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इजराइल-ईरान में सीधी जंग: इजराइल ने 200 फाइटर जेट से ईरान के परमाणु ठिकानों पर किया हमला, ईरान ने 100 ड्रोन भेजे, इजराइल ने सभी को हवा में मार गिराया

इजराइल-ईरान में सीधी जंग: इजराइल ने 200 फाइटर जेट से ईरान के परमाणु ठिकानों पर किया हमला, ईरान ने 100 ड्रोन भेजे, इजराइल ने सभी को हवा में मार गिराया
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इजराइल और ईरान के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है। इजराइल ने शुक्रवार सुबह ईरान के 6 सैन्य और परमाणु ठिकानों पर 200 फाइटर जेट से हमला किया, जिसमें ईरान के इस्लामिक रेवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के कमांडर हुसैन सलामी और दो परमाणु वैज्ञानिकों की मौत हो गई। इस हमले के जवाब में ईरान ने इजराइल पर 100 से अधिक ड्रोन दागे हैं, जिन्हें इजराइल हवा में ही गिराने का दावा कर रहा है।

मध्य-पूर्व में तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है और इजराइल तथा ईरान के बीच सीधी जंग के हालात बन गए हैं। इजराइल ने शुक्रवार, 13 जून, 2025 की सुबह ईरान के खिलाफ एक बड़ी और अप्रत्याशित सैन्य कार्रवाई करते हुए उसके परमाणु और सैन्य ठिकानों पर 200 से अधिक फाइटर जेट्स से हमला कर दिया। इस हमले में ईरान के इस्लामिक रेवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के एक शीर्ष कमांडर और दो प्रमुख परमाणु वैज्ञानिकों के मारे जाने की खबर है। इस हमले के तुरंत बाद, ईरान ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए इजराइल पर 100 से ज्यादा ड्रोन दाग दिए हैं, जिससे पूरे क्षेत्र में युद्ध की आशंका गहरा गई है।

इजराइल का बड़ा हमला, परमाणु ठिकाने और शीर्ष ईरानी कमांडर निशाने पर

न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइली वायु सेना ने शुक्रवार तड़के ईरान की राजधानी तेहरान के आसपास स्थित कम से कम 6 महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों को अपना निशाना बनाया। चिंताजनक बात यह है कि इन 6 ठिकानों में से 4 जगहों पर ईरान के प्रमुख परमाणु केंद्र भी मौजूद थे, जिन्हें इस हमले में भारी नुकसान पहुंचने की आशंका है।

इस हमले में ईरान को बड़ा झटका लगा है। ईरान के सरकारी मीडिया ने इस बात की पुष्टि की है कि इजराइली हमले में इस्लामिक रेवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के कमांडर हुसैन सलामी की मौत हो गई है। वहीं, कतर के समाचार नेटवर्क अल-जजीरा के मुताबिक, इस हमले में ईरान के दो प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक, मोहम्मद मेहदी तेहरानची और फरदून अब्बासी, भी मारे गए हैं।

इजराइल ने यह भी दावा किया है कि इस हमले में ईरान के आर्मी चीफ मोहम्मद बाघेरी और कुछ अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारी व कई वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिक भी मारे गए हैं। हालांकि, ईरान की ओर से अभी तक इन अन्य मौतों की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।

ईरान की तत्काल जवाबी कार्रवाई

इजराइल के इस बड़े हमले के कुछ ही घंटों के भीतर ईरान ने अपनी जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामनेई ने एक कड़ा बयान जारी करते हुए कहा कि "हमारी सेना इजराइल को इस गुस्ताखी की सजा दिए बिना नहीं जाने देगी।" इस बयान के तुरंत बाद ईरान ने इजराइल की दिशा में 100 से भी अधिक ड्रोन हमले किए।

इजराइल का मजबूत डिफेंस सिस्टम, सभी ड्रोन्स हवा में मार गिराए

हालांकि, इजराइली सेना (IDF) ने दावा किया है कि उनके लड़ाकू विमान और एयर डिफेंस सिस्टम ईरान के इन ड्रोन्स को इजराइल की सीमा के बाहर ही हवा में सफलतापूर्वक नष्ट कर दे रहे हैं। IDF ने एक बयान में कहा, "अभी तक एक भी ड्रोन इजराइल की सीमा में प्रवेश नहीं कर पाया है और स्थिति पूरी तरह से हमारे नियंत्रण में है।" इस बीच, इजराइल के होम फ्रंट कमांड ने अपने नागरिकों के लिए एक अपडेट जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि लोगों को अब बम शेल्टर के पास रहने की जरूरत नहीं है, लेकिन बड़े पैमाने पर भीड़ जमा करने पर पाबंदी अभी भी लागू रहेगी।

इजराइल का सीक्रेट 'ईरानी ड्रोन बेस' ऑपरेशन

'टाइम्स ऑफ इजराइल' ने एक वरिष्ठ इजराइली सुरक्षा अधिकारी के हवाले से इस हमले की हैरान कर देने वाली योजना का खुलासा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस हमले को अंजाम देने के लिए इजराइली सेना (IDF) और उसकी खुफिया एजेंसी मोसाद ने मिलकर एक अत्यंत गुप्त और साहसी योजना बनाई थी।

इस योजना के तहत, मोसाद के एजेंट्स ने पहले ईरान के अंदर ही, तेहरान के पास, एक छिपा हुआ ड्रोन बेस स्थापित किया। इसके बाद गुप्त रूप से वहां हथियार और ड्रोन के पुर्जे पहुंचाए गए और रातों-रात ड्रोन को हमले के लिए तैयार किया गया। इन ड्रोन्स का इस्तेमाल ईरान के उन मिसाइल लॉन्चरों को निशाना बनाकर नष्ट करने के लिए किया गया, जिन्हें इजराइल पर दागे जाने की तैयारी थी।

इसके अलावा, चोरी-छिपे ईरान में लाए गए अन्य उन्नत हथियारों से ईरान के कुछ एयर डिफेंस सिस्टम्स को भी तबाह कर दिया गया, जिससे इजराइली लड़ाकू विमानों को ईरान के हवाई क्षेत्र में बिना किसी बड़ी रोक-टोक के उड़ने और अपने निर्धारित लक्ष्यों पर सफलतापूर्वक हमला करने का मौका मिला। अधिकारी के अनुसार, यह पूरा ऑपरेशन इतना गुप्त रखा गया था कि ईरानी खुफिया एजेंसियों को इसकी भनक तक नहीं लग सकी।

इजराइल की सफाई: 'हमला मजबूरी में लिया गया फैसला, हमारे पास कोई और विकल्प नहीं था'

इस बड़ी और जोखिम भरी सैन्य कार्रवाई पर इजराइल के विदेश मंत्री गिदोन सार ने कहा है कि ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हमला करना एक मजबूरी में और बहुत सोच-समझकर लिया गया फैसला था। उन्होंने जर्मन विदेश मंत्री जोहान वेडेफुल से टेलीफोन पर हुई बातचीत में कहा कि यह फैसला तब लिया गया जब बातचीत और कूटनीति के बाकी सभी रास्ते बंद हो चुके थे। सार ने कहा, "ईरान किसी भी सूरत में अपने परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए तैयार नहीं था, इसलिए उसे रोकना जरूरी हो गया था।" उन्होंने अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की उस हालिया रिपोर्ट का भी हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम में गंभीर उल्लंघन किए हैं, जो अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बन रहे थे। उन्होंने कहा, "हमारे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा था।"

इजराइल में अफरा-तफरी का माहौल, एयरपोर्ट बंद, विमान देश से बाहर भेजे गए

ईरान के जवाबी ड्रोन हमलों की आशंका और युद्ध की स्थिति को देखते हुए इजराइल में अफरा-तफरी का माहौल है। इजराइल की दो प्रमुख एयरलाइंस कंपनियों, एल अल (El Al) और अर्किया (Arkia), ने एहतियात के तौर पर अपने सभी विमानों को देश से बाहर सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की घोषणा की है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, तेल अवीव स्थित बेन गुरियन अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के अधिकारियों ने कहा कि सभी विमान बिना यात्रियों के सुरक्षित यूरोपीय और अन्य हवाई अड्डों पर भेजे जा रहे हैं। एयरपोर्ट को अगली सूचना तक के लिए बंद कर दिया गया है। उड़ानों पर नजर रखने वाली वेबसाइटों पर तेल अवीव से कई विमानों को उड़ान भरते देखा गया, जिनमें से कुछ साइप्रस और अन्य यूरोप के अलग-अलग एयरपोर्ट्स की तरफ जा रहे थे।

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