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What Is Tokenization System In Hindi: टोकेनाइज़ेशन सिस्टम क्या है जिसे RBI अक्टूबर से लागू करने वाला है

What Is Tokenization System In Hindi: टोकेनाइज़ेशन सिस्टम क्या है जिसे RBI अक्टूबर से लागू करने वाला है
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टोकेनाइज़ेशन सिस्टम क्या है: Reserve Bank of India ने तीसरी बार टोकेनाइज़ेशन सिस्टम लागू करने की डेट बढ़ाई है

What Is Tokenization System In Hindi: भारतीय रिज़र्व बैंक ने तीसरी बार देश में टोकेनाइज़ेशन सिस्टम इम्प्लीमेंट करने की तारीख बढ़ाई है. अब Tokenization System को देश में 1 अक्टूबर से लागू किया जाएगा। हालांकि सरकार ने Tokenization System को लागू करने के लिए तीन बार तारीखों में बदलाव किया है। भारत में टोकेनाइज़ेशन सिस्टम पहले 1 जून 2021 को लागू होना था, बाद में इसे टालकर 1 जनवरी 2022 किया गया फिर 1 जुलाई 2022 और अब 1 अक्तूबर से इसे लागू करने की बात कही गई है.

टोंकेनाइज़ेशन सिस्टम क्या है

What Is Tokenization System: भारत में डिजिटल पेमेंट मेथड को और भी सुरक्षित करने के लिए Reserve Bank Of India (RBI) Tokenization System को लागू करना चाहता है। अबतक हम सब जब भी कभी ऑनलाइन खाना ऑर्डर करते हैं या किसी भी सर्विस के लिए ऑनलाइन पेमेंट करते हैं तो सामने वाले को बैंक कार्ड डिटेल्स देनी पड़ती हैं. ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट्स में पेमेंट करने के लिए बैंक डिटेल्स सेव रहती हैं. ऐसे में ग्राहक के साथ धोखाधड़ी होने की संभवना रहती है। लेकिन Tokenization System लागू होने के बाद आपको किसी भी तरह के ऑनलाइन भुगतान करने के लिए किसी तीसरी पार्टी ऐप में बैंक डिटेल्स शेयर नहीं करनी पड़ेगी।

आसान भाषा में कहें तो टोकेनाइज़ेशन के बाद आपको कहीं भी पेमेंट करने के दौरान बैंक डेबिट/क्रेडिट कार्ड की डिटेल्स नहीं देनी पड़ेगी।

तो फिर पेमेंट कैसे करेंगे?

बैंक डिटेल्स देने की जगह आपको एक यूनिक ऑल्टरनेट नंबर मिला है जिसे टोकन कहा जाता है, यह टोकन आपके बैंक कार्ड से लिंक होता है. इसके बाद जब भी आप कहीं ऑनलइन पेमेंट करेंगे तो बैंक कार्ड नंबर और अन्य डिटेल्स भरने की जगह आपको सिर्फ टोकन नंबर दर्ज करना होगा।

टोकेनाइज़ेशन से क्या फायदा होगा

Tokenization System Benefits: अभी तक आप अमेज़न, फ्लिपकार्ट, ओला, स्विग्गी जैसे ऑनलाइन शॉपंग और ऑनलाइन सर्विस कमानियों के ऐप में पेमेंट करने के लिए अपने बैंक डिटेल्स सेव कर देते हैं. जिसमे आपके ATM पिन तक सेव हो जाते हैं. कंपनियां तो आपके साथ फ्रॉड नहीं कर सकतीं लेकिन कभी इन थर्ड पार्टी ऐप को किसी ने हैक कर लिया तो बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है. Tokenization System लागू होने के बाद आपको सिर्फ टोकन नंबर दर्ज करना होगा और कोई भी ऐप आपकी बैंक डिटेल्स सेव नहीं कर पाएगा।


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