उज्जैन

शिवरात्रि से पहले महाकाल मंदिर के गर्भगृह में रजत दीवार और रुद्र यंत्र को चमकाने की तैयारी

Sanjay Patel
5 Feb 2023 10:07 AM GMT
शिवरात्रि से पहले महाकाल मंदिर के गर्भगृह में रजत दीवार और रुद्र यंत्र को चमकाने की तैयारी
x
MP News: शिवरात्रि से पूर्व उज्जैन महाकाल मंदिर के गर्भगृह को चमकाने की तैयारी प्रारंभ कर दी गई है। यहां गर्भगृह में रजत दीवार और रुद्र यंत्र की सफाई का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।

शिवरात्रि से पूर्व उज्जैन महाकाल मंदिर के गर्भगृह को चमकाने की तैयारी प्रारंभ कर दी गई है। यहां गर्भगृह में रजत दीवार और रुद्र यंत्र की सफाई का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। जिसके चलते मंदिर समिति द्वारा तीन दिन के लिए गर्भगृह में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है। इस दौरान श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा गर्भगृह की सफाई की जाएगी।

गर्भगृह में प्रवेश पर लगाया प्रतिबंध

उज्जैन श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की मानें तो शिवरात्रि के पूर्व गर्भगृह की रजत मंडित दीवारों, मंदिर का चांदी द्वार, चांदी के रुद्र यंत्र व सभा मंडप के चांदी द्वार की सफाई का कार्य पूर्ण किया जाना है। जिसके कारण समिति द्वारा तीन दिन के लिए गर्भगृह में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है। इस दौरान मंदिर के गर्भगृह में दर्शनार्थी नहीं जा सकेंगे। यह व्यवस्था सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक रहेगी। इस दौरान शिवरात्रि पर्व को लेकर श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति के प्रशासक संदीप सोनी द्वारा मंदिर के कर्मचारियों और प्रभारियों की बैठक ली गई जिसमें तैयारी करने के निर्देश दिए गए। मंदिर के अंतर्गत जिस विभाग के जो कार्य हैं उन्हें समय पर करने के लिए कहा गया है।

महाकाल मंदिर में शिवनवरात्रि पर्व 10 फरवरी से

महाकाल मंदिर के गर्भगृह में सफाई कार्य के चलते सोमवार तक श्रद्धालु प्रवेश नहीं कर पाएंगे। दर्शनार्थी नंदी मंडपम के पीछे गणपति मंडपम के बैरिकेट्स से श्री महाकालेश्वर भगवान का दर्शन लाभ प्राप्त कर सकेंगे। यहां 10 फरवरी से शिवनवरात्रि पर्व प्रारंभ हो जाएगा। इस दौरान अगले 9 दिनों तक गर्भगृह में केवल पंडे-पुजारियों को भी प्रवेश मिल सकेगा। महाशिवरात्रि का पर्व 18 फरवरी को मनाया जाएगा। इस बार शिवरात्रि में मंदिर पहुंचने वाले भक्तों को श्री महाकाल लोक में फैले बड़े परिसर से होकर दर्शन करने के लिए प्रवेश दिया जाएगा। चारधाम से त्रिवेणी संग्रहालय तक इसके बाद श्री महाकाल लोक से होकर श्रद्धालु मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे।

Next Story