उत्तरप्रदेश

7 गोलियां खाने वाले IAS रिंकू सिंह राही से शाहजहांपुर में वकीलों ने लगवाई उठक-बैठक, वीडियो हुआ वायरल; जानिए वजह...

7 गोलियां खाने वाले IAS रिंकू सिंह राही से शाहजहांपुर में वकीलों ने लगवाई उठक-बैठक, वीडियो हुआ वायरल; जानिए वजह...
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शाहजहांपुर में IAS अफसर रिंकू सिंह राही से वकीलों ने कान पकड़कर उठक-बैठक लगवाई. यह घटना तब हुई जब SDM ने एक मुंशी से खुले में टॉयलेट करने पर उठक-बैठक करवाई थी.

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक नव-नियुक्त IAS अफसर रिंकू सिंह राही से वकीलों ने कान पकड़कर उठक-बैठक लगवाई. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. मंगलवार दोपहर में रिंकू सिंह राही ने एक वकील के मुंशी को खुले में टॉयलेट करते देख लिया था, जिसके बाद उन्होंने उसे टोकते हुए उठक-बैठक लगवाई. इस बात से वकील नाराज हो गए और उन्होंने तहसील परिसर में प्रदर्शन शुरू कर दिया. वकीलों के दबाव के बाद, एसडीएम रिंकू सिंह राही को खुद उठक-बैठक लगानी पड़ी.

IAS रिंकू सिंह राही से वकीलों ने उठक-बैठक क्यों लगवाई?

IAS रिंकू सिंह राही ने मंगलवार दोपहर 2 बजे ही पुवायां तहसील के एसडीएम (SDM) का चार्ज संभाला था. चार्ज संभालने के बाद, वे तहसील के दफ्तरों का निरीक्षण करने निकले. इसी दौरान, उनकी नजर परिसर के अंदर ही दीवार के पास खुले में टॉयलेट कर रहे वकील आज्ञाराम के मुंशी विजय (38 साल) पर पड़ी. उन्होंने मुंशी को रोका और उसे शौचालय का इस्तेमाल करने के लिए कहा. मुंशी ने जवाब दिया कि शौचालय गंदे हैं. इस पर एसडीएम बिफर गए और कहने लगे कि यह गलती तहसील कर्मचारियों की है, जिन्होंने शौचालय साफ नहीं रखे. मौके पर ही उन्होंने मुंशी विजय से उठक-बैठक लगवा दी.

वकीलों का गुस्सा फूटा, SDM को देनी पड़ी सफाई

तहसील परिसर में पहले से ही वकील अपनी कुछ मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. जैसे ही उन्हें मुंशी के साथ हुई इस घटना के बारे में पता चला, वे भड़क गए. उन्होंने एसडीएम को मौके पर बुला लिया. जब एसडीएम मौके पर पहुंचे, तो उन्होंने कहा कि मुंशी ने गलती की है, जिसके लिए उन्हें उठक-बैठक करवाई गई. इस पर वकीलों ने कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा कि अगर गलती है भी, तो किसी से उठक-बैठक लगवाना सही नहीं है. वकीलों ने पलटवार करते हुए एसडीएम से पूछा, "क्या आप खुद उठक-बैठक लगा सकते हैं?"

इस सवाल पर एसडीएम रिंकू सिंह राही का रुख नरम पड़ा. उन्होंने कहा, "इसमें कोई शर्म नहीं है, मैं उठक-बैठक लगा सकता हूं." इतना कहते हुए उन्होंने खुद पांच बार उठक-बैठक लगाई. वकीलों ने एसडीएम को रोकने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने और उन्होंने पांच बार उठक-बैठक लगाई. एसडीएम ने यह भी कहा कि तहसील परिसर में साफ-सफाई और शौचालय की व्यवस्था उनकी जिम्मेदारी है और उन्होंने इसमें सुधार करने का आश्वासन दिया.

रिंकू सिंह राही ने बताया, "सरकारी कर्मचारी के लिए उठक-बैठक करने से बड़ी समस्या एक दलित होना है. यह गलती है, तो गलती है."

IAS रिंकू सिंह राही कौन हैं?

रिंकू सिंह राही 2022 बैच के IAS अफसर हैं. उनका जन्म हाथरस में हुआ था. उन्होंने इंटर तक की पढ़ाई वहीं से की और फिर जमशेदपुर से बीटेक किया. 2004 में उन्होंने पीसीएस (PCS) की परीक्षा उत्तीर्ण की और 2008 में जिला समाज कल्याण अधिकारी के पद पर तैनात हुए. उनकी पहली पोस्टिंग मुजफ्फरनगर में हुई थी. रिंकू सिंह राही उस समय सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने बसपा शासनकाल में छात्रवृत्ति (स्कॉलरशिप) और पेंशन में हुए एक बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा किया था.

IAS रिंकू सिंह राही को लगी थीं 7 गोलियां

भ्रष्टाचार का खुलासा करने की कीमत रिंकू सिंह राही को अपनी जान पर खेलकर चुकानी पड़ी थी. 26 मार्च, 2009 को, जब वह एक सहकर्मी के साथ बैडमिंटन खेल रहे थे, तब दो हमलावरों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं. इस हमले में रिंकू राही को सात गोलियां लगीं, जिनमें से दो सीधे उनके चेहरे पर लगी थीं. इस जानलेवा हमले में उनका जबड़ा बाहर आ गया था और उनका चेहरा बुरी तरह बिगड़ गया था. इसके साथ ही, उनका एक कान खराब हो गया और एक आंख की रोशनी भी चली गई.

इस हमले के बाद उन्हें मेरठ के एक हायर सेंटर ले जाया गया, जहां वे करीब एक महीने तक सुभारती मेडिकल कॉलेज में भर्ती रहे. ऑपरेशन के बाद वे ठीक होकर लौटे. इसके बाद भी, उन्होंने घोटाले के खुलासे के लिए आरटीआई (RTI) के तहत विभाग से सूचनाएं मांगीं, लेकिन एक साल तक उन्हें कोई जवाब नहीं मिला. 26 मार्च, 2012 को, रिंकू राही ने लखनऊ निदेशालय के बाहर अनशन शुरू कर दिया. पुलिस ने उन्हें वहां से उठाकर मेंटल हॉस्पिटल लखनऊ भेज दिया था, हालांकि बाद में उन्हें राहत मिल गई थी.

विवादों के बाद भी शिक्षा और सेवा के प्रति समर्पण

IAS अफसर रिंकू सिंह राही ने अपनी शारीरिक अक्षमताओं और जीवन में आए तमाम विवादों के बावजूद कभी हार नहीं मानी. उन्होंने दिव्यांग कोटे से यूपीएससी सिविल सेवा की परीक्षा दी थी और 2021 में 683वीं रैंक के साथ इसे पास किया. वह 2022 बैच के यूपी कैडर के आईएएस अधिकारी हैं. उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से चलाई जा रही विभिन्न कोचिंगों के 24 अभ्यर्थी सफल हुए थे, जिनमें रिंकू सिंह भी शामिल थे. हाथरस के रहने वाले रिंकू सिंह की पढ़ाई घर की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण सरकारी स्कूल से पूरी हुई थी. अच्छे नंबरों से 12वीं पास करने के बाद उन्हें स्कॉलरशिप मिली, जिसकी मदद से उन्होंने टाटा इंस्टीट्यूट से बीटेक किया.

शाहजहांपुर के एडीएम (ADM) प्रशासन रजनीश मिश्रा ने बताया है कि एसडीएम पुवायां द्वारा उठक-बैठक लगाने का प्रकरण संज्ञान में आया है. एडीएम न्यायिक राशिद अली खां को एसडीएम और वकीलों से बातचीत करने के लिए पुवायां भेजा गया है, ताकि स्थिति को समझा जा सके.

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