उमरिया

बांधवगढ़ नेशनल पार्क में प्रचीन गुफाओं के बाद आधुनिक सभ्यता के सबूत मिले

बांधवगढ़ नेशनल पार्क में प्रचीन गुफाओं के बाद आधुनिक सभ्यता के सबूत मिले
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Evidence of modern civilization found after ancient caves in Bandhavgarh National Park: बांधवगढ़ के ताला रेंज में खुदाई के दूसरे चरण में 11 प्राचीन गुफाएं मिली हैं

Evidence of modern civilization found after ancient caves in Bandhavgarh National Park: पुरातत्व विभाग की टीम को बांधवगढ़ नेशनल पार्क में एक बार फिर से आधुनिक मानव सभ्यता के साक्ष्य मिले हैं. खोजकर्ताओं को यहां 1500 साल पुरानी पेंटिंग्स और 2000 साल पुराने मानव निर्मित जलाशय मिले हैं. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) का कहना है कि यह क्षेत्र कभी ट्रेड रुट यानि व्यापर मार्ग रहा होगा। यहां से गुजरने वाले व्यापारी पत्थर से काटी गई गुफाओं में ठहरते रहे होंगे

ASI के अधिकारी ने बताया

"हाइट पर बनी वॉटर बॉडीज़, जिनमें बारिश का पानी इकट्ठा किया जाता था, उनका होना दर्शाता है कि इस जगह पर एक एक आधुनिक समाज रहा करता था. ये जलाशय 1,800-2,000 साल पुराने हो सकते हैं, लेकिन पुरातत्व साक्ष्य बताते हैं कि 1,000 साल पहले इनका नवीनीकरण भी हुआ था.

बांधवगढ़ नेशनल पार्क अपने बाघों और प्राचीन महल सहित हिन्दू देवताओं की प्राचीन प्रतिमाओं के लिए फेमस है. बांधवगढ़ किले का नाता भगवान श्री राम के भाई लक्ष्मण से है. पिछले साल ही यहां ASI की टीम को ढेर सारी मानव निर्मित गुफाएं और 4000 साल पुरानी मूर्तियां मिली थीं. अब ASI को यहां 1500 साल पुराने रोक आर्ट्स और 2000 साल पुराने मानव निर्मित जलाशय मिले हैं.

ASI का कहना है कि इस क्षेत्र में पहली बार रॉक पेंटिंग मिली हैं. इनमे एक जानवर को दर्शाया गया है. लेकिन यह प्रागेतिहासिक काल की पेंटिंग नहीं हैं. 1500 साल पुरानी हैं. इन पेंटिंग्स पर अभी अध्यन करना बाकी है

बांधवगढ़ में ASI को मिल रहा खजाना

उमरिया जिले में मौजूद बांधवगढ़ के ताला रेंज में ASI का अन्वेषण चल रहा है. 1 अप्रैल से ही दूसरा चरण शुरू हुआ है जो 30 जून तक चलेगा। इस दौरान टीम को 11 रॉक कट गुफाएं और रॉक पेंटिंग और मानव निर्मित जलाशय मिले हैं. पिछले साल ASI ने यहीं पर 26 प्राचीन मंदिरों/अवशेषों, 26 रॉक-कट गुफाओं, दो मोनैस्ट्री, दो स्तूप, 24 शिलालेख, 46 मूर्तियां, 20 बिखरे हुए अवशेष और 19 जलाशय की खोज की गई थी.


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