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Bulb Ka Avishkar Kisne Kiya: बल्ब का अविष्कार किसने किया है? चलिए जानते है...

Bulb Ka Avishkar Kisne Kiya: जब भी बिजली के बल्ब का नाम आता है, अधिकतर लोगों के मन में एक ही नाम आता है — थॉमस अल्वा एडिसन। लेकिन सच्चाई यह है कि बल्ब के आविष्कार की कहानी उतनी सरल नहीं है जितनी हम सोचते हैं। यह एक लंबी वैज्ञानिक प्रक्रिया और अनेक आविष्कारों का परिणाम था, जिसमें कई वैज्ञानिकों ने योगदान दिया।
बल्ब का इतिहास 19वीं सदी की शुरुआत से जुड़ा (Who invented the light bulb, Light bulb invention history, Thomas Edison and the electric bulb)
बल्ब का इतिहास 19वीं सदी की शुरुआत से जुड़ा है। सबसे पहले 1802 में हंफ्री डेवी (Humphry Davy) ने इलेक्ट्रिक आर्क लैम्प विकसित किया, जिसमें बैटरी की मदद से इलेक्ट्रॉड्स के बीच प्रकाश उत्पन्न किया गया। हालांकि यह ज्यादा देर तक नहीं जलता था और घरों में उपयोग के लायक नहीं था।
1860 के दशक में एक प्रयोग (History of electric light in Hindi, Invention of bulb by Thomas Edison, When was the light bulb invented)
इसके बाद 1841 में फ्रेडरिक डे मोलेंस (Frederick de Moleyns) को पहला पेटेंट मिला जिसमें एक बंद ग्लास बल्ब में इलेक्ट्रिक फिलामेंट का उपयोग किया गया था। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए जोसेफ स्वान (Joseph Swan) ने 1860 के दशक में एक प्रयोग किया, जिसमें कार्बनाइज्ड पेपर फिलामेंट का उपयोग हुआ। लेकिन तकनीकी समस्याओं और लंबे समय तक जलने में असमर्थता के कारण यह सफल नहीं हो पाया।
अब आते हैं थॉमस एडिसन पर। 1879 में थॉमस एडिसन ने एक ऐसा बल्ब बनाया जो सस्ता, सुरक्षित और लंबे समय तक जलने योग्य था। उन्होंने अपने बल्ब में एक उच्च प्रतिरोध वाला कार्बन फिलामेंट इस्तेमाल किया और वैक्यूम तकनीक का उपयोग कर उसे लंबे समय तक जलाने में सफलता पाई। यही वजह है कि एडिसन को आज "बिजली के बल्ब का जनक" कहा जाता है।
बल्ब लगभग 13 से 14 घंटे तक जल सकता था (Electric bulb discovery timeline, Light bulb working principle, Scientists involved in bulb invention, First electric bulb model history)
एडिसन ने अपने बल्ब के लिए पेटेंट भी प्राप्त किया और उसे व्यावसायिक रूप से उपलब्ध कराया। उनका बल्ब लगभग 13 से 14 घंटे तक जल सकता था, जो उस समय के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि थी। बाद में उन्होंने इसे और बेहतर बनाया और बल्ब की उत्पादन प्रक्रिया को औद्योगिक रूप से संभव किया।
हालांकि एडिसन ने बल्ब का सिद्धांत नहीं खोजा, लेकिन उसे जन-सुलभ, टिकाऊ और उपयोगी बनाने का कार्य जरूर किया। यही कारण है कि आज उनका नाम बल्ब के आविष्कार के साथ जोड़ा जाता है।
बल्ब के आविष्कार ने पूरी दुनिया को रात में भी रोशनी देने की क्षमता दी। इससे न केवल घरों, स्कूलों और दफ्तरों में काम करना आसान हुआ, बल्कि यह औद्योगिक क्रांति और तकनीकी प्रगति का भी आधार बना।
आज भी हम जब रात को स्विच ऑन करते हैं और कमरे में उजाला फैलता है, तो यह उन वैज्ञानिकों की मेहनत और सोच का ही परिणाम है जिन्होंने वर्षों तक प्रयोग किए और बल्ब को हमारी जिंदगी का हिस्सा बना दिया।