अध्यात्म

Makar Sankranti 2022: इस मकर संक्रांति पर बन रहा विशेष संयोग, प्रसन्न कर लें भगवान शनि और सूर्य देव को, मिलेगा मनचाहा आशीर्वाद

Makar Sankranti 2022
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Makar Sankranti 2022; इस साल मकर संक्रांति पर बन रहे हैं महासंयोग। आइये जानते हैं पूजा मुहूर्त।

Makar Sankranti 2022: इस वर्ष 14 जनवरी 2022 को मनाया जाने वाला मकर संक्रांति का पर्व बहुत ही शुभ फल देने वाला है। कहां गया है कि यह विशेष संयोग 29 वर्ष बाद बना है। ज्योतिष आचार्यों का कहना है कि बहुत कम एक राशि पर आने वाले इन दो ग्रह को देखा गया है। लेकिन इस वर्ष सूर्य और शनि मकर राशि में एक साथ 1 महीने तक निवास करेंगे। ऐसे में इस वर्ष का मकर संक्रांति त्योहार देश के लोगों के लिए बहुत ही शुभ एवं फलदाई होगा। वैसे भी हमारे देश में इस तरह के सभी त्यौहार बड़े ही उल्लास के साथ मनाए जाते हैं।

Makar Sankranti 2022: संक्रांति पर क्या करें

  1. मकर संक्रांति पर पुण्य काल का स्नान और दान बहुत ही शुभ बताया गया है।
  2. हमें प्रयास तो ऐसा करना चाहिए की मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान करें।
  3. स्नान के पश्चात भगवान सूर्य देव को अर्घ्य अवश्य दें। कहा गया है कि तांबे के लोटे से भगवान सूर्य को अर्घ देने से सम्मान, पद और प्रतिष्ठा बढ़ता है।
  4. साथ ही जल में तिल डालकर भगवान शनि देव को स्नान करवाएं।
  5. इस दिन भगवान शनिदेव को प्रसन्न करने का बहुत अच्छा दिन बताया गया है।

Makar Sankranti 2022: कब है शुभ योग

मकर संक्रांति के संबंध में बताया गया है कि सूर्य देव धनु राशि से मकर राशि में 14 जनवरी 2022 को रात्रि 8ः34 पर प्रवेश करेंगे। मकर संक्रांति का शुभ स्नान एवं दान 15 जनवरी को ब्रह्म बेला से प्रारंभ किया जा सकता है। वही पवित्र नदियों में स्नान करने का अपना अलग ही महत्व बताया गया है। कहा जाता है कि इस पवित्र क्षण में गंगा जैसी पवित्र नदियों में स्नान करने से कई जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं।

Makar Sankranti 2022: 29 वर्ष बाद बना है संयोग

बताया जाता है कि पिछले 29 वर्ष बाद यह विशेष संयोग बना है जब शनि देव और सूर्य देव अपनी मूल राशियों को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश कर निवास करेंगे। बता दें कि सनी देओल पिछले 2 वर्ष से मकर राशि में विराजमान है तो वही सूर्य देव की मूल राशि धनु है।

लेकिन इस बार शनि देव और सूर्य देव दोनों ही मकर राशि में 1 महीने के लिए आ रहे हैं। ज्योतिषाचार्य इसे अपने ज्योतिष के अनुसार बहुत ही शुभ बता रहे हैं।

वैसे माना गया है कि सूर्य देव और शनि देव अनबन रहती है। बता दें के शनि देव के पिता सूर्यदेव हैं। शनि देव को न्याय का देवता कहा गया है। इनके न्याय चक्र से आज तक कोई देव, दानव, मानव नहीं बच सका है। यह बात अवश्य है के सूर्य देव के प्रति आस्था रखने से धोखे में हुई गलती पर ज्यादा प्रकोप नहीं करते।

Makar Sankranti 2022: मकर संक्रांति पर करें दान

तिथि त्यौहार पर दान करने की प्रथा बहुत पुरानी है। लेकिन हमारे पूजा विधान में अलग अलग त्योहारों पर अलग-अलग वस्तुओं का दान करने के लिए बताया गया है। खास तौर पर मकर संक्रांति के दिन हमें काला तिल, मूंगफली, गुड, रेवाड़ी, कपड़ा तथा खिचड़ी का दान करना चाहिए। इसे बहुत ही शुभ एवं फलदाई बताया गया है।

Makar Sankranti 2022: सूर्य होंगे उत्तरायण

क्रांति के दिन से सूर्य देवता उत्तरायण हो जाते हैं। सूर्य देव के उत्तरायण हो जाने से सभी तरह के शुभ कार्य प्रारंभ होते ही हैं। साथ ही शास्त्रों में इसे बेहद शुभ और देवताओं का मैं कहा गया है।

कहा गया है कि जब सूर्य उत्तर दिशा की ओर होते हैं तो मकर राशि से मिथुन राशि तक भ्रमण करते हैं। सूर्य के उत्तरायण होने पर दिन बड़ा होने लगता है। और रात्रि का समय घट जाता है जिससे रात्रि छोटी होती है।

वही जब सूर्य दक्षिण दिशा और रहते हैं तो कर्क और धनु राशि में भ्रमण करते हैं। सूर्य का दक्षिण दिशा की ओर होना दक्षिणायन कहलाता है। ऐसे में दिन छोटा और रात बड़ी होती है।

Makar Sankranti 2022: भीष्म ने किया था 6 माह इंतजार

महाभारत काल में जब युद्ध के दौरान अर्जुन ने भीष्म पितामह को बाणों की शैया पर लिटा दिया था तो उन्हें प्राण त्यागने के लिए 6 माह का इंतजार करना पड़ा था। यह इंतजार उन्होंने अपनी स्वेच्छा से की थी।

बताया जाता है कि भीष्म पितामह को इच्छा मृत्यु का वरदान प्राप्त था। वह जब चाहते मृत्यु को वरण कर सकते थे। लेकिन जिस समय उन्हें अर्जुन के बाणों ने घायल कर दिया था उस समय सूर्य देव दक्षिणायन थे।

इसी वजह से भीष्म पितामह सूर्य के उत्तरायण होने का इंतजार करते रहे और 6 माह तक वाणो की सैया पर लेटे रहे। कहा जाता है कि जैसे ही सूर्य देव उत्तरायण हुए भीष्म पितामह ने अपने प्राण त्याग दिए थे।

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