उत्तरप्रदेश

इस विश्वविद्यायल में होगी दिवंगत लता मंगेशकर की पढाई, प्रस्ताव को मिली हरी झंडी

इस विश्वविद्यायल में होगी दिवंगत लता मंगेशकर की पढाई, प्रस्ताव को मिली हरी झंडी
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सुर सम्राट लता मंगेशकर पर कोर्स तैयार किया गया है और छात्र इसकी पढ़ाई कर सकेगें.

प्रयागराज। आज पूरा देश सुर सम्राट लता मंगेशकर के निधन से न सिर्फ शोक में डूबा हुआ है बल्कि उनकी यादों को संजोने के लिए कई तरह से तैयारी की जा रही है। उसी के तहत पूरब के ऑक्सफोर्ड कहे जाने वाले इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने लता मंगेशकर के ऊपर एक कोर्स डिजाइन किया है। 5 वर्ष के इस इंटीग्रेटेड कोर्स में स्टूडेंटसें को लता मंगेशकर के संगीत के सफर और उनके गायन की बारीकियों को पढ़ाया जाएगा। इस प्रस्ताव को हरी झंडी भी दे दी गई है।

ऐसा बनाया गया है प्रारूप

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के संगीत एवं प्रदर्शन कला विभाग के द्वारा 5 वर्ष का यह कोर्स तैयार किया गया और यह विभाग इस पर पढ़ाई करवाएगा। यह लता जी पर तैयार किया गया यह कोर्स नई शिक्षा नीति के तहत है।

जो कोर्स तैयार किया गया है। उसके तहत पढ़ाई करने वाले छात्र 5 वर्ष में इस कोर्स की मास्टरेट डिग्री प्राप्त करे सकेगे। यानि कि इस कोर्स को पूरा करने के बाद संगीत के स्टूडेंट्स सीधे डाक्टरेट कर सकेंगे।

इसी सत्र से शुरू हो सकती है पढ़ाई

जानकारी के तहत लता जी पर तैयार किए गये इस कोर्स का प्रस्ताव पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर पंडित प्रेम कुमार मलिक ने विभागीय कमेटी के पास भेजा था। कमेटी ने प्रस्ताव की जांच के बाद उसे हरी झंडी दे दी है। अब इसे एकेडमिक काउंसिल में रखा जाएगा। इसके बाद कार्य परिषद की मुहर लगने के बाद इसे शैक्षिक सत्र 2022--2023 से लागू कर दिया जाएगा।

लता मंगेशकर तैयार पाठ्रयक्रम को लेकर जानकारी देते हुए इलाहाबाद विश्वविद्यालय के संगीत एवं प्रदर्शन कला विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर विद्याधर प्रसाद मिश्र ने मीडिया को बताया कि सुर कोकिला लता मंगेशकर को पाठ्यक्रम में शामिल करने का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। कोर्स भी डिजाइन कर लिया गया है। अब कार्य परिषद से हरी झंडी मिलने के बाद पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रम शुरू कर दिया जाएगा।

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