वाराणसी

काशी में गंगा का विकराल रूप: 84 घाट डूबे, नमो घाट तक पहुंचा पानी; सेल्फी और नाव पर रोंक

Rewa Riyasat News
15 July 2025 7:16 PM IST
वाराणसी के सभी घाट गंगा बाढ़ में जलमग्न
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गंगा के बढ़ते जलस्तर से वाराणसी के 84 घाट जलमग्न

वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है. शहर के सभी 84 घाट पानी में डूब चुके हैं, और सबसे ऊंचे नमो घाट तक पानी पहुंच गया है.

वाराणसी में गंगा का विकराल रूप, घाट हुए जलमग्न: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गंगा नदी अब अपने रौद्र रूप में बह रही है. पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश और ऊपरी इलाकों से आ रहे पानी के कारण गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. इसका नतीजा यह हुआ है कि शहर के सभी 84 ऐतिहासिक घाट पूरी तरह से पानी में समा गए हैं. दशाश्वमेध घाट, अस्सी घाट, मणिकर्णिका घाट और हरिश्चंद्र घाट जैसे प्रसिद्ध घाटों पर बनी सीढ़ियां और चबूतरे अब पूरी तरह पानी के नीचे हैं. घाटों की खूबसूरती पानी में छिप गई है और यहां आने वाले तीर्थयात्री और पर्यटक दूर से ही गंगा के दर्शन कर पा रहे हैं.

नमो घाट तक पहुंचा गंगा का पानी

वाराणसी में गंगा का जलस्तर कितना बढ़ा है? वाराणसी में गंगा के बढ़ते जलस्तर का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पानी अब शहर के सबसे ऊंचे और नए बने नमो घाट तक भी पहुंच गया है. नमो घाट पर बने 'नमस्ते' के चार बड़े स्ट्रक्चर तक पानी पहुंच चुका है, जो आमतौर पर नदी के स्तर से काफी ऊपर होते हैं. यह दिखाता है कि नदी का बहाव कितना तेज और जलस्तर कितना ज्यादा है. प्रशासन ने लोगों को घाटों से दूर रहने और नदी के किनारे न जाने की चेतावनी जारी की है.

नावों और सेल्फी पर लगी रोक, सुरक्षा को प्राथमिकता

गंगा में नावों का संचालन क्यों रुका? गंगा में बाढ़ की स्थिति के कारण जिला प्रशासन ने नावों के संचालन पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. नाविकों ने अपनी नावें सुरक्षित स्थानों पर बांध दी हैं. पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए नाव की सवारी अब संभव नहीं है. इसके अलावा, बढ़ते खतरे को देखते हुए घाटों पर सेल्फी लेने पर भी सख्त पाबंदी लगा दी गई है. अधिकारियों का कहना है कि यह कदम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है, क्योंकि फिसलने और पानी में गिरने का खतरा बहुत बढ़ गया है.

खतरे के निशान के करीब पहुंचा जलस्तर

काशी में गंगा में बाढ़ की स्थिति भयावह होती जा रही है. जलस्तर में लगातार वृद्धि का मुख्य कारण मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के जलग्रहण क्षेत्रों में हो रही मूसलाधार बारिश है. वहां से छोड़ा गया पानी सीधे गंगा नदी में आ रहा है, जिससे वाराणसी में भी जलस्तर बढ़ रहा है. हालांकि, जलस्तर अभी खतरे के निशान से थोड़ा नीचे है, लेकिन अगर बारिश जारी रही तो यह जल्दी ही खतरे के निशान को पार कर सकता है, जिससे निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए खतरा पैदा हो सकता है. प्रशासन ने बाढ़ से निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं और लोगों को अलर्ट रहने की सलाह दी है.

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