टेक और गैजेट्स

China's Artificial Sun: चाइना ने अपना अलग आर्टिफिशिल सूरज बना डाला है, लेकीन वो इसका करेगा क्या?

Chinas Artificial Sun: चाइना ने अपना अलग आर्टिफिशिल सूरज बना डाला है, लेकीन वो इसका करेगा क्या?
x
China's Artificial Sun: चीन ने कृतिम सूर्य बना कर नए परमाणु मिश्रण में कृतिमान रच दिया है

China's Artificial Sun: यहां दुनिया चांद और मंगल में राकेट भेजने के लिए जदोजहद्द कर रही है वहीं चाइना ने अपने लिए आर्टिफिशिल सूर्य बना डाला है। बीते गुरुवार को चाइना के वैज्ञानिकों ने अपने कृतिम सूर्य को 1,056 सेकेंड्स तक चला कर टेस्ट किया। जो लगभग असीमित ऊर्जा पैदा करता है। बता दे कि चीन का यह कृतिम सूरज 10 करोड़ डिग्री सेल्सियस तक गर्मी पैदा कर सकता है।

कृतिम सूर्य से असीमित एनर्जी बनती है

सिन्हुआ की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन का "कृत्रिम सूर्य", एक परमाणु संलयन टोकामक रिएक्टर, है जो लगभग असीमित मात्रा में उत्सर्जन-मुक्त ऊर्जा प्रदान कर सकता है, चीन ने उच्च प्लाज्मा तापमान पर 1,056 सेकंड तक चलकर एक नया रिकॉर्ड बनाया। विशेष टोकामक रिएक्टर को ईएएसटी कहा जाता है, जो प्रायोगिक उन्नत सुपरकंडक्टिंग टोकामक के लिए है। यह हेफ़ेई, चीन में स्थित है, और इसने मई में एक रिकॉर्ड भी तोड़ा जब यह 216 मिलियन ° F (120 मिलियन ° C) के तापमान पर 101 सेकंड तक चलाया गया।

बिल गेट्स की कम्पनी ने भी ऐसा किया है

अन्य परमाणु संलयन एक्सपेरिंट्स में एमआईटी के बिल गेट्स समर्थित एसपीएआरसी (स्पार्क )और दक्षिण कोरिया के केएसटीएआर (KSTAR) शामिल हैं, जिन्होंने हाल ही में 30 सेकंड के लिए एक मिलियन डिग्री पर सुपर-हॉट प्लाज्मा बनाए रखने का रिकॉर्ड तोड़ा है। इनमें 1 मिलियन-एम्पीयर करंट प्राप्त करना और 1,000-सेकंड की अवधि में 100 मिलियन-डिग्री तापमान का उत्पादन करना शामिल है।

चाइना कृतिम सूरज का करेगा क्या

बताया गया है कि चीन ने जो कृतिम सूरज बनाया है वो असली सूर्य से भी 6 गुना तक ज़्यादा एनर्जी दे सकता है। नुक्लियर फ्यूजन के ज़रिये इसमें एनर्जी पैदा होती है। अब सवाल है कि चीन ने इसे बनाया क्यों है, दरअसल पूरी दुनिया में चीन ऐसा देश है जहां बिजली की सबसे ज़्यादा खपत होती है, खासकर रात में जब स्ट्रीट लाइट जलती है तो एनर्जी का इस्तेमाल कई गुना ज़्यादा बढ़ जाता है। चीन की योजना है कि देश के कुछ विशेष हिस्सों में रात के वक़्त भी दिन जैसा उजाला रहे, इससे बिजली की बचत होगी।

ईस्ट को मुख्य तौर पर न्यूक्लियर फ्यूजन के पीछे का विज्ञान समझने और उसे पृथ्वी पर ऊर्जा के नए विकल्प के तौर पर इस्तेमाल करने के लिए बनाया गया है। आने वाले समय में यह तकनीक स्वच्छ ऊर्जा पैदा करने का अहम स्रोत साबित हो सकती है। दरअसल, दुनिया मेें इस वक्त न्यूक्लियर फिजन (परमाणु संलयन) के जरिए ऊर्जा पैदा की जा रही है। हालांकि, इसकी वजह से पैदा होने वाला जहरीला न्यूक्लियर कचरा इंसानों के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है

Next Story