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वैज्ञानिकों का चमत्कारी अविष्कार: लैब में बनाया Supernova, जिससे हुआ था अपने सौर्यमंडल का निर्माण

वैज्ञानिकों का चमत्कारी अविष्कार: लैब में बनाया Supernova, जिससे हुआ था अपने सौर्यमंडल का निर्माण
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Miraculous invention of scientists: वैज्ञानिक लैब में सूर्य की गैसों की उत्पत्ति को समझने के लिए एक्सपेरिमेंट कर रहे थे. लेकिन उन्होंने सुपरनोवा ही बना डाला

Miraculous invention of scientists: वैज्ञानिकों ने लैब में सुपरनोवा का अविष्कार किया है. वही सुपरनोवा जिसके कारण हमारे सौर्यमंडल का निर्माण हुआ था और ब्रम्हांड में नए ग्रहों और सौर्यमंडल का निर्माण होता रहता है. यह साल 2022 की सबसे बड़ी खोज और अविष्कार है। दरअसल साइंटिस्ट सूर्य को बनाने वाली गैसों की उत्पत्ति को लेकर रिसर्च कर रहे थे, लेकिन उनके एक्सपेरिमेंट ने लैब के अंदर सुपरनोवा को जन्म दे दिया।

वैज्ञानिकों ने ये कैसे किया

दरअसल सुपरनोवा अंतरिक्ष का सबसे बड़ा विस्फोट माना जाता है. जब एक विशालकाय तारा फूटता है तो एक संसार का अंत होता है और दूसरी दुनिया की उत्पत्ति होती है. सुपरनोवा इतना विशाल होता है कि हमारे सौर्यमंडल उसके सामने एक बिंदी से भी छोटा होता है. लेकिन वैज्ञानिकों ने अपनी लैब में छोटा सा सुपरनोवा बनाने में सफलता प्राप्त की है. साइंटिस्ट्स ने शक्तिशाली लेज़र और फोन बॉल के प्रयोग से सुपरनोवा को जन्म दिया है.

सुपरनोवा क्या होता है

सुपरनोवा अंतरिक्ष का सबसे बड़ा विस्फोट कहलाता है. जब एक तारे का दवाब इतना कम हो जाता है कि उसका गुरुत्वाकर्षण अचानक से हावी हो जाता है. कुछ ही मिनटों में विशालकाय तारा अंदर ही अंदर सिकुड़ने लगता है और फिर भारी विस्फोट होता है, विस्फोट से निकलने वाले शॉकवेव से बड़े-बड़े आणविक बादल के भीतर घने तत्व वाले पॉकेट बन जाते हैं. इन्ही पॉकेट से मिलकर नए ग्रहों और सूर्य का निर्माण होता है.

कहां हुआ है ये प्रयोग

फ़्रांस के पॉलिटेक्निक इंस्टिट्यूट ऑफ़ पेरिस के रिसर्चर्स ने अपनी लैब में सुपरनोवा को जन्म दिया है. उनका कहना है कि हमारे सौर्यमंडल क निर्माण भी ऐसे ही सुपरनोवा से हुआ था. ऐसी घटनाओं को किसी ने पहले कभी नहीं देखा है, और न ही सुपरनोवा के मास को मापा जा सकता है.


Abhijeet Mishra | रीवा रियासत

Abhijeet Mishra | रीवा रियासत

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