अध्यात्म

शिवपुराण में क्या लिखा है? शिवपुराण की कहानियों के पीछे क्वांटम विज्ञान को समझिये

शिवपुराण में क्या लिखा है? शिवपुराण की कहानियों के पीछे क्वांटम विज्ञान को समझिये
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शिवपुराण की सम्पूर्ण जानकारी: शिवपुराण में क्या लिखा है? शिवपुराण का विज्ञान क्या है, शिवपुराण किसने लिखी, शिवपुराण कब लिखी गई, शिवपुराण पढ़ने से क्या लाभ होगा? इन सारे प्रश्नों के उत्तर आपको यहीं मिल जाएंगे।

शिवपुराण की कहानी के पीछे का विज्ञान: 'शिव' जब यह शब्द सुनाई पड़ता है तो दिमाग में ब्रह्माण्ड की कल्पना होने लगती है. इन दो अक्षरों में अनंत ब्रह्माण्ड समाहित है. इस संसार के कण-कण में देवों के देव महादेव का अंश है. जब इस कयनाथ का वजूद नहीं था तब से स्वयंभू का अस्तित्व है और जब कुछ भी नहीं होगा तब भी शिव रहेंगे।



शिवपुराण में लिखी कहानियों के पीछे विज्ञान है, उन्हें कहानियों का रूप इसी लिए दिया गया ताकि साधारण मनुष्य इस ब्रह्माण्ड की रचना और घटनाओं को समझ सके, बदकिस्मती से हमने उन कहानियों को अपने साथ लेकर आगे बढ़ गए और पीछे के विज्ञान को समझने की कोशिश नहीं की. मगर आज हम आपको शिवपुराण में लिखी कहानियों के पीछे छिपे विज्ञान के बारे में बताने की कोशिश करेंगे।

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शिव कौन हैं


Who Is Lord Shiva Explained: सनातन धर्म में शिव सर्वोपरि हैं, जो संसार के रचयिता भी हैं और विनाशक भी हैं. उनकी कृपा हर प्राणी में रहती है. इसी लिए महादेव की उपासना देवता-दानव-मनष्य सभी करते हैं.

भोलेनाथ की महिमा और महानता को समझतने के लिए मनुष्य के दिमाग में इतनी ताकत नहीं है फिर भी मनुष्य शिव को जानने की जिज्ञासा रखते हैं, उनके दर्शन पाना चाहते हैं, जीवनपर्यन्त भक्ति करने के बाद भी महामृत्युंजय की लीला को समझ नहीं पाते।

हम में से ज़्यादातर लोग शिव को समझने की कोशिश करते हैं, मन में यह प्रश्न उठता है कि शिव क्या हैं? शिव कौन हैं? शिव को क्यों पूजा जाता है, शिव मानव रुपी हैं या निराकार हैं? शिव का जन्म कैसे हुआ और क्या भोलेनाथ कलयुग में भी मौजूद हैं?


आदियोगी शिव शम्भू को मानवों ने अपनी कल्पनाओं से आकर दिया है, उसी जब की शिव तो निरंकारी हैं. क्योंकि हर कण-कण में शंकर हैं इसी लिए आप उन्हें जैसे भी पूजें उनकी कृपादृष्टि हर प्राणी पर रहती है.

शिवपुराण का सम्पूर्ण ज्ञान

शिवपुराण किसने लिखी है

Who Wrote Shivpuran: महाभारत और श्रीमद्भगवतगीता सहित 18 पुराणों व उपपुराणों की रचना करने वाले महाऋषि वेदव्यास द्वारा शिवपुराण की रचना की गई है जो कि देवभाषा वैदिक संस्कृत में लिखी गई है तथा शिवपुराण में कुल 28 हज़ार श्लोक हैं जिनमे महादेव का वर्णन किया गया है। सनातन धर्म में सभी पुराणों में शिवपुराण को सर्वोच्च दर्जा दिया गया है.

शिवपुराण में क्या लिखा है


What is Written in Shivpuran In Full Detail: वेदव्यास कहते हैं कि शिव जो की स्वयम्भू हैं, निरंकारी हैं, वही सर्वोपरि हैं, पूरी कायनात की चेतना हैं और इस ब्राम्हण का आधार हैं यह पूरी दुनिया उन पर टिकी है. शिवपुराण एक महापुराण है जिसे 6 खण्डों में विभाजित किया गया है. जिसमे उनके अस्तित्व, विवाह, घटनाओं और कथा का वर्णन है.

  1. विधेश्वर संहिता
  2. रुद्र संहिता
  3. कोटिरुद्र संहिता
  4. उमा संहिता
  5. कैलास संहिता
  6. वायु संहिता

शिव की उत्पत्ति कैसे हुई


How Did Shiva Originate: शिव अजन्मा हैं, वे मनष्य की तरह जीवन-मरण के चक्र से परे हैं. वेदव्यास कहते हैं. शिव की उत्पत्ति मां आदिशक्ति और सदाशिव से हुई है. आदिशक्ति का अर्थ (Cosmos Energy) से है.

कहानी है कि शिव ने आदिशक्ति और सदा शिव से पूछा था "माँ, भगवान विष्णु और ब्रह्मा का जन्म आप से ही हुआ, और मैं भी आप से जन्मा इसी लिए मैं भी आपकी ही संतान हूं. शिवपुराण के अनुसार भगवान विष्णु और भगवान ब्रम्हा सदाशिव के आधे अवतार हैं जबकि शिव सदाशिव की पूर्ण अवतार हैं।

शिवपुराण में लिखा है कि सदा शिव कहते हैं "जो भी मुझमे और शिव में भेद करेगा वह नरक का भोगी होगा, इसी तरह जो ब्रह्मा, विष्णु, महेश में भेद करेगा वह भी नर्क में जाएगा। तीनों देव एक ही हैं. मगर इस संसार के लिए हम अलग-अलग रूपों में अलग-अलग लोकों पर ध्यान देते हैं.

शिव शंकर और सदा शिव में क्या अंतर है


What is the difference between Shiv Shankar and Sada Shiva: जब हम सदा शिव की बात करते हैं तो हम उस महान परमात्मा के बारे में कल्पना करते हैं जिनपर यह संसार टिका है, जब हम शिव की बात करते हैं तो वह एक निराकार शक्ति हैं जो सदा शिव का ही सम्पूर्ण रूप हैं. और जब हम शंकर की बात करते हैं तब उन मनुष्यरूपी महादेव की कल्पना करते हैं जो कैलाश पर्वत में रहते थे, माता पार्वती के पती थे, भगवान गणेश और कार्तिकेय के पिता थे. सदा शिव, शिव और शंकर जिन्हे भोलेनाथ कहते हैं यह तीनों अलग-अलग होकर भी एक हैं.

इंसान ने शिव को अपने अनुसार ढाल दिया है, लोग कहते हैं शिव भोले हैं, नादान हैं, वह आदियोगी हैं, शास्त्रों और तंत्रों के महान गुरु हैं. रक्त से रंगे भैरव हैं.

जब आप शिव पुराण को समझने की कोशिश करते हैं तो समझ में आता है कि शिव पूरी को समझा नहीं जा सकता ठीक वैसे ही जैसे इस पूरे ब्रह्माण्ड को खोजा नहीं जा सकता। शिव अच्छे या बुरे नहीं है वही सब कुछ हैं. वह अच्छे भी हैं बुरे भी हैं, वह सबसे सुंदर भी हैं और वीभत्य भी हैं, वह अनुशाषित भी हैं और भांग का सेवन भी करते हैं. शिव हैं भी और नहीं भी हैं.

शिवपुराण के पीछे विज्ञान क्या है


What is the science behind Shivpuran: शिव पुराण कोई देवीय कहानी नहीं है बल्कि क्वाँटम विज्ञान है. जो इस सृष्टि की रचना से लेकर पृथ्वी में जीवन और मनुष्यों की उत्पत्ति के बारे में बताता है. शिवपुराण को पढ़ना और समझना अलग-अलग बात हैं. आज के ज़माने में शिवपुराण एक कथा मात्र रह गई है लेकिन यह बिग बैंग थ्योरी से भी बढ़कर है. आपको किसी आर्टिकल और यूट्यूब चैनल में शिवपुराण के बारे में सम्पूर्ण जानकारी नहीं मिल सकती और ना ही आप इस तरह शिवपुराण की कहानियों के पीछे के विज्ञान को समझ सकते हैं. इसके लिए आपको स्वयं शिवपुराण पढ़नी होगी और आने वाली जनरेशन को भी इसका ज्ञान देना होगा।


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