उत्तरप्रदेश

2 Expressway के पास बनाएं जाएंगे 7 नए Industrial Corridor, दर्जनभर से ज्यादा जिले जुड़ गए, देखे आपके एरिया का नाम तो नहीं...

2 Expressway के पास बनाएं जाएंगे 7  नए Industrial Corridor, दर्जनभर से ज्यादा जिले जुड़ गए, देखे आपके एरिया का नाम तो नहीं...
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कॉरिडोर बनाने की योजना तैयार की गई है। यह कारिडोर उत्तर प्रदेश के विकास को एक व्यवस्थित और विकसित प्रदेश बनने में सहायक सिद्ध होगा।

Corridor Purvanchal and Bundelkhand Expressway In UP: कॉरिडोर बनाने की योजना तैयार की गई है। यह कारिडोर उत्तर प्रदेश (Corridor Uttar Pradesh) के विकास को एक व्यवस्थित और विकसित प्रदेश बनने में सहायक सिद्ध होगा। निर्देश मिलने के बाद अधिकारी निरंतर कार्य में जुटे हुए हैं। वही इन स्थानों पर औद्योगिक गतिविधियां भी तेजी के साथ आगे बढ़ रही है। वही निजी भूमि स्वामियों को जमीन की अच्छी कीमत प्राप्त होगी। जैसे ही कारिडोर बनने का काम शुरू होगा उसके साथ ही आसपास की लगी जमीनों का मार्केट वैल्यू बढ़ जाएगा।

क्या है सरकार की योजना Corridor Purvanchal and Bundelkhand Expressway In Uttar Pradesh

उत्तर प्रदेश सरकार की योजना के अनुसार सात नए इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (Industrial Corridor UP) बनाए जाने है। कारीडोर पूर्वांचल और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के किनारे बनाए जाएंगे। इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर तैयारी की जा रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि शासन स्तर से कार्य के लिए हरी झंडी मिल गई है। लेकिन अभी इसकी घोषणा बाकी है।

सरकार की योजना के अनुसार पूर्वांचल और बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के किनारे साथ नए इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाए जाएंगे जिसमें 2 इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के किनारे होंगे। जबकि 5 इंडस्ट्रियल कॉरिडोर पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के साथ बनेंगे।

बताया गया है कि पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के किनारे बनने वाले इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए सलाहकार कंपनी द्वारा पांच स्थान चिन्हित किए गए हैं जिसमें लखनऊ बाराबंकी सुल्तानपुर आजमगढ़ और गाजीपुर का नाम दिया गया है।

इसी तरह बताया गया है कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पर बनने वाले दो कारिडोर के लिए जालौन और बांदा का नाम आगे किया गया है।

मुख्यमंत्री ने दी मंजूरी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। इस संबंध में जानकारी मिल रही है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक हुई थी। जिसमें औद्योगिक विकास विभाग द्वारा यह प्रस्ताव रखा गया था। प्रस्ताव के अनुसार शुरुआती चरण में 3500 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

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