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Jhansi : बेटियां बनी मिशाल, पिता की अर्थी को दिया कंधा, मुखाग्नि देकर किया अंतिम संस्कार

झांसी (Jhansi) : बेटिया किसी से कंम नही होती है। यह कहावत चरितार्थ करती है उत्तर-प्रदेश के झांसी शहर के कोतवाली थाना क्षेत्र की रहने वाले एक परिवार की बेटियो ने।
जिन्होने पुत्र की तरह पिता का रीति-रिवाज के साथ अंतिम संस्कार करके यह साबित कर दिया कि बेटा ही नही बेटिया भी अब हर वह काम करने के साथ ही मुक्ति धाम में अपने परिजन का अंतिम सस्कार कर सकती है।
अर्थी को दिया कंधा
कोतवाली क्षेत्र के परिवार की बेटियों ने वह सारा काम किया जो कहां जाता था कि बेटिया नही कर सकती है। दरअसल वे पिता के लिये अर्थी तैयार की और चारो बेटियों ने अर्थी को चोरो ओर से कंधे पर रखकर उसे मुक्ति धाम तक पैदल लेकर गई।
तैयार की लकड़िया
मृत पिता के लिये उन्होने मुक्ति धाम में खुद ही लकड़िया तैयार की और चिता बनाकर उसमें लेटाया तथा चोरो बेटियों ने मिलकर एक साथ मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया है।
पिता के लिये बेटियों के द्वारा उठाया यह कदम निश्चित तौर पर यह संदेश देता है कि बेटा-बेटियों में अब फर्क नही करना चाहिये बल्कि बेटियों को भी हर तरह का संस्कार दिया जाना चाहिये।