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विंध्य में Black Fungus का यह पहला मामला, Covid हुआ ही नहीं, फिर भी युवक हुआ शिकार

विंध्य में Black Fungus का यह पहला मामला, Covid हुआ ही नहीं, फिर भी युवक हुआ शिकार
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विंध्य में Black Fungus का यह पहला मामला, Covid हुआ ही नहीं, फिर भी युवक हुआ शिकार..रीवा : एसजीएमएच (SGMH) के डॉक्टरों की मुश्किलें ब्लैक फंगस को लेकर बढ़ गई हैं। रीवा में विंध्य का ऐसा पहला मामला सामने आया है, जिसकी कोविड हिस्ट्री (Covid History) ही नहीं मिल है। ऑक्सीजन (Oxygen)और स्टेराइड (Steroid)  भी नहीं लगा। फिर भी आंखें ब्लैक फंगस (Black Fungus) के कारण इन्फेक्टेड हुई। डॉक्टर फिलहाल मरीज की जांच और इलाज कर रहे हैं।

विंध्य में Black Fungus का यह पहला मामला, Covid हुआ ही नहीं, फिर भी युवक हुआ शिकार

रीवा : एसजीएमएच (SGMH) के डॉक्टरों की मुश्किलें ब्लैक फंगस को लेकर बढ़ गई हैं। रीवा में विंध्य का ऐसा पहला मामला सामने आया है, जिसकी कोविड हिस्ट्री (Covid History) ही नहीं मिल है। ऑक्सीजन (Oxygen)और स्टेराइड (Steroid) भी नहीं लगा। फिर भी आंखें ब्लैक फंगस (Black Fungus) के कारण इन्फेक्टेड हुई। डॉक्टर फिलहाल मरीज की जांच और इलाज कर रहे हैं।

ज्ञात हो कि कोरोना वायरस (Corona Virus)से प्रभावित मरीजों के आंखों में ब्लैक फंगस हमला करने लगा है। इम्यून सिस्टम कमजोर होने पर ब्लैक फंगस मरीजों की जान तक ले रहा है। अब तक डॉक्टर ऐसे मरीजों को सिर्फ कोविड के इलाज में उपयोग होने वाली दवाइयों का साइड इंफेक्ट ही मान रहे थे। लेकिन अब नए मामले डॉक्टरों को परेशान करने लगे हैं। कोविड की बिना हिस्ट्री वाले मरीज भी अस्पताल पहुंच रहे हैं।

रीवा मेडिकल कॉलेज (Rewa Medical College) में ऐसा ही एक मामला सामने आया है। संजय गांधी अस्पताल (Sanjay Gandhi Hospital) में भर्ती कर युवक की जांच की जा रही है। अभी तक डाग्यनोस में फंगल इन्फेक्शन के लक्षण मिले हैं। इलाज जारी है, लेकिन जांच में मरीज की हिस्ट्री कोविड से जुड़ी हुई नहीं मिली। मरीज की हिस्ट्री ने अब डॉक्टरों के शोध और रिसर्च को ही उलझा दिया है। यदि ऐसा हुआ तो यह लोगों के लिए सबसे बड़ा खतरा है।

यह भी संभव है

कोरोना की पहली लहर में अधिकांश लोग प्रभावित हुए थे। कई लोग पहली लहर में संक्रमित हुए लेकिन दवाइयां लेकर घरों में ही ठीक हो गए थे। उन्हें जांच कराने की जरूरत भी नहीं पड़ी थी। अब ऐसे में लोगों की कोविड हिस्ट्री नहीं थे लेकिन संक्रमित जरूर हुए।

अब इस दूसरी लहर में जब ब्लैक फंगस का लोग शिकार हो रहे हैं तो उनकी हिस्ट्री भी नहीं मिल रही है। ऐसे में वह सभी लोग प्रभावित हो सकते हैं, जिन्होंने पहली लहर के दौरान सिर्फ दवाइयों से ही खुद को ठीक कर लिया था।

फंगस टेस्ट भी हुआ शुरू

संजय गांधी अस्पताल में फंगस इन्फेक्शन से प्रभावित मरीजों की जांच एमआरआई से की जा रही है। लक्षण देखे जा रहे हैं। इसके साथ ही माइक्रोबायलॉजी विभाग में फंसग कल्चर भी शुरू कर दिया गया है। प्रभावित मरीजों का सेम्पल कलेक्टर कर कल्चर कराया जा रहा है। इसकी रिपोर्ट 24 घंटे में आ रही है।

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