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अब कैलाश दर्शन करने के लिए तिब्बत जाने की जरूरत नहीं! उत्तराखंड से ही दर्शन देंगे महादेव, जानें रुट

अब कैलाश दर्शन करने के लिए तिब्बत जाने की जरूरत नहीं! उत्तराखंड से ही दर्शन देंगे महादेव, जानें रुट
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Uttarakhand Kailash Darshan Route: उत्तराखंड में कैलाश दर्शन के लिए व्यू पॉइंट मिल गया है

Uttarakhand Kailash View Point: महादेव यानी भगवान शिव की तपोस्थली कहे जाने वाले कैलाश पर्वत के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं को तिब्बत या चीन नहीं जाना पड़ेगा। अब उत्तराखंड से ही कैलाश पर्वत के दर्शन हो जाएंगे। यानी अब वीसा या पासपोर्ट की जरूरत नहीं है. उत्तराखंड में कैलाश पर्वत के दर्शन के लिए व्यू पॉइंट मिल गया है. पिथौरागढ़ जिले की 18 हजार फीट ऊंची लिपुलेख पहाड़ियों से कैलाश पर्वत साफ दिखाई देता है। यहां से पर्वत की हवाई दूरी 50 किलोमीटर है।

इस नए व्यू पॉइंट की तलाश क्षेत्रीय ग्रामीणों ने की है. उनकी सूचना पर ही अफसरों की टीम यहां पहुंची और रोड मैप, लोगों के ठहरने की व्यवस्था, दर्शन के पॉइंट तक जाने का रूट सहित अन्य व्यवस्थाओं के लिए सर्वे किया।

अधिकारी इस रिपोर्ट को अब पर्यटन मंत्रालय को सौंपेंगे, इसके बाद नए दर्शन पॉइंट का रुट बनाने का काम शुरू होगा। बताया गया है कि लिपुलेख की जिस पहाड़ी से पर्वत दिखता है, वह नाभीढांग के ठीक 2 किलोमीटर ऊपर है।

उत्तराखंड से कैलाश दर्शन

कैलाश दर्शन करने के लिए अबतक नेपाल से होते हुए चीन के कब्जे वाले तिब्बत में जाना पड़ता है, इस यात्रा में एक व्यक्ति का 2 लाख रुपए खर्च होता है. लेकिन उत्तराखंड से व्यू पॉइंट मिलने के बाद एक महीने की इस यात्रा को सिर्फ 5 दिन में पूरा किया जा सकता है. श्रद्धालुओं को सड़क मार्ग से धारचूला और बूढ़ी के रास्ते नाभीढांग तक पहुंचना होगा। इसके बाद दो किलोमीटर की चढ़ाई को पैदल तय करना होगा।

पिथौरागढ़ के ही ज्योलिंगकांग से 25 किलोमीटर ऊपर लिंपियाधूरा चोटी से भी कैलाश पर्वत के दर्शन हो सकते हैं। लिंपियाधूरा चोटी के पास ओम पर्वत, आदि कैलाश और पार्वती सरोवर हैं। यहां से कैलाश पर्वत के दर्शन होने से इस क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन का स्कोप बढ़ेगा।

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