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Health & Critical Illness Insurance 2025: हेल्थ इंश्योरेंस लेने वाले हर व्यक्ति के लिए जरूरी है ये खबर! प्रीमियम भरने से पहले ध्यान दे नहीं हो जाएगा भारी नुकसान

Health & Critical Illness Insurance 2025
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Health & Critical Illness Insurance 2025

Health & Critical Illness Insurance: हेल्थ और गंभीर बीमारी इंश्योरेंस का फर्क, कवरेज और प्रीमियम जानें ताकि आपका पैसा सुरक्षित रहे।


Table of Contents – Health & Critical Illness Insurance 2025

हेल्थ इंश्योरेंस की अहमियत

आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी में हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेना बेहद जरूरी है. बढ़ती जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों और महंगे मेडिकल खर्चों के बीच यह आपकी आर्थिक सुरक्षा का मजबूत साधन है. अस्पताल में भर्ती से लेकर ओपीडी तक के खर्चों को हेल्थ इंश्योरेंस कवर करता है।

क्यों नहीं काफी सिर्फ हेल्थ इंश्योरेंस

सिर्फ हेल्थ इंश्योरेंस होने से सभी गंभीर और जानलेवा बीमारियों का कवरेज नहीं मिलता. लंबे समय तक चलने वाले इलाज का खर्च सामान्य हेल्थ इंश्योरेंस से पूरा नहीं हो पाता, जिससे वित्तीय जोखिम बढ़ जाता है।

क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस की जरूरत

क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस उन गंभीर बीमारियों को कवर करता है, जो आपकी कमाई और जीवन दोनों को प्रभावित कर सकती हैं. इसमें बीमार पड़ने पर आपको एकमुश्त (लंपसम) राशि मिलती है, जिसे अस्पताल खर्च, घर के खर्च, लोन चुकाने या किसी भी जरूरत के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. विशेषकर कैंसर, स्ट्रोक, एंड-स्टेज किडनी फेल्योर और मल्टीपल स्क्लेरोसिस जैसी बीमारियों के लिए यह पॉलिसी जरूरी है।

हेल्थ और क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस का कवरेज और प्रीमियम

हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम अधिक होता है और इसमें कई बार क्लेम कर सकते हैं. क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस का प्रीमियम अपेक्षाकृत कम है, लेकिन इसमें जीवन भर केवल एक बार दावा किया जा सकता है।

क्रिटिकल इलनेस नॉन-मेडिकल खर्चों का कवरेज

क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस की एकमुश्त राशि नॉन-मेडिकल जरूरतों जैसे घर का खर्च या कर्ज चुकाने में भी काम आ सकती है. गंभीर बीमारी की वजह से आमदनी प्रभावित होने पर यह राशि जीवनरेखा साबित होती है।

दोनों पॉलिसियों का होना क्यों जरूरी है

हेल्थ इंश्योरेंस अस्पताल के खर्च से बचाता है, जबकि क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी गंभीर बीमारियों से होने वाले भारी आर्थिक बोझ को कम करती है. दोनों पॉलिसी लेने से वित्तीय सुरक्षा और भविष्य की मजबूती सुनिश्चित होती है।

Health Insurance vs Critical Illness Insurance comparison

  • कवरेज: हेल्थ इंश्योरेंस अस्पताल और OPD खर्च, क्रिटिकल इलनेस गंभीर बीमारी पर एकमुश्त राशि
  • क्लेम: हेल्थ इंश्योरेंस कई बार क्लेम, क्रिटिकल इलनेस केवल एक बार क्लेम
  • प्रीमियम: हेल्थ इंश्योरेंस ज्यादा, क्रिटिकल इलनेस कम
  • नॉन-मेडिकल खर्च: सिर्फ क्रिटिकल इलनेस में कवरेज

Health & Critical Illness Insurance कैसे चुनें

पॉलिसी लेते समय कवरेज, प्रीमियम, क्लेम सेटलमेंट रेट और नॉन-मेडिकल खर्च कवरेज की जांच करें. दोनों पॉलिसी लेना सबसे सुरक्षित विकल्प है।

क्लेम प्रक्रिया कैसे काम करती है

हेल्थ इंश्योरेंस और क्रिटिकल इलनेस क्लेम की प्रक्रिया अलग होती है. अस्पताल में भर्ती और डॉक्यूमेंट सबमिट करने के बाद क्लेम अप्रूवल होता है. क्रिटिकल इलनेस में एकमुश्त राशि सीधे बैंक खाते में आती है।

FAQs – Health & Critical Illness Insurance

Q1: हेल्थ और क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस दोनों क्यों जरूरी हैं?

हेल्थ इंश्योरेंस अस्पताल खर्च को कवर करता है, जबकि क्रिटिकल इलनेस गंभीर बीमारियों में आर्थिक सुरक्षा देता है। दोनों मिलाकर पूरी सुरक्षा मिलती है।

Q2: क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस कब क्लेम कर सकते हैं?

बीमारी डायग्नोसिस के बाद एकमुश्त राशि क्लेम कर सकते हैं। यह केवल गंभीर बीमारियों के लिए होता है।

Q3: प्रीमियम कितना अंतर होता है?

हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम अधिक, क्रिटिकल इलनेस प्रीमियम कम होता है।

Q4: क्या नॉन-मेडिकल खर्च कवर होता है?

सिर्फ क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस की एकमुश्त राशि नॉन-मेडिकल खर्चों में भी काम आती है।

Q5: क्या दोनों पॉलिसी एक साथ ली जा सकती हैं?

हाँ, दोनों पॉलिसी अलग-अलग जरूरतों के लिए हैं और साथ में लेने पर सबसे ज्यादा सुरक्षा मिलती है।

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