उमरिया

एमपी के उमरिया में जनसेवा शिविर में लापरवाही पड़ी भारी, चार नोडल ऑफिसर निलंबित

एमपी के उमरिया में जनसेवा शिविर में लापरवाही पड़ी भारी, चार नोडल ऑफिसर निलंबित
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MP Umaria News : शिविर में नामौजूदगी के चलते सभी नोडल अधिकारियों को कलेक्टर द्वारा निलंबित करने संबंधी आदेश दिया गया है।

MP Umaria News : मुख्यमंत्री जनसेवा शिविर में लापरवाही करना चार नोडल ऑफिसर को महंगा पड़ गया। शिविर में नामौजूदगी के चलते सभी नोडल अधिकारियों को कलेक्टर द्वारा निलंबित करने संबंधी आदेश दिया गया है। गौरतलब है कि गत दिवस जिले में आयोजित मुख्यमंत्री जन सेवा कल्याण शिविर (Mukhyamantri Jan Seva Kalyan Shivir) में संबंधित चारों नोडल अधिकारियों को चार पंचायतों की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। लेकिन चारों ही नोडल ऑफिसर (Nodal Officer) शिविर में उपस्थित होकर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन नहीं किया। जिसके चलते कलेक्टर उमरिया ने इस कार्य को लापरवाही मानते ही सिविल सेवा आचरण अधिनियम के तहत निलंबन संबंधी आदेश (Suspension Order) जारी कर दिया।

इनके खिलाफ की गई कार्रवाई

कलेक्टर द्वारा जिन अधिकारीयों के खिलाफ कार्रवाई की गई है उसमें जन शिक्षक केन्द्र करकेली मुकेश कुमार गौटिया, सहायक पशु चिकित्सा अधिकारी पशु चिकित्सा विभाग उमरिया रामलाल बैगा, जन शिक्षक केन्द्र करकेली लल्लू प्रसाद महोबिया और पीसीओ जनपद करकेली करकेली शामिल है। गौरतलब है कि मुकेश को ग्राम पंचायत सिंहपुर, रामलाल को ग्राम पंचायत कछारी, लल्लू महोबिया को ग्राम पंचायत दुलहरी और शोभनाथ को ग्राम पंचायत बड़ागांव की जिम्मेदारी बतौर नोडल ऑफिसर दी गई थी।

समस्या का करना था निराकरण

बताया गया है कि मुख्यमंत्री जनसेवा शिविर अभियान के अंतर्गत केन्द्र और राज्य सरकार की जन हितैषी योजनाओं को लेकर प्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित करने के लिए प्रदेश के प्रत्येक ग्राम पंचायतों में शिविर के माध्यम से आवेदन के निराकरण का निर्देश दिया है। लेकिन प्रशासनिक अमले के कुछ अधिकारी-कर्मचारी शासन की मंशा पर पानी फेरने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं। कलेक्टर द्वारा जहां कार्य को पूरा करने की जिम्मेदारी जहां अधीनस्थों को दे दी जाती है, वहीं अधिनस्थों द्वारा अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन सही तरीके से नहीं किया जाता। जिसके कारण हितग्राहियों को शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता। साथ ही उनकी समस्या का समय पर निराकरण भी नहीं हो पाता।

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