकर हमारा रुख स्पष्ट है. इसका अपना फायदा है और हम इसकी वकालत करते हैं. हम दुनियाभर के नियामकों के साथ रचनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं. इन प्रक्रियाओं में हम भाग लेते हैं. मुझे लगता है कि यह एक प्रक्रिया है कि हम किस तरह सीखते हैं.

उन्होंने आगे कहा कि कंपनी विधायी प्रक्रियाओं का सम्मान करती है और जरूरत पड़ने पर पीछे भी हटती है. यह एक संतुलन है, जिसे हमने दुनियाभर में बना रखा है. उन्होंने उल्लेख किया कि तकनीक का समाज से संपर्क बहुत गहरा है और इस क्षेत्र में तेजी से बदलाव आ रहा है.

उन्होंने कहा, हम सरकार द्वारा जांच करने और नियामक ढांचा बनाने के अधिकार का पूरी तरह सम्मान करते हैं. चाहे यह यूरोप में कापीराइट निर्देशों की बात हो या भारत में सूचना संबंधी नियमन. हम इसे समाज के प्राकृतिक हिस्से के रूप में देखते हैं.

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