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Google ने बनाया Quantum Computer, सुपर कम्‍प्‍यूटर से है लाखों गुना तेज

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:10 AM GMT
Google ने बनाया Quantum Computer, सुपर कम्‍प्‍यूटर से है लाखों गुना तेज
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पेरिस। असंभव सी लगने वाली स्पीड से गणनाओं को अंजाम देने वाले सुपर कंप्यूटर के बारे में सोचना भी रोमांच से भर देता है। ऐसे में यदि यह कहा जाए कि वैज्ञानिकों ने सुपर कंप्यूटर से भी लाखों गुना तेज काम करने वाला कंप्यूटर तैयार कर दिया है, तो इस पर विश्वास करना भी काफी मुश्किल है। फिलहाल दिग्गज टेक्नोलॉजी फर्म गूगल के वैज्ञानिकों ने साइकामोर नाम से ऐसी मशीन बनाई है, जो असंभव सी लगने वाली स्पीड से गणनाएं करने में सक्षम है। यह मशीन क्वांटम कंप्यूटिंग के सिद्धांत पर काम करती है। इस मशीन को लेकर वैज्ञानिकों का दावा है कि यह क्वांटम कंप्यूटर एक सेकेंड में 20,000 लाख करोड़ गणनाएं कर सकता है। प्रयोग के दौरान इस कंप्यूटर ने मात्र 200 सेकेंड में उस गणना को अंजाम दे दिया, जिसे अंजाम देने में पारंपरिक कंप्यूटर को 10,000 साल तक का समय लग जाएगा। देखने में यह मशीन एक फ्लिप फोन के जैसी है।

इस तरह करता है काम सामान्य प्रयोग में आने वाले कंप्यूटर बाइनरी सिस्टम पर काम करते हैं। यानी ऐसे कंप्यूटर में हर तरह का डाटा शून्य और एक के छोटे- छोटे टुकड़ों में आगे बढ़ता है। इस छोटे टुकड़े को कम्प्यूटर की भाषा में बिट कहा जाता है। एक बार में सिर्फ एक बिट ही आगे बढ़ता है। वहीं क्वांटम कंप्यूटर की खूबी यह हैकि इसमें शून्य और एक दोनों को साथ-साथ आगे बढ़ाया जा सकता है। क्वांटम कंप्यूटर में डाटा के इस सबसे छोटे टुकड़े को क्यूबिट कहा जाता है। शून्य और एक को एक साथ लेकर चलने की क्यूबिट की खूबी ही क्वांटम कंप्यूटर की गति को लाखों गुना बढ़ा देती है। वैज्ञानिकों ने जो क्वांटम कंप्यूटर बनाने का दावा किया है, उसका प्रोसेसर 54 क्यूबिट का है।

मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के कंप्यूटर शोधकर्ता विलियम ओलिवर ने इस अविष्कार के संबंध में कहा कि यह बहुत बड़ी उपलब्धि है और यह वैसी ही है जैसी 20वीं सदी की शुरुआत में जैसे राइट ब्रदर्स ने पहला हवाई जहाज बनाया था, यह काफी कुछ वैसा ही है। उनके उस हवाई जहाज से तब किसी समस्या का समाधान नहीं निकला था, ना ही उसमें बैठकर कोई कहीं सफर कर सकता था। इसके बावजूद वह उपलब्धि इसलिए बड़ी थी, क्योंकि उसने एक बड़े सपने को साकार किया था। गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने भी इस उपलब्धि के लिए अपनी टीम की प्रशंसा की।

यह होगा फायदा? कंप्यूटर की यह तेज गति कई मामलों में बहुत मददगार साबित हो सकती है। विशेषतौर पर नई दवाओं की खोज में इस कंप्यूटर का विशेष लाभ उठाया जा सकता है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) आधारित टेक्नोलॉजी को भी इस कंप्यूटर की मदद से नई ऊंचाई मिलेगी। इनकी सहायता से बेहतर सोलर पैनल भी बनाए जा सकेंगे। वित्तीय लेनदेन में भी इसकी तेजी का खासा फायदा हो सकेगा।

गूगल के इस दावे पर सवाल उठाए जा रहे हैं। पिछले महीने गूगल लैब का ड्रॉफ्ट ऑनलाइन लीक हो गया था। इसके आधार पर आइबीएम का कहना है कि साइकामोर की खूबियों को काफी बढ़ा-चढ़ाकर बताया जा रहा है। आइबीएम के वैज्ञानिकों का इस मामले में कहना है कि जिस गणना में सामान्य सुपर कंप्यूटर को 10,000 साल लगने की बात कही जा रही है, उसमें करीब ढाई साल ही लगेगा। उन्होंने कहा, 'क्वांटम सुप्रीमेसी का अर्थ है क्वांटम कंप्यूटर वह काम कर सके, जो सामान्य सुपर कंप्यूटर नहीं कर सकते हैं। साइकामोर इस पैमाने पर खरा नहीं है।' आइबीएम के वैज्ञानिक भी क्वांटम कंप्यूटर पर काम कर रहे हैं।

Aaryan Dwivedi

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