अध्यात्म

स्वामी विवेकानंद के जीवन से जुडी सत्य घटनाएं, जो सिखाती हैं जीवन जीने की कला....

स्वामी विवेकानंद का कहना है कि जीवन एक पठशाला है। यह हमें सदैव कुछ न कुछ सिखती रहती हैं। उनका कहना था कि जीवन मेंघटने वाली घटनाएं हमें जितनी सीख देती हैं हम उतना किताबों से नहीं सीख सीखते हैं। हम सब को अपने जीवन में समस्याओं का सामना तो करना ही पड़ता है। लेकिन उन समस्याओं से हमें सीखना और हिम्मत कर आगे बढना चाहिए।  

स्वामी विवेकानंद का कहना है कि जीवन एक पठशाला है। यह हमें सदैव कुछ न कुछ सिखती रहती हैं। उनका कहना था कि जीवन मेंघटने वाली घटनाएं हमें जितनी सीख देती हैं हम उतना किताबों से नहीं सीख सीखते हैं। हम सब को अपने जीवन में समस्याओं का सामना तो करना ही पड़ता है। लेकिन उन समस्याओं से हमें सीखना और हिम्मत कर आगे बढना चाहिए।

उनका कहना है समस्या से पीछा छुड़ाने के लिए उससे भागने की कोशिश करते हैं लेकिन इस तरह कभी समाधान नहीं मिल सकता। आज हम स्वामी विवेकानंद के जीवन से जुडे ऐसे किस्से बताने जा रहे हैं जो हमारे जीवन में के लिए उपयोगी हैं।

कहा जाता है कि एक बार बनारस में स्वामी विवेकनन्द मां दुर्गा जी के मंदिर से निकल रहे थे। वहां के बंदरों ने उन्हें घेर लिया और प्रसाद छीनने लगे। ऐसे में स्वामी जी घबरा गये। वह बंदरों से पीछा छुडाने के लिए भागने लगे। लेकिन बंदर तो उनके पीछे ही पड़ गये।

स्वामी जी को भागता देख वहीं का एक सन्यासी काफी देर देखता रहा। बाद में स्वामी जी को रोका और कहा कि डरो मत इनका सामना करो। भागने से समस्या हल नही होती है। ऐसे में वृद्ध सन्यासी सुनकर स्वामी जी बंदरों के तरफ बढ़ने लगे। ऐसा करते ही सभी बन्दर तुरंत भाग गए।

स्वामी जी कहते हैं कि इस घटना से सीख मिली कि जब तक हम किसी घटना या समस्या से भागते हैं, वो हमारा पीछा करती है और हमें ज्यादा भयभीत करती है। लेकिन अगर हम उसका सामना करने की हिम्मत जुटा लें तो वो चीज हमसे खुद दूर भाग जाती है।

कई सालों बाद स्वामी विवेकानंद ने एक भाषण के दौरान इस घटना का जिक्र किया था। उन्होने युवाओं को समझाते हुए कहा था कि अगर तुम किसी समस्या से परेशान हो तो उससे भागों नहीं उसका डटकर मुकाबला करों। वह तुम्हारा पीछा छोड़ देगी। साथ ही उसका समाधान जरूर मिल जाएगा।

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