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Open AI: ChatGPT का भारत में पहला ऑफिस, साल के अंत तक दिल्ली में खुलेगा

Open AI  ChatGPT
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Open AI ChatGPT

ChatGPT बनाने वाली कंपनी ओपनएआई इस साल के अंत तक नई दिल्ली में अपना पहला भारतीय कार्यालय खोलने जा रही है। कंपनी ने भारत में AI की संभावनाओं की सराहना की है।

ओपनएआई आ रहा है भारत, दिल्ली में खुलेगा ऑफिस: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक ओपनएआई (OpenAI) ने एक बड़ा ऐलान किया है। कंपनी ने बताया है कि वह इस साल के अंत तक नई दिल्ली में अपना पहला भारतीय कार्यालय खोलने जा रही है। यह कदम दिखाता है कि भारत अब एआई के क्षेत्र में दुनिया का एक महत्वपूर्ण बाजार बन चुका है। ChatGPT के लिए भारत, अमेरिका के बाद दूसरा सबसे बड़ा और सबसे तेजी से बढ़ता हुआ बाजार है।

भारत में क्यों आ रहा है ओपनएआई? (Why is OpenAI coming to India?)

ओपनएआई ने भारत में एक स्थानीय इकाई (local entity) बना ली है और अब वह अपनी टीम भी नियुक्त कर रहा है। कंपनी का कहना है कि इस पहल का मकसद भारत सरकार के "India-AI Mission" को समर्थन देना है। इसके साथ ही, कंपनी भारत के लिए एआई बनाने और यहां के डेवलपर समुदाय के साथ मिलकर काम करने पर भी जोर देगी। यह कदम भारतीय एआई इकोसिस्टम को मजबूत करने और स्थानीय जरूरतों के हिसाब से नई टेक्नोलॉजी विकसित करने में मदद करेगा।

ओपनएआई के सीईओ ने क्या कहा? (What did the CEO of OpenAI say?)

ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने खुद भारत में एआई को लेकर जबरदस्त उत्साह जताया है। एक बयान में उन्होंने कहा, “भारत में एआई को लेकर जो जोश और संभावनाएं हैं, वह अविश्वसनीय है। भारत के पास वैश्विक एआई लीडर बनने के लिए वह सब कुछ है जो चाहिए: बेहतरीन टैलेंट, शानदार डेवलपर माहौल और सरकार का मजबूत समर्थन।” ऑल्टमैन का यह बयान भारत में एआई के बढ़ते महत्व और भविष्य की संभावनाओं को दिखाता है। यह खबर तब आई है जब ओपनएआई ने भारतीय बाजार के लिए कुछ नई पहलें भी शुरू की हैं, जैसे ChatGPT Go और भारतीय भाषाओं के लिए बेहतर सपोर्ट।

केंद्रीय मंत्री ने किया स्वागत

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी ओपनएआई के इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह कदम देश के डिजिटल इनोवेशन और एआई के क्षेत्र में बढ़ती हुई लीडरशिप को दर्शाता है। दिल्ली में ऑफिस खुलने से ओपनएआई को स्थानीय कंपनियों, सरकारी विभागों, व्यापारिक संगठनों और शैक्षणिक संस्थानों के साथ सीधे मिलकर काम करने में आसानी होगी। इससे भारत में एआई से जुड़े काम में तेजी आएगी और नई टेक्नोलॉजी को अपनाने में मदद मिलेगी।

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