
- Home
- /
- टेक और गैजेट्स
- /
- Bike Taxi Ban in...
Bike Taxi Ban in Bangalore: बेंगलुरु में बाइक टैक्सी सेवा पर रोक, जानिए क्या है वजह

बेंगलुरु में बाइक टैक्सी सेवाओं पर प्रतिबंध
कर्नाटक उच्च न्यायालय के एक फैसले के बाद बेंगलुरु सहित पूरे कर्नाटक राज्य में बाइक टैक्सी सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह प्रतिबंध 16 जून से प्रभावी हो गया है, जिससे ओला, उबर और रैपिडो जैसी लोकप्रिय ऐप-आधारित सेवाओं को बड़ा झटका लगा है। इस फैसले ने शहर में लाखों लोगों की आजीविका को प्रभावित किया है, जिनमें से एक लाख लोग अकेले बेंगलुरु में ही बाइक टैक्सी चलाकर गुज़ारा करते थे।
प्रतिबंध के कारण और कानूनी स्थिति
राज्य सरकार ने बाइक टैक्सी सेवाओं को विनियमित करने के लिए कोई नियम या कानून नहीं बनाए थे। परिवहन विभाग का कहना है कि निजी रजिस्ट्रेशन नंबर (सफेद नंबर प्लेट) वाले दोपहिया वाहनों का वाणिज्यिक उपयोग मोटर वाहन अधिनियम का उल्लंघन है, और जब तक राज्य सरकार बाइक टैक्सियों के लिए एक स्पष्ट नियामक कानून नहीं लाती, तब तक ऐसी सेवाएं प्रतिबंधित रहेंगी।
बाइक टैक्सी कंपनियों ने इस प्रतिबंध को कर्नाटक उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी, लेकिन अदालत ने राज्य सरकार के आदेश को सही ठहराया और फिलहाल कोई राहत देने से इनकार कर दिया। उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि जब तक सरकार उचित नियम और दिशा निर्देश तय नहीं करती, तब तक बाइक टैक्सी पर रोक लगी रहेगी। इस मामले की अगली सुनवाई 24 जून को होगी।
यात्रियों और चालकों पर असर
बेंगलुरु जैसे आईटी हब और ट्रैफिक जाम के लिए बदनाम महानगर में बाइक टैक्सी की सुविधा लोगों के लिए काफी फायदेमंद थी। यह सेवा सस्ती होने के साथ-साथ भीड़भाड़ वाले ट्रैफिक में राहत भी देती थी। छात्रों और नौकरीपेशा लोगों के लिए यह एक त्वरित और किफायती विकल्प था। कई छात्र और छोटी-मोटी नौकरी करने वाले लोग पार्ट-टाइम काम करके इसके ज़रिए पैसा कमा लेते थे। अब प्रतिबंध के बाद उनके सामने रोज़गार का संकट खड़ा हो गया है।
यात्रियों को भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बाइक टैक्सी पर प्रतिबंध के बाद ऑटो और टैक्सी के किराए में 25% तक की बढ़ोतरी देखी जा रही है, जिससे उनका दैनिक खर्च दोगुना तक बढ़ गया है। कई यात्रियों को राइड के लिए लंबा इंतज़ार करना पड़ रहा है, और कुछ ऑटो चालक ज़्यादा किराया वसूलने या छोटी दूरी की राइड लेने से इनकार करने लगे हैं।
कंपनियों की प्रतिक्रिया और वैकल्पिक समाधान
प्रतिबंध के बाद, रैपिडो जैसी कंपनियों ने अपने ऐप से 'बाइक टैक्सी' विकल्प हटाकर 'पार्सल सर्विस' शुरू की है, जिसमें यात्री खुद को 'पार्सल' के रूप में बुक कर सकते हैं। हालांकि, परिवहन विभाग ने चेतावनी दी है कि जो भी कंपनियाँ इस प्रतिबंध का उल्लंघन करेंगी, उन पर आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
बाइक टैक्सी वेलफेयर एसोसिएशन और गिग वर्कर्स ने इस प्रतिबंध को हटाने और एक उचित नियामक नीति लाने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किए हैं। उनका कहना है कि यह बैन लाखों गिग वर्कर्स की रोज़ी-रोटी छीन रहा है, जिनमें से कई दैनिक वेतन भोगी, छात्र और अनौपचारिक श्रमिक हैं। वे सरकार से आग्रह कर रहे हैं कि अन्य 19 राज्यों की तरह कर्नाटक में भी बाइक टैक्सी संचालन के लिए एक स्पष्ट कानूनी ढांचा तैयार किया जाए।




