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विंध्य प्रदेश के लिए लड़ाई हुई तेज, अब विधायक नारायण त्रिपाठी ने लिखा प्रधानमंत्री मोदी को पत्र : Vindhya News

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:48 AM GMT
विंध्य प्रदेश के लिए लड़ाई हुई तेज, अब विधायक नारायण त्रिपाठी ने लिखा प्रधानमंत्री मोदी को पत्र : Vindhya News
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विंध्य प्रदेश के लिए लड़ाई हुई तेज, अब विधायक नारायण त्रिपाठी ने लिखा प्रधानमंत्री मोदी को पत्र : Vindhya News विंध्य प्रदेश बनाने का बीड़ा उठा

विंध्य प्रदेश के लिए लड़ाई हुई तेज, अब विधायक नारायण त्रिपाठी ने लिखा प्रधानमंत्री मोदी को पत्र : Vindhya News

रीवा (Vindhya News) । विंध्य प्रदेश बनाने का बीड़ा उठा चुके मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अलग विंध्य की प्रदेश की मांग की है। अपने पत्र में नारायण त्रिपाठी ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा है कि छोटे राज्यों के गठन से विकास को स्वाभाविक गति मिलती है। नारायण त्रिपाठी ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि विन्ध्य प्रदेश का पहले अलग अस्तित्व थाए लेकिन मध्य प्रदेश के गठन के बाद उसका विलय इसी राज्य में कर दिया गया।

उन्होंने इसका विपरीत प्रभाव बताते हुए लिखा है कि विन्ध्य क्षेत्र का विकास काफी समय से ठप पड़ चुका है। मैहर विधायक ने पीएम को लिखा है कि विन्ध क्षेत्र में शिक्षाए स्वास्थ्यए इंफ्रास्ट्रक्चर के विकासए प्रशासनिक सुदृढ़ता और मजबूत कानून व्यवस्था के लिए यह बेहद जरूरी है कि यह मध्य प्रदेश से अलग होकर एक स्वतंत्र राज्य बने। उन्होंने पत्र में उल्लेख किया है कि स्वतंत्रता के बाद वर्ष 1948 में विंध्य प्रदेश का गठन समीपवर्ती रियासतों का विलय कर किया गया था। लेकिन 1956 में जनभावनाओं के खिलाफ इसका विलय मध्यप्रदेश में कर दिया गया।

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हालांकि उस समय रीवा को राजधानी जैसा दर्जा दिये जाने का आश्वासन दिया गया। लेकिन विलय के बाद रीवा विकास की मुख्य धारा से अलग होता गया। विधायक ने कहा है कि विंध्य प्रदेश अलग राज्य था जिससे यहां रहवासियों में पृथक विंध्य को लेकर भावना गहरी है।

विंध्य प्रदेश के लिए लड़ाई हुई तेज, अब विधायक नारायण त्रिपाठी ने लिखा प्रधानमंत्री मोदी को पत्र : Vindhya News

जनभावनाओं का सम्मान करें

विधायक ने पत्र में लिखा है कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी का मानना था कि छोटे राज्यों के बनने से वहां की स्थानीय समस्याओं का हल आसानी से होता है। भाजपा नेतृत्व की सरकार ने छत्तीसगढ़, झारखंड, उत्तराखंड राज्यों का गठन किया, जो अब तेजी से विकास की ओर अग्रसर हैं। जबकि आज भी विंध्य क्षेत्र बेरोजगारी, पलायन, उच्च शिक्षा, स्वास्थ्य संस्थाओं के अभावों से जूझ रहा है।

उन्होंने बताया है कि विंध्य क्षेत्र की जनभावनाओं का सम्मान करते हुए वर्ष 2000 में मध्यप्रदेश विधानसभा ने पृथक विंध्य प्रदेश के निर्माण संबंधी संकल्प पारित कर केंद्र सरकार को भेजा था जो लंबित है। विधायक नारायण त्रिपाठी ने मांग की है कि स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के सपनांे को साकार करते हुए विंध्य की जनभावनाओं के सम्मान के लिए एवं क्षेत्र को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने पृथक विंध्य प्रदेश के गठन की समुचित कार्यवाही की जाय।

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