उमरिया

एमपी के उमरिया में बाघ ने ग्रामीण पर किया हमला, बुजुर्ग की हो गई मौत

Sanjay Patel
20 Sep 2023 9:20 AM GMT
एमपी के उमरिया में बाघ ने ग्रामीण पर किया हमला, बुजुर्ग की हो गई मौत
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MP News: मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में बाघ द्वारा हमला करने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघ ने एक ग्रामीण पर हमला बोल दिया, जिससे उसकी मौत हो गई।

मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में बाघ द्वारा हमला करने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघ ने एक ग्रामीण पर हमला बोल दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। बताया गया है कि तीन दिनों के अंदर बाघ द्वारा हमला किए जाने की यह तीसरी घटना है। इससे लोगों में दहशत व भय का भी माहौल बना हुआ है।

भैंस का शिकार छोड़ ग्रामीण को बनाया निशाना

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघ ने एक बार फिर बुजुर्ग पर हमला कर दिया। मंगलवार देर रात बुजुर्ग की मौत हो गई। बताया गया है कि बाघ पतौर परिक्षेत्र के बमेरा गांव में दम्मा यादव 60 वर्ष के घर के आंगन में भैंस का शिकार कर रहा था। जिसकी तेज आवाज सुनकर उसकी नींद खुल गई। जिसके बाद वह घर के बाहर आ गया। इसी दौरान बाघ ने उस पर हमला बोल दिया। हमला करने के बाद बाघ जंगल की ओर भाग निकला। इस दौरान बुजुर्ग के परिजन भी नींद से जाग गए थे।

जबलपुर ले जाते समय रास्ते में तोड़ा दम

बाघ द्वारा बुजुर्ग पर हमले की जानकारी पतौर परिक्षेत्र की टीम को दी गई। परिक्षेत्र अधिकारी अर्पित मैराल टीम के साथ दम्मा को लेकर जिला अस्पताल पहुंची। जहां चिकित्सकों ने बुजुर्ग को जबलपुर के लिए रेफर कर दिया। बुजुर्ग को उपचार के लिए जबलपुर ले जाया जा रहा था किंतु उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। तीन दिन के अंदर बाघ के हमले की यह तीसरी घटना बताई गई है। इसके पूर्व रविवार को और फिर सोमवार को भी बाघ ने दो ग्रामीणों पर हमला बोला था। दोनों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। रविवार को बकेली बीट में बद्री यादव उम्र 70 वर्ष पर बाघ ने हमला किया था। जबकि सोमवार को श्याम किशोर पाल 18 वर्ष को बाघ ने घायल कर दिया था।

ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ रहा मूवमेंट

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अधिकारियों की मानें तो यहां 165 बाघ हैं। बाघों की संख्या बढ़ने से ग्रामीण क्षेत्रों में इनका मूवमेंट बढ़ रहा है। कोर और बफर दोनों ही क्षेत्रों में बाघ दिखाई दे रहे हैं। बमेरा गांव में बाघ के हमला की घटनाएं बढ़ी हैं। यह क्षेत्र कोर एरिया के जंगलों से घिरा हुआ है। यहां वन्य प्राणियों का मूवमेंट बना रहता है। यह गांव विस्थापित सूची में किंतु अभी इसका विस्थापन नहीं हो सका है। वन परिक्षेत्र अधिकारी पतौर अर्पित मैराल का कहना है कि बीटीआर प्रबंधन मृतक के परिजन की हरसंभव मदद करेगा। नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

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