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Elon Musk कि Neuralink कंपनी ने ऐसी चिप बनाई है जिसके बाद आपका दिमाग चाचा चौधरी से भी तेज़ हो जाएगा

Elon Musk कि Neuralink कंपनी ने ऐसी चिप बनाई है जिसके बाद आपका दिमाग चाचा चौधरी से भी तेज़ हो जाएगा
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Elon Musk's Neuralink: एलोन मस्क ना सिर्फ इंसानों को मंगल ग्रह में बसना चाहते हैं बल्कि वो इंसानी दिमाग को कम्प्यूर बना देना चाहते हैं

Elon Musk's Neuralink: इस बात में कोई शक नहीं है कि Tesla और Space x के CEO एलोन मस्क एक विशनरी बिज़नेस लीडर हैं, जो ना सिर्फ पृथ्वी वासियों को मंगल ग्रह में बसना चाहते हैं बल्कि इंसानी दिमाग को एक सुपर कम्प्यूटर में तब्दील करना चाहते हैं। एलोन मस्क वो हर नामुमकिन चीज़ों को वास्तविकता में बदल रहे हैं जो सिर्फ हॉलीवुड की साइंस फिक्शन फिल्मों में देखने को मिलती है। मस्क साइंस फिक्शन से फिक्शन हटाने वाले खरबपति बिजनेसमैन हैं।

वैसे तो Elon Musk कई कंपनियों के फाउंडर हैं जिनमे से एक कंपनी है Neuralink (न्यूरालिंक) जिसने एक ऐसी कम्प्यूटर माइक्रो चिप इजात की है जो इंसानों के दिमाग में फिट की जा सकती है। इसके लिए कंपनी ने ब्रेन इम्प्लांट फर्म पर आधिकारिक तौर पर एक क्लिनिकल ट्रायल डायरेक्टर को भी हायर कर रही है,
सुनने में यह डरावना ज़रूर लगता है और इसमें काफी रिस्क भी है, इंसानी दिमाग से छेड़छाड़ करना किसी की जान के लिए घातक साबित हो सकता है लेकिन अगर यह एक्सपेरिमेंट सफल हो जाता है तो यह क्रांति मचा देगा। जिस सुपर ह्यूमन की हम कल्पना करते हैं वो सच्चाई में बदल जाएगा। इससे तंत्रिका संबधी बिमारियों जैसे (neurological disorders), (brain damage), (paralysis) जैसी कई बीमारियों का इलाज किया जा सकता है।

बंदरों के दिमाग में चिप डाल कर उनसे वीडियो गेम खिलवा दिया

जो इंसान मस्क के इस मिशन के लिए ट्रायल डिरेक्टर के रूप में खुद को आगे लाएगा वह मानवजाति के लिए चिकित्सा क्षेत्र में क्रांति ले आएगा। एलोन मस्क ने अपने इस मिशन के लिए बंदरों के दिमाग में चिप घुसेड़ कर उनसे वीडियो गेम खेलना सिखाया था। और उन्हें उसी चिप के ज़रिये वीडियो गेम में शूटिंग कैसे करते हैं ये सिखाया गया था। मस्क ने कहा बंदरों को इससे कोई तकलीफ नहीं हुई बल्कि वो अच्छे से वीडियो गेम खेल रहे थे।

तो किसकी खोपड़ी में डलेगी चिप

वाल स्ट्रीट जर्नल (The Wall Street Journal) को दिए एक इंटरव्यू में मस्क ने कहा था कि साल 2022 के अंत कर कंपनी का यह लक्ष्य है कि न्यूरलिंक डिवाइस किसी इंसान के दिमाग में सफलतापूर्वक फिट की जा सके. अब ये देखने वाली बात होगी के मस्क का यह एक्सपेरिमेंट क्रांति लाता है या इससे नई परेशानियां खड़ी होती हैं। फ़िलहाल ह्यूमन ट्रायल के लिए (FDA) से मंजूरी मांगी गई है, मंजूरी मिलते ही परीक्षण शुरू कर दिया जाएगा।

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