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Meta Big Decision: मेटा का बड़ा फैसला, मेटा ने बच्चों की सुरक्षा के लिए AI चैटबॉट में क्यों किए बदलाव?

मेटा ने बच्चों की सुरक्षा के लिए AI चैटबॉट में किए बदलाव
Meta ne bachchon kee suraksha ke lie ai chaitabot kee trening badalee
मेटा ने घोषणा की है कि वह अपने AI चैटबॉट को ट्रेनिंग देने का तरीका बदल रही है, ताकि बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा सके। यह फैसला एक जांच रिपोर्ट के बाद आया है, जिसमें कंपनी के AI सुरक्षा उपायों में कमी बताई गई थी। एक मेटा प्रवक्ता ने बताया कि अब ये चैटबॉट टीनएजर्स के साथ आत्म-नुकसान, आत्महत्या, ईटिंग डिसऑर्डर या आपत्तिजनक रोमांटिक बातचीत जैसे विषयों पर चर्चा नहीं करेंगे। ये बदलाव फिलहाल अस्थायी हैं और कंपनी भविष्य में और भी मजबूत सुरक्षा उपाय लाएगी।
meta ne ai chaitabot mein badalaav kyon kiya
मेटा ने बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अपने AI चैटबॉट की ट्रेनिंग में बड़े बदलाव किए हैं। यह फैसला तब आया जब एक जांच रिपोर्ट में सामने आया कि मेटा के AI में बच्चों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त उपाय नहीं थे। एक प्रवक्ता के अनुसार, कंपनी ने पाया कि उसके चैटबॉट संवेदनशील विषयों पर बच्चों से बात कर सकते थे, जिसे अब एक गलती माना गया है।
अब ये चैटबॉट टीनएजर्स के साथ आत्म-नुकसान, आत्महत्या, ईटिंग डिसऑर्डर या आपत्तिजनक बातचीत जैसे विषयों पर चर्चा नहीं करेंगे। ये बदलाव फिलहाल शुरुआती हैं और कंपनी भविष्य में और भी मजबूत सुरक्षा उपाय लाने की योजना बना रही है।
Bachchon kee suraksha ke liye meta ka faisla
मेटा का यह फैसला बच्चों और युवाओं को ऑनलाइन सुरक्षित रखने की एक बड़ी पहल है। कंपनी ने माना कि जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी बढ़ रही है, हमें यह भी समझना होगा कि युवा इन टूल्स का कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं।
इस बदलाव के तहत, मेटा ने कुछ ऐसे AI कैरेक्टर्स तक बच्चों की पहुँच भी सीमित कर दी है जो आपत्तिजनक बातचीत कर सकते थे। अब बच्चों को सिर्फ उन्हीं AI कैरेक्टर्स तक पहुँच मिलेगी जो उन्हें सीखने और रचनात्मकता में मदद करते हैं।
AI chaitabot aur bachchon kee suraksha
एक रिपोर्ट में मेटा के एक आंतरिक दस्तावेज का खुलासा हुआ था, जिसमें दिखाया गया था कि AI चैटबॉट नाबालिगों के साथ आपत्तिजनक बातचीत कर सकते थे। इस रिपोर्ट के बाद, अमेरिका के कई सीनेटरों और अटॉर्नी जनरलों ने मेटा की नीतियों पर सवाल उठाए थे।
इन दबावों के बाद, मेटा के नए AI नियम सामने आए हैं। कंपनी ने कहा है कि वह अपने सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए काम कर रही है ताकि बच्चों को सुरक्षित और उनकी उम्र के अनुसार अनुभव मिल सके।
meta ai chaitabot kaise kaam karata hai
मेटा का AI चैटबॉट एक विशेष प्रोग्राम है जिसे बातचीत करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह डेटा के विशाल भंडार पर प्रशिक्षित होता है ताकि इंसानों जैसी बातचीत कर सके। जब कोई यूजर चैटबॉट से बात करता है, तो AI उस बातचीत के आधार पर जवाब तैयार करता है।
अब मेटा ने इस ट्रेनिंग में ही बदलाव कर दिए हैं, ताकि यह कुछ खास विषयों को पहचान सके और उन पर टीनएजर्स के साथ बातचीत न करे। अगर कोई यूजर किसी संवेदनशील विषय पर बात करता है, तो चैटबॉट उसे विशेषज्ञ की सलाह लेने के लिए निर्देशित करेगा।
FAQs
मेटा ने AI चैटबॉट में क्या बदलाव किए हैं?
मेटा ने AI चैटबॉट को अब टीनएजर्स के साथ आत्म-नुकसान, आत्महत्या, ईटिंग डिसऑर्डर और आपत्तिजनक बातचीत जैसे संवेदनशील विषयों पर बात न करने के लिए प्रशिक्षित किया है।
ये बदलाव क्यों किए गए हैं?
ये बदलाव एक रिपोर्ट के बाद किए गए हैं जिसमें मेटा के AI चैटबॉट में बच्चों की सुरक्षा को लेकर कमियाँ पाई गई थीं।
क्या ये नियम सभी यूजर्स पर लागू होंगे?
ये नियम मुख्य रूप से नाबालिग यूजर्स की सुरक्षा के लिए लागू किए गए हैं।
क्या इन बदलावों से चैटबॉट का काम बदल जाएगा?
हाँ, अब चैटबॉट संवेदनशील विषयों पर सिर्फ सलाह देगा, सीधे बातचीत नहीं करेगा।




