उत्तरप्रदेश

दूध में पानी मिलाने की सज़ा: 13 साल तक कोर्ट केस चला, अब फैसला आया

दूध में पानी मिलाने की सज़ा: 13 साल तक कोर्ट केस चला, अब फैसला आया
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Punishment for mixing water in milk: दूध में पानी मिलाने का केस 13 साल चला है लेकिन इसपर कोई कुछ कह नहीं सकता

दूध में पानी मिलाने की सज़ा: अगर आपको मालूम चले कि आपके घर में दूध देने वाला व्यक्ति उसमे पानी मिलाकर बेचता है तो आप क्या करेंगे? जाहिर है उसे थोड़ा-बहुत फटकार लगाएंगे और उससे दूध लेना बंद कर देंगे। दूध में पानी मिलना उतना ही कॉमन है जितना नेताओं का गुंडा होना तो भारत में यह कोई रेयर केस नहीं है. मगर इतनी कॉमन चोरी के लिए एक व्यक्ति ने दूध वाले पर कोर्ट केस कर दिया था. 13 साल तक कोर्ट दूध में पानी मिलाने के मामले की सुनवाई करता रहा और अब जाकर फैसला हुआ है.

पता नहीं क्यों दूध में पानी मिलाने से ज़्यादा बड़ा केस तो इस मामले का 13 साल तक कोर्ट में चलते रहना लग रहा है. लेकिन मामला कोर्ट है तो अपन इसमें उंगली नहीं करते हैं. कहीं मीलॉर्ड का ईगो हर्ट न हो जाए.

गोरखपुर में दूध में पानी मिलाने की सज़ा

मामला उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के इकौना गांव का है. जहां सभाजीत यादव नामका दूध वाला रहता है. 13 साल पहले सभाजीत दुध में पानी मिलाते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया गया था. 24 फरवरी 2010 के दिन गोरखपुर खाद्य सुरक्षा विभाग ने सभाजीत के दूध के फिंटर से सैम्पल लिया और जांच में दूध का दूध और पानी का पानी हो गया.

मामला गोरखपुर सिविल कोर्ट गया, और कोर्ट में जितना तेज़ी से काम होता है उससे तो सब वाकिफ ही हैं. 2010 से यह मामला 2022 दिसंबर की 19 तारिख तक चला. बहुत सीरियस मैटर था. सिविल कोर्ट ने सभाजीत यादव को दूध में पानी मिलाने के जुर्म में 1 साल की कैद और 2 हज़ार का जुर्माना लगा दिया। कितना अच्छा न्याय किया।

अगर खाद्य सुरक्षा विभाग और कोर्ट ऐसे मसलों पर कार्रवाई करता रहा तो देश में दूध बेचने वाले विलुप्त हो जाएंगे

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