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Electricity Crisis In India: भारत में फिर गहराया बिजली संकट, कई राज्यों में 8 घंटे की कटौती शुरू
Electricity Crisis In India: भारत में एक बार फिर से बिजली का संकट पैदा हो रहा है, कई राज्यों में 8 घंटे की बिजली कटौती शुरू हो गई है. बता दें की तेज़ गर्मी और कोयले की कमी के कारण फिर से इलेक्ट्रिसिटी क्राइसिस का अंदेशा है.
देश में 70% इस्तेमाल होने वाली बिजली थर्मल पावर प्लांट से बनती है. थर्मल पावर प्लांट में कोयला का ही इस्तेमाल होता है। थर्मल पॉवरप्लांट्स में कोल इंडिया जरूरत के हिसाब से पूर्ती नहीं कर पा रहा है। ऐसे में कई पॉवरप्लांट में कुछ ही दिनों का कोयला स्टॉक में बचा है. जैसे ही स्टॉक ख़त्म होता, बिजली बनना बंद हो जाएगा।
कोयले की कमी क्यों हो रही है
कोयले के ट्रांसपोर्ट के लिए रेलवे रैक की उपलब्धता कम है, ऐसे में कोयले के आयात में कमी हुई है. डिमांड ज्यादा है और सप्लाई कम. ऐसे में बिजली की मांग के हिसाब से कोयले की पूर्ती नहीं हो पा रही है. कोरोना के बाद इकोनॉमिक एक्टिविटीज के फिर से बढ़ने और देश में गर्मी चरम पर पर होने से बिजली की मांग बढ़ी है लेकिन उत्पादन मांग के अनुसार नहीं हो रहा है.
केवल 8 दिन का स्टॉक बचा है
बिजली मंत्रालय के आंकड़े कहते हैं कि 19 अप्रैल को बिजली उत्पादकों के पास जो स्टॉक था वो औसतन 8 दिनों तक चल सकता है. कोल इंडिया लिमिटेड डिमांड का पूरा नहीं कर पा रही है, कोल इंडिया एशिया की सबसे बड़ी कोयला खदान ऑपरेट करती है.
ऑल इंडिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन का कहना है कि देश भर में थर्मल प्लांट कोयले की कमी से जूझ रहे हैं, इसकी वजह कई राज्यों में ज़्यादा बिजली की डिमांड होना है. गर्मियों में कोयले की कमी होती है इसमें कोई नई बात नहीं है लेकिन इस बार कोयले की कमी की वजह उत्पादन है.
8-8 घंटे की कटौती हो रही है
कॉटन असोशिएशन ऑफ़ इंडिया के अनुसार देश के पश्चिमी और दक्षिणी हिस्सों में कुछ कपडा मीलों में बिजली की कमी से काम रोक दिया है. पूर्वी बिहार में भी बिजली कटौती से लोग परेशान हैं. छत्तीसगढ़ में ही ऐसा ही हाल है. कई राज्यों की सरकारें बिजली बचाने के लिए 8-8 घंटे की कटौती करने की बात कह रही हैं.