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इन दिग्गज क्रिकेटरों की कामयाबी के पीछे हैं उनकी बहनें, सचिन, कोहली जैसे खिलाड़ियों को मिला उनका साथ

इन दिग्गज क्रिकेटरों की कामयाबी के पीछे हैं उनकी बहनें, सचिन, कोहली जैसे खिलाड़ियों को मिला उनका साथ
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Raksha Bandhan 2022: भाई-बहन के प्रेम और रक्षा का पर्व, रक्षाबंधन देश भर में 11 अगस्त को मनाया जा रहा है।

Cricketer And Their Sisters: भाई-बहन के प्रेम और रक्षा का पर्व, रक्षाबंधन देश भर में 11 अगस्त को मनाया जा रहा है। इस पर्व को भारतीय क्रिकेटर (Indian Cricketer) भी मनाने से कभी भी पीछे नहीं रहते। हो भी क्यू न, उनकी कामयबी के पीछे उनकी बहनें भी रही हैं। आइये जानते हैं इन 5 खिलाड़ियों की कहानी...

सचिन तेंदुलकर मैदान में तो बहन घर में रखती थी उपवास



Sachin Tendulkar Sister: क्रिकेट के मास्टर ब्लास्ट सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) की जिंदगी बहन के प्यार के बगैर अधूरी है। उनकी बहन का नाम सविता है और वो सचिन के पिता रमेश तेंदुलकर की पहली पत्नी की बेटी हैं। सचिन ने कई बार अपनी सफलता का श्रेय न सिर्फ बहन हो दिए है बल्कि उन्होंने अपनी स्पीच में कहा था कि उन्हें पहला कश्मीरी विलो क्रिकेट बैट उनकी बहन ने ही गिफ्ट किया था। इतना ही नहीं सचिन के हर मैच में बहन उपवास भी रखती थीं। इस उम्मीद में कि भाई का बल्ला जमकर बोले और रनों का अंबार लगा दे।

पिता की मौत के बाद हरभजन को बहनों का मिला साथ



Harbhajan Singh Sisters: टीम इंडिया (Team India) के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) की गिनती भारत के ग्रेट स्पिनर्स में की जाती है। पंजाब के रहने वाले इस क्रिकेटर की 5 बहनें हैं, जिनमें चार उनसे बड़ी हैं और एक बहन छोटी है। पिता की मौत के बाद वे क्रिकेट छोड़कर ट्रक ड्राइवर बनने चले गए थे। क्योकि मां और पांच बहनों की जिम्मेदारी उन्हीं पर आ गई थी। ऐसे में उन्होंने यह ठान लिया था कि वह कनाडा जाकर ट्रक चलाएंगे और पैसे कमाएंगे, लेकिन बहनों ने उन्हे ऐसा करने से रोक लिया और वे क्रिकेट खेलते रहे। साल 2000 की रणजी ट्रॉफी में उन्होंने शानदार प्रदर्शन कर टीम इंडिया में जगह बनाई थी। वे भारतीय टीम के लिए एक सफल खिलाड़ी रहे, अगर बहनों ने नहीं रोका होता तो मैच विनर स्पिनर नहीं मिलता।

महेंद्र सिंह धोनी को बहन का मिला सपोट



Mahendra Singh Dhoni Sister: महेन्द्र सिंह धोनी टीम इंडिया के सबसे सफल कप्तानों में से एक रहे हैं। धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने कई बड़े मुकाम हासिल किए हैं। उनकी सफलता के पीछे बहन जयंती का बड़ा हाथ रहा है। पिता के विरोध के बीच बहन उनके साथ खड़ी रहती थी। बहन का निरंतर समर्थन पाकर ही धोनी (MS Dhoni) मैदान पर बेधड़क छक्के उड़ाते रहे और टीम इंडिया के कैप्टन कूल बन सके। माही की बहन जयंती एक स्कूल टीचर हैं।

पिता की मौत के बाद विराट को बहन ने सम्हाला



Virat Kohli Sister: विराट कोहली का अपनी बड़ी बहन भावना कोहली (Bhavna Kohli) से भावनात्मक रिश्ता है। साल 2006 में जब विराट महज 18 साल के थे तो ब्रेन स्ट्रोक के चलते उनके पिता का निधन हो गया। लेकिन उनकी बहन ने विराट को सम्हाला और खेल के लिए बहन और मां ने पूरा सपोट किया। इसका जिक्र कई बार कोहली पहले कर चुके हैं। पिता के जाने के बाद बहन और मां के साथ के कारण ही विराट (Virat Kohli) क्रिकेटर बनने का सपना पूरा कर सके। भावना ने अपने छोटे भाई के बिजनेस को बुलंदियों तक पहुंचाया है। भावना विराट के फैशन लेबल का अहम हिस्‍सा हैं। कोहली तो क्रिकेट में व्यस्त रहते हैं। ऐसे में उनकी बहन ने उनके बिजनेस की जिम्‍मेदारी संभाल रखी है।

ऋषभ पंत के लिए बहन साक्षी बनी साथी



Risabh Pant Sister: ऋषभ पंत के पिता के निधन के बाद बहन साक्षी भाई के साथ साए की तरह बनी रहीं। जिस वक्त वह टीम इंडिया में जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे, उस समय साक्षी भाई के साथ हर घरेलू मैच के दौरान स्टेडियम जाती थीं। दर्शक दीर्घा में खड़े होकर भाई को उत्साहित करती आ रही है। वह सिलसिला आज पंत (Risabh Pant) के इंडियन टीम के स्टार विकेटकीपर बैटर बनने के बाद भी बदस्तूर जारी है। आईपीएल और टीम इंडिया के मुकाबलों में पंत की बहन अक्सर दर्शक दीर्घा में भाई की हौसला अफजाई करते नजर आती हैं। सोशल मीडिया पर भी निरंतर वह भाई के समर्थन में पोस्ट करती रहती हैं।

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