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UP RO/ARO Prelims : UP RO/ARO परीक्षा में 42.29% उपस्थिति, AI निगरानी में शांतिपूर्ण संपन्न हुई परीक्षा

UP RO/ARO Prelims
परीक्षा पूरी तरह शांतिपूर्ण, निगरानी में कोई चूक नहीं: उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में रविवार को आयोजित हुई समीक्षा अधिकारी (RO) और सहायक समीक्षा अधिकारी (ARO) प्रारंभिक परीक्षा 2023 पूरी तरह शांतिपूर्ण और निष्पक्ष रही। खराब मौसम के बावजूद प्रदेशभर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था और अत्याधुनिक निगरानी प्रणाली के चलते परीक्षा बिना किसी बाधा के संपन्न हुई।
पहली बार हुआ AI आधारित रियल-टाइम मॉनिटरिंग का उपयोग
इस साल की परीक्षा में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित निगरानी सिस्टम को शामिल किया गया। पूरे परीक्षा केंद्रों पर लाइव सीसीटीवी कैमरे, बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन और STF की कड़ी निगरानी रही। अधिकारियों ने बताया कि परीक्षा की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी रही।
10.76 लाख में से 4.54 लाख अभ्यर्थी हुए शामिल
इस परीक्षा में कुल 10.76 लाख उम्मीदवारों ने पंजीकरण कराया था, जिनमें से 4,54,997 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए। कुल उपस्थिति दर 42.29% रही। परीक्षा के लिए पूरे प्रदेश में 2,382 केंद्र बनाए गए थे। सबसे अधिक केंद्र कानपुर (139), लखनऊ (129) और प्रयागराज (106) में थे।
जिलेवार उपस्थिति: अयोध्या सबसे आगे, रामपुर सबसे पीछे
अधिकारी ने बताया कि अयोध्या जिले में सबसे ज्यादा 52.81% उपस्थिति दर्ज की गई, जबकि रामपुर में सबसे कम 25.78% रही। अन्य प्रमुख जिलों की बात करें तो लखनऊ में 48.89%, वाराणसी में 49.19% और कानपुर में 44.37% उम्मीदवार परीक्षा में शामिल हुए।
पहचान के लिए OTR लिंक से 8 चरणों की जांच
इस बार पहचान प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल और फुल-प्रूफ बनाया गया। उम्मीदवारों की पहचान वन टाइम रजिस्ट्रेशन (OTR) से लिंक की गई, जिसमें नाम, पिता का नाम, जन्मतिथि, श्रेणी और हाई स्कूल विवरण की 8 स्तरों पर जांच हुई। प्रवेश द्वार पर बायोमेट्रिक और फेस स्कैनिंग अनिवार्य रही।
पेपर लीक की घटना के बाद सख्ती से की गई तैयारी
गौरतलब है कि यह परीक्षा पहले 11 फरवरी 2024 को 2,387 केंद्रों में आयोजित हुई थी, लेकिन पेपर लीक के चलते इसे रद्द कर दिया गया था। इस बार दो अलग-अलग प्रेसों में प्रिंट कराए गए प्रश्नपत्रों में से कंप्यूटर से परीक्षा से 45 मिनट पहले रैंडम चयन हुआ। हर पेपर की 8 जंबल सीरीज और यूनिक बारकोड के साथ सील बंद ट्रंकों में भेजा गया।
STF और सोशल मीडिया निगरानी ने बिगाड़ा गेमप्लान
इस बार विशेष कार्य बल (STF) की टीमें संवेदनशील इलाकों में अलर्ट पर रही। पुराने अपराधियों की गतिविधियों पर नजर रखी गई और कई को परीक्षा के दिन निगरानी में लिया गया। वहीं, व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे प्लेटफॉर्म्स पर सोशल मीडिया सेल ने संदिग्ध गतिविधियों की निगरानी कर लीकों को रोका।
परीक्षार्थियों ने की व्यवस्थाओं की सराहना
वाराणसी के उम्मीदवार सचिन माथुर ने प्रयागराज के हिंदू महिला विद्यालय इंटर कॉलेज में परीक्षा दी। उन्होंने बताया कि स्कैनिंग से लेकर प्रवेश तक की प्रक्रिया बेहद सहज रही और निगरानी सख्त थी। प्रतापगढ़ की उम्मीदवार पूजा ने कहा कि इस बार की व्यवस्थाएं पिछली बार से काफी बेहतर रहीं। उन्हें प्रशासन द्वारा परिवहन सुविधा भी मिली जिससे समय से केंद्र पहुंचना आसान हुआ।
अधिकारी और सुरक्षा टीमों ने संभाला मोर्चा
हर परीक्षा केंद्र पर अनुभवी प्रशासकीय दल तैनात था जिसमें सेक्टर मजिस्ट्रेट, स्थायी मजिस्ट्रेट, केंद्र व्यवस्थापक, सह व्यवस्थापक और प्रशिक्षित इनविजिलेटर शामिल थे। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी STF और आयोग के बीच समन्वय का जिम्मा संभाले हुए थे। पूरी प्रक्रिया को लाइव सीसीटीवी के जरिए जिला और राज्य स्तर पर देखा गया।
Neelam Dwivedi | रीवा रियासत
नीलम द्विवेदी जर्नलिज़्म से स्नात्कोत्तर हैं। 2016 से रीवा रियासत डॉट कॉम में बतौर कंटेंट राइटर कार्यरत हैं। इन्हें देश-दुनिया, राजनीति के अलावा स्पोर्ट्स, हेल्थ, होम डेकोर, रिलेशनशिप, लाइफस्टाइल और एंटर्टेंमेंट जैसे टॉपिक्स पर लिखने का अनुभव है। इसके अलावा खाली समय में नेचर को एक्सप्लोर करना पसंद करती हैं। साथ ही म्यूजिक, थिएटर और किताबों में भी इनकी बहुत रुचि है।




