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Blue Origin: Jeff Bezos अब खुद का Space Station बनाने वाले हैं, आम इंसान भी कर सकेगा अंतरिक्ष की सैर

Blue Origin: Jeff Bezos अब खुद का  Space Station बनाने वाले हैं, आम इंसान भी कर सकेगा अंतरिक्ष की सैर
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Blue Origin: अमेज़न के मालिक Jeff Bezos की कंपनी ब्लू ओरिजिन साल 2025 तक अपना खुद का स्पेस स्टेशन अंतरिक्ष में लांच करेगी

Blue Origin: Amazon के मालिक जेफ़ बेजोस (Jeff Bezos) की कंपनी ब्लू ओरिजिन (Blue Origin) अब अंतरिक्ष में खुद का स्पेस स्टेशन लांच करने की तैयारी कर रही है। इसके बाद स्पेस सिर्फ एस्ट्रोनॉट और अंतरिक्ष खोजकर्ताओं तक सीमित नहीं रह जाएगा बल्कि आम इंसान भी अंतरिक्ष की सैर कर सकेगा। कंपनी ने धरती की कक्षा में निजी अंतरिक्ष केंद्र (Orbital Reef) बनने की प्लानिंग की है। जेफ़ बेजोस ने इस प्रोजेक्ट का एलान करते हुए एक वीडियो भी जारी किया है। जिसमे ये बताया गया है कि ऑर्बिटल रीफ कैसे होगा और ये काम क्या करेगा। खास बात ये है कि इस स्पेस स्टेशन में 10 लोगों के रहने की जगह होगी और इसे साल 2025 तक बना कर अंतरिक्ष में लांच कर दिया जाएगा।

क्या है Space Station

स्पेस स्टेशन होता क्या है इसके बारे में हम आपको यही बताएगें लेकिन उससे पहले ये जान लीजिये कि ब्लू ओरिजिन का ऑर्बिटल रीफ क्या है। ये एक स्पेस स्टेशन है जो धरती की लोअर ऑर्बिट पर बनाया जाएगा। ये एक बिज़नेस पार्क होगा जहाँ शोध, उद्योग, टूरिज्म और अंतर्राष्ट्रीय व्यावसायिक ग्राहकों के लिए होगा। मतलब ऐसे ही कोई मुँह उठाए स्पेस स्टेशन में नहीं चला जाएगा इसके लिए अच्छा खासा चार्ज देना पड़ेगा। ब्लू ओरिजिन अपने स्पेस स्टेशन का इस्तेमाल अंतरिक्ष परिवहन, लॉजिस्टिक्स और रहने के लिए करेगा। जो लोग इसका सफर करेंगे वो एक दिन में 32 बार सूर्योदय और सूर्यास्त देख सकेंगे और अपनी पृथ्वी के साथ अंतरिक्ष से तारों, ग्रहों और वहां की खूबसूरती का नज़ारा ले सकेंगे।

blue origin का वीडियो देखिये

500 किलोमीटर ऊपर रहेगा ऑर्बिटल रीफ (Orbital Reef)

ब्लू ओरिजिन द्वारा जारी फैक्ट शीट में ये बताया गया है कि ऑर्बिटल रीफ 500 किलोमीटर की उचाई पर उड़ान भरेगा जो की इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से भी थोड़ा ऊपर है। अब ये इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन क्या है इसके बारे में भी हम आपको निचे बताएंगे ठीक है ना। हां तो ऑर्बिटल रीफ का आयतन 830 क्यूबिक मीटर है और इसमें 10 लोगों के रहने की फुल व्यवस्था होगी। Blue Origin के एडवांस डेवलोपमेन्ट प्रोग्राम के वरिष्ठ उपाध्यक्ष ब्रेंट शेरवुड (Brent Sherwood) ने कहा है कि 60 सालों से ज़्यादा वक़्त से नासा (NASA) और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियों ने कक्षीय अंतरिक्ष उड़ान और अंतरिक्ष आवास विकसित किया है, जो हमें इस दशक में वाणिज्यिक व्यवसाय के लिए स्थापित कर रहा है. उन्होंने कहा है कि हम इस एक्ससेस का विस्तार करेंगे इसकी लागत कम करेंगे और अंतरिक्ष की उड़न को सामान्य बनाने के लिए सेवाए और सुविधाएं देंगे। .ऑर्बिटल रीफ पृथ्वी की निचली कक्षा में बिजनेस इकोसिस्टम को विकसित करने के लिए नई खोज नए उत्पाद, और मनोरंजन के साथ अंतरिक्ष के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए बनाया गया है।

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन क्या है (What is International Space Station)


इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (International Space Station) एक ऐसा विमान है जिसमे दुनिया के कुछ चुनिंदा देशों की स्पेस संस्था के वैज्ञानिक स्पेस की गतिविधियों पर नज़र रखते हैं और रिसर्च करते रहते हैं। स्पेस स्टेशन कभी पृत्वी में नहीं आता एक बार यहाँ से भेजे जाने के बाद वो वापस नहीं लौटता लेकिन स्पेस स्टेशन में पृथ्वी से वैज्ञानिक राकेट के ज़रिये वहां जाते और आते रहते हैं। वैज्ञानिक लोग वहां 6-6 महीने रहते हैं। साल 2018 से पृथ्वी से सैकड़ों किलीमीटर दूर 2 स्पेस स्टेशन हैं जिसमे एक है इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन और दूसरा चीन का Tiangong-2 . पिछले स्टेशनों में अल्माज़ और Salyut series, स्काइलैब, मीर और हाल ही में Tiangong-1 शामिल हैं. अंतरिक्ष में स्पेस स्टेशन इसलिए बनाया गया है ताकि वैज्ञानिक लंबे समय तक अंतरिक्ष में काम कर सकें. ये स्पेस स्टेशन पृथ्वी से 248 किलोमीटर दूर है. और 17500 किलोमीटर की रफ़्तार से धरती का चक्कर काटता है। सिर्फ 90 मिनट में धरती का एक चक्कर पूरा हो जाता है ये उतनी ही दूरी है जितनी चाँद से वापस आने में लगती है। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में NASA, Russia का Roscosmos State Corporation, European Space Agency, the Canadian Space Agency और Japan Aerospace Exploration एजेंसियों काम कर रही हैं. और अबतक धरती से 18 देशों के 230 व्यक्तियों ने इसका दौरा किया है।


Abhijeet Mishra | रीवा रियासत

Abhijeet Mishra | रीवा रियासत

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