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Toll Tax Rules Change 2025: 17 साल बाद बदलेंगे Toll Rules! कितना और क्यों घटेगा टोल टैक्स?

Toll Tax Rules Change 2025
17 साल बाद बदलेंगे टोल के नियम: क्या होगा नया सिस्टम? जानिए पूरी जानकारी
(Table of Contents)
- टोल टैक्स में बदलाव की जरूरत क्यों?
- टोल टैक्स की शुरुआत कैसे हुई?
- पुराना टोल निर्धारण तरीका क्या था?
- अब क्या बदला जाएगा?
- नीति आयोग और IIT दिल्ली की भूमिका
- लोगों की भुगतान क्षमता का सर्वे
- नए नियम लागू होने पर क्या असर पड़ेगा?
- निजी कंपनियों और मौजूदा अनुबंधों पर प्रभाव
- आने वाले समय का टोल सिस्टम कैसा हो सकता है?
- निष्कर्ष
भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों पर सफर करने वालों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। केंद्र सरकार टोल टैक्स वसूली के नियमों में बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है। 17 साल बाद पहली बार टोल निर्धारण के आधार और तरीके की व्यापक समीक्षा की जा रही है और इसके लिए नीति आयोग ने IIT दिल्ली को नया मॉडल तैयार करने का जिम्मा दिया है।
सरकार का मानना है कि पिछले दो दशकों में न केवल हाईवे का ढांचा बदला है, बल्कि वाहनों की तकनीक, ईंधन दक्षता और लोगों की यात्रा व्यवहार में भी बड़ा परिवर्तन आया है। ऐसे में पुराने नियम आज की स्थिति का सही प्रतिनिधित्व नहीं करते।
टोल टैक्स में बदलाव की जरूरत क्यों?
वर्तमान समय में टोल टैक्स कई लोगों के लिए आर्थिक बोझ बन चुकी है। जहां एक्सप्रेसवे और हाईवे बेहतर हुए हैं, वहीं नियमित रूप से यात्रा करने वालों ने टोल शुल्क में निरंतर वृद्धि का अनुभव किया है। इसके अलावा डिजिटल भुगतान और यात्रा के नए विकल्पों ने भी नए मूल्य निर्धारण मॉडल की आवश्यकता पैदा की है।
सरकार का मुख्य उद्देश्य: टोल टैक्स को अधिक वैज्ञानिक, तार्किक और न्यायसंगत बनाना।
भारत में टोल टैक्स की शुरुआत कैसे हुई?
टोल टैक्स की शुरुआत 1997 में हुई थी। उस समय सड़क निर्माण और रखरखाव के लिए लागत की वसूली सीधे यात्रियों से करने का सिद्धांत अपनाया गया। प्रारंभिक वर्षों में टोल दरों की गणना में कई तत्व शामिल थे, जैसे:
- वाहन के चलने की लागत
- सड़क के उपयोग से वाहन में होने वाला घिसाव
- यात्रियों की भुगतान क्षमता
- राजमार्ग के निर्माण व रखरखाव की लागत
2008 में सिस्टम कैसे बदला?
2008 में सरकार ने टोल दरों की गणना के लिए एक सरल इंडेक्स आधारित फॉर्मूला अपनाया। इसके तहत:
- हर साल महंगाई (WPI/Inflation Index) के आधार पर टोल बढ़ाया जाता है।
- सड़क, वाहनों या अर्थव्यवस्था में बदलाव का अलग से अध्ययन नहीं किया गया।
यानी यह मॉडल स्थिर हो गया, लेकिन वाहन तकनीक और सड़क गुणवत्ता बदलती रही।
अब क्या बदल सकता है?
सरकार अब टोल को तय करने के लिए कई नए कारकों को शामिल करना चाहती है, जैसे:
- वाहनों की नई माइलेज और तकनीक
- सड़क की गुणवत्ता और रखरखाव की आवश्यकता
- यात्रा का समय और जाम की समस्या
- स्थानीय निवासियों पर आर्थिक प्रभाव
- डिजिटल और ऑटोमैटिक टोलिंग सिस्टम
इसका मतलब यह हो सकता है कि जहां सड़क बेहतर और यात्रा तेज होगी, वहाँ टोल संरचना अलग हो सकती है। वहीं, खराब सड़कों या कम उपयोग वाले मार्गों पर शुल्क संरचना में राहत दी जा सकती है।
नीति आयोग और IIT दिल्ली की भूमिका
नीति आयोग ने यह जिम्मेदारी IIT दिल्ली को दी है। संस्थान ने इसके लिए तीन महीने का समय मांगा है और इस दौरान:
- पुराने मॉडलों की समीक्षा
- अंतरराष्ट्रीय टोल मॉडलों की तुलना
- सड़क और वाहन उपयोग डेटा का विश्लेषण
- टोल की सामाजिक स्वीकार्यता का अध्ययन
इसके आधार पर एक नया मूल्य निर्धारण फॉर्मूला तैयार किया जाएगा।
लोगों की भुगतान क्षमता का सर्वे
सरकार यह भी जानना चाहती है कि लोग टोल टैक्स देने के लिए कितने तैयार हैं। इसके लिए जल्द ही राष्ट्रीय स्तर पर सर्वे कराया जाएगा।
यह सर्वे बताएगा कि आम जनता को टोल कितना उचित लगता है और कहाँ बदलाव आवश्यक है।
नए नियम लागू होने पर क्या असर पड़ेगा?
नए नियम लागू होने के बाद:
- कई जगह टोल कम हो सकता है
- कुछ हाईवे पर अधिक वैज्ञानिक मॉडल के अनुसार शुल्क तय होगा
- लंबी दूरी यात्रा करने वालों को लाभ मिल सकता है
- स्थानीय लोगों के लिए पास सिस्टम में सुधार संभव है
हालांकि, जहां सड़कें बहुत उच्च गुणवत्ता और तेज यात्रा समय देती हैं, वहां टोल बदले हुए ढांचे में कभी-कभी थोड़ा बढ़ भी सकता है, जिससे राजमार्ग रखरखाव के लिए बेहतर फंड उपलब्ध हो सके।
निजी कंपनियों और मौजूदा अनुबंधों पर प्रभाव
भारत में कई टोल प्लाज़ा पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP / BOT मॉडल) पर संचालित हैं। इसलिए:
- किसी भी बदलाव में निजी कंपनियों के अनुबंधों का ध्यान रखना होगा
- बदलाव धीरे-धीरे लागू होंगे
- चल रहे प्रोजेक्ट्स के लिए मध्यावधि सुधार विकल्प देखे जाएंगे
आने वाले समय का टोल सिस्टम कैसा हो सकता है?
भविष्य में भारत डिजिटल और ऑटोमैटिक टोलिंग की ओर बढ़ रहा है। आने वाले कुछ वर्षों में:
- GPS आधारित टोल (सड़क पर जितना चलोगे, उतना शुल्क)
- ANPR कैमरा आधारित लाइसेंस प्लेट स्कैनिंग
- Zero-Stop Highway Toll Lanes
इससे न केवल समय बचेगा बल्कि टोल बूथों पर लाइन और ईंधन की बर्बादी भी समाप्त होगी।
निष्कर्ष
सरकार का यह कदम देश की यात्रा व्यवस्था, परिवहन खर्च और सड़क विकास को अधिक न्यायसंगत बनाने की दिशा में एक बड़ा बदलाव है। टोल टैक्स अब सिर्फ राजस्व का साधन नहीं रहेगा, बल्कि सड़क की गुणवत्ता, उपयोग और यात्रियों के हित के अनुसार अधिक संतुलित और वैज्ञानिक प्रणाली बनेगा।
आने वाले महीनों में इस विषय पर और महत्वपूर्ण अपडेट जारी होंगे।
FAQs (Frequently Asked Questions)
toll tax ka naya rule kya hai?
सरकार नए मॉडल पर काम कर रही है जिसमें टोल दरें सड़क की गुणवत्ता, वाहन तकनीक और लोगों की भुगतान क्षमता के आधार पर तय होंगी। रिपोर्ट तैयार होने के बाद नया नियम लागू होगा।
toll tax kab se badlega?
IIT दिल्ली द्वारा अध्ययन रिपोर्ट पूरी होने के बाद सरकार नए नियमों पर अंतिम फैसला करेगी। अनुमान है कि बदलाव चरणबद्ध तरीके से लागू होंगे।
toll tax rate kaise decide hota hai?
अभी टोल दरें महंगाई और सड़क निर्माण लागत को देखकर तय की जाती हैं। नए सिस्टम में अधिक वैज्ञानिक और व्यवहारिक फॉर्मूला अपनाया जाएगा।
IIT Delhi toll study kya hai?
यह नीति आयोग द्वारा सौंपा गया अध्ययन है जिसमें वर्तमान टोल मॉडल की समीक्षा कर नया मूल्य निर्धारण ढांचा तैयार किया जा रहा है।
toll collection ka new system kaise work karega?
भविष्य में GPS आधारित और कैमरा आधारित टोल संग्रह की दिशा में काम चल रहा है जिसमें टोल बूथ पर रुकना नहीं पड़ेगा।
FASTag ke baad next system kya आएगा?
GPS आधारित टोलिंग और ANPR कैमरा सिस्टम अगले चरण में लागू हो सकते हैं, जिससे बिना रुकावट टोल कटेगा।
GPS based toll collection kaise hoga?
GPS वाले वाहनों में दूरी के आधार पर सिस्टम अपने आप शुल्क तय करेगा। जितना चलोगे, उतना भुगतान होगा।
highway par toll kaise calculate hota है?
अभी यह सड़क निर्माण लागत + रखरखाव + वार्षिक महंगाई के आधार पर तय होता है। जल्द ही नया फॉर्मूला बनेगा।
Niti Aayog toll policy kya है?
यह एक प्रस्तावित नीति है जो टोल निर्धारण को आधुनिक, वैज्ञानिक और न्यायसंगत बनाने पर केंद्रित है।
toll payment ka sahi तरीका क्या है?
वर्तमान में FASTag सबसे सही और तेज तरीका है। भविष्य में मोबाइल GPS पेमेंट संभव होगा।
toll tax reduce kaise हो सकता है?
अगर अध्ययन में पाया गया कि कुछ रास्तों पर दरें अधिक हैं, तो सरकार टोल कम कर सकती है।
toll booth हटेंगे या नहीं?
हां, आने वाले वर्षों में टोल बूथ कम होकर डिजिटल टोलिंग सिस्टम लागू किया जाएगा।
toll free highway kaise bante हैं?
ऐसे मार्ग जहां निर्माण लागत सरकार पूरी वहन करती है, वहां टोल नहीं लगाया जाता।
toll penalty kaise lagती है?
FASTag में बैलेंस न होने या गलत लेन उपयोग करने पर जुर्माना जुड़ जाता है।
toll tax se highway maintenance kaise होता है?
टोल की आय का एक हिस्सा सड़क मरम्मत और संचालन में उपयोग होता है।
toll inflation formula kya है?
यह वह सूत्र है जिसके आधार पर हर वर्ष टोल दरें महंगाई के हिसाब से बढ़ती हैं।
toll का burden कम कैसे होगा?
नए मॉडल में यात्रियों की आर्थिक क्षमता और स्थानीय निवासियों के लिए पास सिस्टम सुधारा जाएगा।
truck drivers par toll का क्या असर है?
शुल्क अधिक होने से परिवहन लागत बढ़ती है, जिससे वस्तुओं की कीमतों पर प्रभाव पड़ता है।
daily commuters को toll relief मिलेगा क्या?
नए नियमों में स्थायी यात्रियों के लिए विशेष पास या रियायतें संभव हैं।
toll plaza par bheed क्यों होती है?
नकद भुगतान और धीमी टैग स्कैनिंग के कारण भीड़ बनती है। डिजिटल सिस्टम से यह कम होगी।
automatic toll gate कैसे काम करता है?
वाहन पहचानते ही सिस्टम FASTag या GPS के माध्यम से भुगतान स्वयं काट लेता है।
ANPR toll system kya hai?
इसमें कैमरा नंबर प्लेट स्कैन करके वाहन की यात्रा और भुगतान पहचानता है।
number plate toll system kaise चलेगा?
AI कैमरे नंबर प्लेट से वाहन पहचानेंगे और सॉफ्टवेयर बिलिंग करेगा।
toll contract private companies ka role kya है?
कई टोल प्लाज़ा निजी कंपनियों द्वारा संचालित होते हैं जिन्हें निर्माण के बदले वसूली अधिकार दिए जाते हैं।
BOT toll model kya है?
Build-Operate-Transfer मॉडल में कंपनी सड़क बनाती है, कुछ वर्ष तक टोल वसूलती है, फिर सड़क सरकार को सौंप देती है।
NHAI toll rules kya हैं?
टोल प्रबंधन और दर निर्धारण NHAI के तहत नियमबद्ध हैं, जिनमें बदलाव नीति आयोग के सुझाव से होगा।
toll tax history India kya है?
1997 में शुरुआत हुई थी और समय के साथ यह लागत वसूली प्रणाली से महंगाई आधारित प्रणाली में बदला।
toll policy reform कब लागू होगी?
अध्ययन पूरा होने के बाद कैबिनेट मंजूरी के साथ धीरे-धीरे लागू होगी।
government toll change कब announce करेगी?
रिपोर्ट मिलने और चर्चा पूर्ण होने के बाद आधिकारिक अधिसूचना जारी की जाएगी।
toll payment dispute kaise resolve करें?
आप NHAI हेल्पलाइन, टोल मैनेजर या FASTag कस्टमर सपोर्ट में शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
toll tax avoid karna legal है क्या?
नहीं। यदि आप टोल वाली सड़क का उपयोग कर रहे हैं तो शुल्क देना कानूनी रूप से आवश्यक है। अवैध रूप से बचने पर पेनल्टी लग सकती है।
toll tax किसे नहीं देना होता?
सरकारी एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड, सेना के वाहन, और कुछ सरकारी विभागों के अधिकृत वाहन टोल से मुक्त होते हैं।
highway travel cost kitni बढ़ेगी?
यह इस बात पर निर्भर करेगा कि नया टोल रेट मॉडल कैसा आता है। कुछ मार्गों पर बढ़ोतरी और कुछ पर राहत संभव है।
टोल टैक्स कैसे कम किया जा सकता है?
अगर सरकार स्थानीय यात्रियों और दैनिक आने-जाने वालों के लिए पास सिस्टम लागू करती है, तो लागत कम हो सकती है।
toll user survey ka purpose kya है?
यह पता लगाने के लिए कि आम लोग टोल दरों को कितना उचित मानते हैं और कहाँ बदलाव आवश्यक है।
toll fairness क्या होता है?
यानी टोल राशि सड़क गुणवत्ता, दूरी और सेवा के मुताबिक उचित हो। न ज्यादा, न कम।
road quality के आधार पर toll तय होगा क्या?
हाँ। प्रस्ताव है कि बेहतर सड़क पर अलग मॉडल और खराब या धीमी सड़क पर अलग टोल सिस्टम लागू हो।
toll free travel कब संभव होगा?
जहाँ सड़क सरकार द्वारा पूरी तरह वित्तपोषित होती है वहाँ टोल नहीं लगता। भविष्य में कुछ क्षेत्रों में ऐसा हो सकता है।
GST और Toll में क्या अंतर है?
GST सामान/सेवाओं पर लगता है। टोल सड़क उपयोग और रखरखाव लागत के लिए लिया जाता है।
टोल टैक्स क्यों लगता है?
सड़क बनाने और वर्षों तक उसकी मरम्मत का खर्च जनता उपयोग शुल्क के माध्यम से पूरा करती है।
टोल टैक्स सड़क निर्माण में कैसे मदद करता है?
टोल से होने वाली आय सड़क की सुरक्षा, मरम्मत, साइन बोर्ड और लाइटिंग जैसी सेवाओं में उपयोग होती है।
टोल हटेगा या बढ़ेगा?
कुछ मार्गों पर राहत, कुछ पर बेहतर सेवा के आधार पर शुल्क संशोधन संभव है।
toll tax in rural highways कैसा होगा?
ग्रामीण क्षेत्रों में टोल संरचना आमतौर पर कम रखी जाती है ताकि स्थानीय लोगों पर भार न पड़े।
expressway toll cost बढ़ने का कारण क्या है?
एक्सप्रेसवे पर तेज, सुरक्षित और उच्च गुणवत्ता वाली यात्रा मिलती है, इसलिए रखरखाव भी अधिक होता है।
toll annual revision क्यों होता है?
महंगाई और संचालन लागत के बदलने के कारण हर वर्ष टोल पुनरीक्षित किया जाता है।
government toll notification कैसे पढ़ें?
सरकार अधिसूचना को NHAI पोर्टल, इंडिया गजट और प्रेस रिलीज़ के माध्यम से जारी करती है।
toll ka current formula kya है?
WPI (महंगाई सूचकांक) आधारित वृद्धि मॉडल वर्तमान में उपयोग में है।
new toll formula कब लागू होगा?
अध्ययन पूरा होने और सरकार की मंजूरी के बाद इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।
लोगों की भुगतान क्षमता सर्वे का result kya बताएगा?
यह बताएगा कि टोल में बढ़ोतरी या कमी कहाँ सामाजिक रूप से स्वीकार्य है।
toll vs fuel expenses comparison kya दिखाता है?
कई यात्राओं में टोल खर्च, ईंधन खर्च के बराबर या उससे अधिक होने लगता है, इसलिए संतुलन ज़रूरी है।
public toll protest क्यों होती है?
जब लोग टोल दरों को अनुचित या सड़क गुणवत्ता को खराब मानते हैं, तब विरोध होता है।
toll online pay कैसे करें?
FASTag से ऑटो कट बेहतर है। जरूरत पड़ने पर UPI, बैंक ऐप और टैग पोर्टल से रिचार्ज किया जा सकता है।
toll receipt कैसे download करें?
आप FASTag बैंक ऐप, NHAI e-challan पोर्टल या संबंधित टोल वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं।
highway toll planning ka vision kya है?
यात्रा को तेज, सुरक्षित और बाधा-मुक्त बनाना जिसमें बिना रुके यात्रा संभव हो।
infrastructure economy में toll का क्या role है?
यह सड़कों के स्थायी रखरखाव और नई परियोजनाओं को आर्थिक आधार देता है।
FASTag recharge useful है क्या?
हाँ, यह समय बचाता है, वाहन रुकता नहीं और भुगतान स्वतः हो जाता है।
toll double charge issue कैसे solve करें?
टोल हेल्पलाइन पर शिकायत देना और ट्रांजेक्शन ID देना होगा। पैसे आमतौर पर 3-7 दिन में रिफंड होते हैं।
toll fraud कैसे होता है?
गलत स्कैनिंग या फर्जी नंबर प्लेट से धोखाधड़ी हो सकती है। नए कैमरा सिस्टम इसे कम करेंगे।
toll booth staff rules kya हैं?
स्टाफ को यात्रियों के साथ विनम्र व्यवहार, रसीद जारी करना और भुगतान प्रक्रिया साफ रखना आवश्यक है।
toll fee exemption categories कौन हैं?
सेना के वाहन, एंबुलेंस, VIP सुरक्षा वाहन आदि छूट श्रेणी में आते हैं।
local resident toll pass कैसे मिलता है?
लोकल पहचान पत्र और वाहन RC जमा कर टोल कार्यालय में आवेदन करने पर रियायती पास जारी किया जाता है।
toll pass कितने समय के लिए valid होता है?
आम तौर पर 1 महीने से 1 वर्ष तक, जो योजना और मार्ग पर निर्भर करता है।
toll tag removal ka procedure kya है?
आप अपने FASTag प्रदाता बैंक/ऐप में टैग बंद (Deactivate) का अनुरोध कर सकते हैं।
national highway toll list kaise check करें?
NHAI की आधिकारिक वेबसाइट और "Know Your Toll Plaza" पोर्टल से सभी टोल दरें देखी जा सकती हैं।
टोल टैक्स और सड़क उपयोग शुल्क में क्या अंतर है?
टोल टैक्स विशेष सड़क/हाईवे के उपयोग के लिए लिया जाता है, जबकि सड़क उपयोग शुल्क व्यापक परिवहन व्यवस्था में लगाया जा सकता है।
टोल टैक्स का पैसा कहाँ जाता है?
यह सड़क निर्माण, मरम्मत, सुरक्षा, लाइटिंग और भविष्य की परियोजनाओं में उपयोग होता है।
टोल टैक्स पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों को कैसे प्रभावित कर सकता है?
ट्रांसपोर्ट लागत बढ़ने पर माल ढुलाई महंगी होती है, जिससे ईंधन और वस्तुओं की कीमतों पर अप्रत्यक्ष असर पड़ सकता है।
क्या टोल दरें स्थानीय लोगों के लिए कम की जा सकती हैं?
हाँ, कई राज्यों में स्थानीय निवासियों को रियायती पास जारी किए जाते हैं। भविष्य में इसे और बेहतर बनाने की योजना है।
क्या टोल प्लाज़ा पूरी तरह खत्म हो जाएंगे?
हाँ, डिजिटल और GPS आधारित सिस्टम लागू होने पर टोल बूथों की आवश्यकता कम होती जाएगी।
Zero-Stop Toll System क्या है?
जहाँ वाहन बिना रुके चलता है और GPS/कैमरा के जरिए टोल ऑटोमेटिक कट जाता है।
GPS आधारित टोल प्रणाली में धोखाधड़ी कैसे रोकी जाएगी?
वाहन की लोकेशन, नंबर प्लेट और वाहन रजिस्ट्रेशन डेटा का मिलान ऑटोमेटिक AI सिस्टम करेगा।
क्या भविष्य में वाहन चलाने की दूरी के हिसाब से टोल कटेगा?
हाँ, Distance-Based Tolling भारत में परीक्षण चरण में है और इसे बड़े स्तर पर लागू करने की तैयारी हो रही है।
क्या टोल सिस्टम EV वाहनों के लिए अलग होगा?
संभावना है कि भविष्य में EVs के लिए अलग या कम शुल्क संरचना बनाई जाए, ताकि स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा मिले।
हाईवे पर CCTV और ANPR कैमरों का क्या काम होता है?
ये वाहन की पहचान, गति, सुरक्षा और टोल ऑटो-बिलिंग में उपयोग किए जाते हैं।
क्या टोल प्लाज़ा पर कैश भुगतान पूरी तरह बंद हो जाएगा?
हाँ, सरकार का लक्ष्य 100% डिजिटल टोलिंग है ताकि ट्रैफिक कम हो और समय बचे।
FASTag में बैलेंस ना होने पर क्या होगा?
आपको दोहरा टोल शुल्क देना पड़ सकता है या लेन रोकी जा सकती है।
क्या GPS आधारित टोल से जाम कम होगा?
हाँ, क्योंकि वाहन को टोल बूथ पर रुकना नहीं पड़ेगा।
टोल टैक्स किन वाहनों के लिए अनिवार्य है?
सड़कों पर चलने वाले लगभग सभी व्यावसायिक और निजी वाहनों के लिए, छूट श्रेणियों के अलावा।
क्या बस और ट्रक के लिए टोल अलग होता है?
हाँ, बड़े और भारी वाहनों पर टोल सामान्य कारों की तुलना में अधिक होता है क्योंकि सड़क पर भार अधिक पड़ता है।
क्या टोल स्मार्ट कार्ड सिस्टम वापिस आ सकता है?
नहीं, अब फोकस डिजिटल और GPS आधारित टोलिंग पर है।
टोल टैक्स का भुगतान ऑनलाइन कैसे सत्यापित करें?
FASTag बैंक स्टेटमेंट, NHAI e-challan पोर्टल या SMS अलर्ट से भुगतान की जानकारी देखी जा सकती है।
क्या टोल सिस्टम से ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री को राहत मिलेगी?
अगर तेजी से आगे बढ़ने वाली यात्रा और बेहतर पास सिस्टम आता है, तो परिवहन लागत घट सकती है।
टोल नीति में बदलाव से आम लोगों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
दैनिक यात्रियों को राहत संभव है, जबकि लंबी दूरी यात्रियों के लिए शुल्क तय सिस्टम के अनुसार संतुलित किया जाएगा।
क्या भविष्य में टोल टैक्स ऐप के माध्यम से भी कटेगा?
हाँ, सरकार ‘वन-नेशन-वन-टोल’ डिजिटल पेमेंट सिस्टम की योजना पर काम कर रही है।
क्या निजी वाहन मालिकों को सबसे ज्यादा प्रभाव होगा?
नहीं, शुल्क दूरी और उपयोग पर आधारित होने से प्रभाव संतुलित रहेगा।
क्या टोल नियम राज्यों के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं?
राष्ट्रीय राजमार्गों पर नियम केंद्र तय करता है, जबकि राज्य मार्गों पर राज्य सरकारें निर्णय ले सकती हैं।
टोल नीति में बदलाव कब लागू होगा?
अध्ययन रिपोर्ट आने और अनुमोदन के बाद चरणबद्ध तरीके से बदलाव शुरू होंगे।
क्या GPS टोल सिस्टम के लिए वाहन में नया डिवाइस लगाना होगा?
कुछ वाहनों में हाँ, जबकि नए मॉडलों में पहले से GPS आधारित टेलिमैटिक सिस्टम मौजूद होगा।
टोल टैक्स कौन तय करता है?
NHAI, सड़क परिवहन मंत्रालय और नीति आयोग द्वारा संयुक्त रूप से नीति बनाई जाती है।
टोल टैक्स का सीधा लाभ किसे मिलता है?
यात्रियों को बेहतर सड़क सुविधा, कम यात्रा समय और सुरक्षित मार्ग मिलता है।
क्या भविष्य में टोल खत्म हो सकता है?
पूरी तरह हटना संभव नहीं, लेकिन तरीका और मॉडल बदलना निश्चित है।
नए सिस्टम से क्या यात्रा आसान होगी?
हाँ, रुकावट कम होगी, समय बचेगा और ईंधन की बर्बादी घटेगी।
क्या यह बदलाव देशव्यापी होगा?
हाँ, लेकिन चरणों में। पहले हाई ट्रैफिक कॉरिडोर पर लागू होगा।
अंत में आम नागरिक के लिए इसका सबसे बड़ा फायदा क्या है?
यात्रा तेज, निष्पक्ष टोल निर्धारण, और दैनंदिन यात्रियों के लिए संभावित राहत।




