अध्यात्म

हर सफलता पाने के है ये तीन मंत्र, जिसे अपना कर इंसान हो सकते है सक्सेस

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आचार्य चाणक्य कहते है मानव अपने गुणों से ही सफल हो सकता है.

विशेष। सफलता हर किसी की ख्वाईस होती है, और वह सफल होने के लिए प्रयास भी करता है। आचार्य चाणक्य कहते है कि सफलता इंसान के गुणों पर निर्भर होती है। अच्छे गुणों को अपना कर मनुष्य सफल होता है तो दर्गुणता विफलता का कारण बनती है। अगर जीवन में सफलता और सम्मान पाना चाहते हैं तो चाणक्य की बताई तीन बातों पर अमल जरूरी है।

समय का सदउपयोग

चाणक्य नीति कहती है कि जो इंसान अपने जीवन में समय को महत्व नहीं देते हैं, वे बहुत जल्द परेशानियों से घिर जाते हैं। क्योकि समय निकल जाने के बाद वह कभी वापस नहीं आता हैं। यू कंहा जाए कि एक-एक पल कीमती है। इसका हमेशा ध्यान रखना चाहिए। समय से काम करने वालों को ही सफलता मिलती है। साथ ही ऐसे लोगों को मां लक्ष्मी का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है।

क्रोध पर नियंत्रण

आचार्य चाणक्य की नीति कहती है कि क्रोध इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन है। जो लोग क्रोध पर नियंत्रण नहीं रखते हैं, उन्हें हमेशा असफलता, अपयश और धन की हानि का सामना करना पड़ता है। क्रोधी इंसान को कोई पसंद नहीं करता है, क्योंकि क्रोध करने वाला खुद के साथ-साथ दूसरों को भी नुकसान पहुंचाता है। ऐसे में अत्यधिक क्रोध करने से बचना चाहिए. यह सबसे खराब अवगुणों में से एक है।

विनम्र स्वभाव

तीसरी चाणक्य नीति कहती है कि विनम्रता किसी भी इंसान का श्रेष्ठ गुण है। जिस इंसान में विनम्रता नहीं होती है, उसे जीवन में सफल होने के लिए बहुत अधिक संघर्ष करना पड़ता है। विनम्र स्वभाव के कारण ही इंसान सबका प्रिय होता है। दुश्मन भी इनके इस गुण को सलाम करते हैं। साथ ही ऐसे लोगों को हर जगह सम्मान मिलता है। ऐसे स्वभाव वाले इंसान पर मां लक्ष्मी की भी कृपा रहती है।

नोट- यंहा दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधिरित जानकारी है। रीवा रियासत न्यूज इसकी पुष्टि नही करता है।

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