उत्तरप्रदेश

साढ़े 5 लाख का इनामी कुख्यात डकैत गौरी यादव UP STF के एनकाउंटर में ढेर, सतना में भी था आतंक

साढ़े 5 लाख का इनामी कुख्यात डकैत गौरी यादव UP STF के एनकाउंटर में ढेर, सतना में भी था आतंक
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साढ़े 5 लाख का इनामी कुख्यात डकैत गौरी यादव UP STF के एनकाउंटर में ढेर, सतना में भी था आतंक

उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश में आतंक का पर्याय बने साढ़े 5 लाख के इनामी और कुख्यात डकैत गौरी यादव का यूपी एसटीएफ ने एनकाउंटर कर दिया है.

Notorious dacoit Gauri Yadav was killed in the encounter of UP STF: सतना. उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश में आतंक का पर्याय बन चुका इनामी कुख्यात डकैत गौरी यादव का खात्मा हो गया है. यूपी एसटीएफ ने डकैत गौरी यादव को एनकाउंटर में मार गिराया है. गौरी यादव पर 5.50 लाख का इनाम था. शुक्रवार की देर रात चित्रकूट के बाहिलपुरवा के माधा के पास जंगल में गिरोह और यूपी एसटीएफ की मुठभेड़ हुई थी.

देर रात हुई मुठभेड़

शुक्रवार की देर रात चित्रकूट के बाहिलपुरवा के माधा के पास जंगल में डकैत गौरी यादव के गिरोह और यूपी एसटीएफ की मुठभेड़ हुई थी. इस दौरान दोनों ओर से सैकड़ों राउंड फायरिंग हुई. मुठभेड़ के दौरान गिरोह के अन्य सदस्य अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकले.

बाहिलपुरवा जंगल में गौरी यादव के होने के इनपुट मिले थें

उत्तरप्रदेश एसटीएफ (UP STF) को आतंक का पर्याय रहे डकैत गौरी यादव (Dacoit Gauri Yadav) के गैंग सहित चित्रकूट के बहिलपुरवा के माधा के पास जंगल में होने के इनपुट मिले थें. एसटीएफ पूरी तैयारी के साथ पहुंची और डकैत समेत पूरी गैंग को चारों तरफ से घेर लिया. दोनों तरफ से सैकड़ो राउंड फायरिंग हुई. इस दौरान मुठभेड़ में डकैत गौरी यादव को एनकाउंटर में मार गिराया गया. गौरी यादव पर यूपी सरकार ने 5 लाख एवं एमपी सरकार ने 50 हजार का इनाम घोषित कर रखा था.

यूपी एसटीएफ ने मौके से 1 AK-47, एक क्लाशनिकोव सेमी ऑटोमैटिक राइफल, 12 बोर की एक बंदूक और काफी संख्या में कारतूस बरामद किए. गौरी यादव पर उत्तरप्रदेश के कई जिलों एवं मध्यप्रदेश के सतना जिले के थानों में कई मामले दर्ज हैं.

जमानत के बाद दरोगा की हत्या

इनामी डकैत गौरी 2009 में गिरफ्तार हुआ था. बाद में उसे जमानत मिली, वो जेल से बाहर आया. इसी दौरान उसने बिलहरी गांव में दिल्ली पुलिस के दारोगा की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस हादसे के बाद से वो दोबारा जंगल मे उतरा था.

पुलिस के मुताबिक, डकैत गौरी यादव का गैंग काफी कमजोर हो गया था. उसके गैंग में ज्यादा सदस्य नहीं बचे थे. गैंग में लगभग 6 या 7 सदस्य ही बचे थे. बारिश बंद होने का पुलिस इंतजार कर रही थी. पहले ही पुलिस ने दावा किया था कि बरसात के मौसम के बाद इसे ढेर कर दिया जाएगा.

2005 में गौरी ने अपना गैंग बनाया था

साल 2001 से गौरी डकैती कर रहा था. गौरी ने साल 2005 में अपना अलग गैंग बनाकर वारदात को अंजाम देना शुरू किया था. ददुआ व ठोकिया की मौत के बाद साल 2009 में बांदा पुलिस ने उसको गिरफ्तार किया. दो साल बाद वह जमानत पर बाहर आ गया था.


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