अध्यात्म

क्या है कुश ? जानिए इसके महत्व के बारे में..

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कुश या कुशा हर पूजा अर्चना में काम आता है। आइये जानते है इसके महत्व के बारे में।

वैसे तो देखने में यह एक तरह की घास है। जो खेतों में, जंगलों में तथा किसी भी पुरानी पड़त भूमि पर बडी ही आसानी से पाया जाता है। लेकिन आसानी से मिलने वाली यह घास जिसे कुश कहते हैं यह हमारे जीवन में बहुत ही उपयोगी है। मानव जीवन में किये जाने वाले सभी शुभ अशुभ कार्यां में कुशा का उपयोग किया जाता है।

बात अगर कुशा पर की जा रही है तो हमे पता होना चाहिये कि यह कुश है क्या और इसका महत्व क्यों है। इसे केवल कुशग्रहणी अमास्या के दिन ही क्यों घर लाया जाता है। वह भी विशेष मुहूर्त में। इस सारे प्रश्नों के उत्तर दिये जायेंगे।


हम पहले कुश के बारे में जानकारी दे रहे हैं। हमारी पौराणिक मान्यताओ के अनुसार कुश को भगवान विष्णु का रूप ही माना गया है। जैसे भगवान पौधों में पीपल, देवाताओं में नारायण हैं। वही कुशा को भगवान विष्णु के रोम से उत्पन्न माना गया है। यह सदैव पवित्र होता हैं।

अब हम बात करते है कि कुशग्रहणी अमावस्या के दिन ही हम कुशा को खेत से निकाल कर घर क्यों लाते हैं। इसके लिए हमारे शास्त्रों में बताया गया है कि भाद्रपद अमावस्या के दिन लाये गये कुश का उपयोग हम वर्ष भर कर सकते है। अन्य दूसरे दिन खेत से कुश लाने पर केवल उसका उपयोग केवल एक दिन किया जा सकता है।

बात अगर इसके उपयोग की करें तो इसका बहुत ही महत्व हैं। कुशग्रहणी अमास्या के दिन लाया गया कुशा अगले वर्ष के क्रशग्रहणी अमावस तक चलता है या इसका पूजा में उपयोग किया जा सकता हैं।

Sandeep Tiwari | रीवा रियासत

Sandeep Tiwari | रीवा रियासत

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