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नेपाल के बाद अब फ्रांस में प्रदर्शन: सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे लाखों लोग, राष्ट्रपति मैक्रों के इस्तीफे की मांग; 80 हजार पुलिसकर्मी मोर्चा संभाल रहें, 300 उपद्रवी गिरफ्तार

Rewa Riyasat News
10 Sept 2025 6:54 PM IST
नेपाल के बाद अब फ्रांस में प्रदर्शन: सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे लाखों लोग, राष्ट्रपति मैक्रों के इस्तीफे की मांग; 80 हजार पुलिसकर्मी मोर्चा संभाल रहें, 300 उपद्रवी गिरफ्तार
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फ्रांस में बजट कटौती और मैक्रों की नीतियों के विरोध में बड़ी संख्या में प्रदर्शन हुए। 300 से अधिक गिरफ्तारियां और आगजनी की घटनाएं।

नेपाल में हाल के आंदोलनों के बाद अब फ्रांस में भी सरकार विरोधी प्रदर्शनों की लहर देखने को मिल रही है। बुधवार को 1 लाख से अधिक लोग रेन शहर समेत कई अन्य इलाकों में सड़क पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों ने बसों में आग लगाई और बिजली लाइन को नुकसान पहुंचाकर ट्रेन सेवाओं को बाधित किया। गृह मंत्री ब्रूनो रेतेयो ने प्रदर्शनकारियों पर विद्रोह का माहौल बनाने का आरोप लगाया।

प्रदर्शन की प्रमुख वजहें

1. राष्ट्रपति मैक्रों की नीतियां: आम जनता का मानना है कि उनकी नीतियां मध्यमवर्ग और श्रमिक वर्ग के हितों के खिलाफ हैं और अमीरों को लाभ पहुंचाती हैं।
2. बजट में कटौती: सरकार ने खर्चों में कटौती की और कल्याणकारी योजनाओं में कमी की, जिससे आर्थिक दबाव बढ़ा।
3. 2 साल में लगातार पांचवें प्रधानमंत्री: हाल ही में सेबास्टियन लेकोर्नू को प्रधानमंत्री बनाया गया, जो दो साल में पांचवे पीएम हैं। इससे अस्थिरता और असंतोष बढ़ा।
4. 'ब्लॉक एवरीथिंग' आंदोलन: वामपंथी गठबंधन और जमीनी संगठनों ने आंदोलन शुरू किया ताकि देश में सबकुछ ठप करके सरकार को दबाव में लाया जा सके।

सरकार की सुरक्षा व्यवस्था और पुलिस तैनाती

सरकार ने प्रदर्शन के मद्देनजर 80 हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया। पेरिस और अन्य शहरों में सुरक्षा बढ़ाई गई। कई स्थानों पर सड़कें खाली करवाई गईं, जबकि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल लगाया गया।

आगजनी की घटनाएं

अब तक 300 से ज्यादा उपद्रवी गिरफ्तार किए गए हैं, जिनमें 171 लोग पेरिस में पकड़े गए। कुल करीब 29 हजार लोग प्रदर्शन में शामिल हुए। सुबह से 106 जगहों पर सड़कें खाली करवाई गईं और 105 आगजनी की घटनाएं दर्ज की गईं। इस दौरान चार सुरक्षाकर्मी हल्के रूप से घायल हुए।

वामपंथी और मजदूर संगठनों का समर्थन

वामपंथी दल और मजदूर संघठनों ने प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया। फ्रांस अनबाउड के नेता जां-ल्यूक मेलेंशों ने आंदोलन का समर्थन किया। दो प्रमुख मजदूर संघ भी प्रदर्शन में शामिल हुए। हालांकि अधिकांश यूनियनों ने 18 सितंबर की राष्ट्रीय हड़ताल का इंतजार किया है।

FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Q1. फ्रांस में प्रदर्शन क्यों हो रहे हैं?
Ans: बजट कटौती, राष्ट्रपति मैक्रों की नीतियों और नए प्रधानमंत्री की नियुक्तियों के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं।

Q2. 'ब्लॉक एवरीथिंग' आंदोलन क्या है?
Ans: यह वामपंथी और जमीनी संगठनों का आंदोलन है, जिसमें सबकुछ ठप करके सरकार को दबाव में लाने की कोशिश की जा रही है।

Q3. अब तक कितने लोग गिरफ्तार हुए?
Ans: बुधवार तक 300 से अधिक प्रदर्शनकारी गिरफ्तार किए गए हैं, जिनमें 171 पेरिस में शामिल हैं।

Q4. पुलिस ने प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए क्या किया?
Ans: 80 हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया, कई सड़कें खाली करवाई गईं और भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की गई।

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