मध्यप्रदेश

विंध्य में MAIHAR जिला बनने के बाद SATNA को संभाग, REWA के MAUGANJ को जिला बनाने की उठी मांग, पढ़िए

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:15 AM GMT
विंध्य में MAIHAR जिला बनने के बाद SATNA को संभाग, REWA के MAUGANJ को जिला बनाने की उठी मांग, पढ़िए
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विंध्य क्षेत्र में मैहर को जिला बनाए जाने की घोषणा के बाद अब त्योंथर और मऊगंज को जिला तथा सतना को संभाग बनाने की मांग को

विंध्य क्षेत्र में मैहर को जिला बनाए जाने की घोषणा के बाद अब त्योंथर और मऊगंज को जिला तथा सतना को संभाग बनाने की मांग को लेकर भी लामबंदी शुरू हो गई है। वैसे तो सतना को 11वां संभाग बनाए जाने के लिए संघर्ष समिति कई सालों से संघर्ष कर रही है,और चित्रकूट को जिला एवं सतना को संभागीय मुयालय बनाने की मांग कर रही है।

वैसे तो भौगोलिक और राजनीतिक दृष्टि से मऊगंज के जिले का दावा ज्यादा मजबूत रहा है,इसकी मांग वर्ष 1982 से चली आ रही है। भाजपा की 15 साल रही सरकार ने तीन चुनावों यह वादा जनता से किया था कि अगर यहां से भाजपा का विधायक बनता है तो इसे जिला बना दिया जाएगा। पर भाजपा नहीं जीती। वर्ष 18 के चुनाव में भाजपा जीती तो प्रदेश में सरकार नहीं बनी। हालांकि भाजपा विधायक प्रदीप पटेल ने 20 फरवरी को विधानसभा में अशासकीय संकल्प के माध्यम से मांग उठाई थी कि मऊगंज ,रीवा जिला से 70 किलोमीटर दूर है,मऊगंज और हनुमना का क्षेत्रफल जिला बनाने के लिए उपयुक्त है, क्षेत्र की जनता को अपना काम कराने लबी दूरी तय करना पड़ता है, साथ ही जिला बनने से क्षेत्र के विकास को भी पंख लग जाएंगे, और जनता को भी लाभ होगा। वैसे मऊगंज को जिला बनाने के लिए 2007 से को जिला निर्माण संघर्ष परिषद मांग कर रही है। यहां बसपा और कांग्रेस के विधायकों ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। इधर उप्र की सीमा से लगा त्योंथर क्षेत्र भी जिला बनने की काबिलियत रखता है। कई दशकों से यह क्षेत्र भी विकास की पीड़ा के दंश झेल रहा है। यहां के लोग भी लाम

मैहर में 3 तहसीलें,913 गांव

नए बने मैहर जिले में मैहर के अलावा अमरपाटन, रामनगर और उचेहरा तहसील के 20 राजस्व सर्किल के 913 गांव आएंगे। नए जिले का कुल क्षेत्रफल 3 लाख 23 हजार 953 हेक्टेयर होगा। उचेहरा का परसमिनया पठार जल्दी ही मैहर जिले का हिस्सा बनेगा। मैहर जिला मुयालय से सबसे ज्यादा 70 किलोमीटर की दूरी पर रामनगर तहसील का राजस्व सर्किल झिन्ना होगा। जबकि अमरपाटन तहसील के ताला सर्किल की दूरी 60 किलोमीटर होगी। मैहर जिले का निर्माण उचेहरा के 4 में से 3, मैहर के 7, अमरपाटन और रामनगर के 3- 3 राजस्व सर्किल को मिला कर किया जाएगा। 6 जिलों की सीमा : नए मैहर जिले की सीमा 6 अन्य जिलों से जुड़ेगी। जिसमें से उार में सतना, पूर्व में रीवा,सीधी, उमरिया, पश्चिम में पन्ना और दक्षिण में कटनी जिले की सीमा होगी।

मैहर के बाद चित्रकूट

मैहर को जिला बनाए जाने के बाद भगवान कामतानाथ की भूमि चित्रकूट को जिला बनाने की मांग भी की जा रही है। जाना अत्यंत आवश्यक है। सतना संभाग संघर्ष समिति के संयोजक राजीव खरे पहले भी मुयमंत्री कमलनाथ को कई बार पत्र लिख चुके हैं। सतना और पन्ना जिले दोनों ही पिछड़े जिले हैं और दोनों ही विकास की दौड़ में पीछे हैं। इसी प्रकार चित्रकूट भगवान राम की तपोस्थली है लेकिन वह भी उपेक्षा की शिकार रही। चित्रकूट का बड़ा भाग मप्र की सीमा में आता है। उप्र ने तो चित्रकूट को जिला बना दिया लेकिन मप्र ने चित्रकूट को वह स्थान नहीं दिया। चित्रकूट को जिला बनाए जाने से संपूर्ण क्षेत्र का विकास होगा। साथ ही वहां की जनता को आ रही कठिनाइयों से मुक्ति मिलेगी तथा विकास का नया अध्याय प्रारंभ होगा। 11वां संभाग बना तो पन्ना को लाभ : मैहर और चित्रकूट दो नवीन जिले सृजित कर दिए जाते हैं और साथ ही इन दोनों जिलों सहित सागर संभाग के पन्ना जिले को सतना में शामिल कर सतना, पन्ना, मैहर, चित्रकूट को मिलाकर मप्र में 11वां संभाग सतना का सृजन किया जाना यहां के विकास के लिये हितकर होगा। पन्ना की जनता को अभी संभागीय मुयालय के कार्यों के लिये सागर जाना पड़ता है। पन्ना से दूरी लगभग 176 किमी है। लगभग तीन से चार घंटे का समय इस दूरी को तय करने में लगता है। जबकि सतना-पन्ना की दूरी मात्र 65 किमी है। वर्तमान में सतना-पन्ना के मध्य सड़क मार्ग है और निकट भविष्य में ललितपुर-सिंगरौली रेल परियोजना पूर्ण होने पर सतना-पन्ना रेल मार्ग से भी जुड़ जाएगा जिससे भी पन्ना की जनता को सागर की अपेक्षा सतना अत्यधिक सुगम होगा।

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