
Sharad Purnima 2020 : शरद पूर्णिमा की रात भूलकर भी न करे ये काम, नहीं तो रूठ जाएंगी धन की देवी माँ लक्ष्मी..

आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा ( sharad purnima ) कहते है। साल भर आने वाली हर पूर्णिमा पर व्रत किया जाता है, परन्तु शरद पूर्णिमा का अलग ही महत्व है।
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Sharad Purnima 2020 : मान्यताएं एवं महत्त्व
ये ऐसी पूर्णिमा मानी गई है जब आकाश से अमृत की वर्षा होती है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार साल भर की पूर्णिमा में शरद पूर्णिमा सबसे खाश मानी जाती है।

इस दिन चन्द्रमा 16 कलाओ से युक्त परिपूर्ण होता है। माना जाता है की इस दिन चन्द्रमा पृथ्वी के करीब आजाता है।
जिससे उसकी खूबशूरती और बढ़ जाती है।इस दिन समुद्र मंथन के दौरान माता लक्ष्मी हुईं थी प्रकट।
Sharad Purnima 2020 क्या न करें :
ऐसा माना जाता है की ( Sharad purnima ) की रात माता लक्ष्मी और विष्णु भगवान् गरुड़ में सवार हो कर पृथ्वी के ब्रामण के लिए आते है।

ये भी मान्यताएं की माँ लक्ष्मी सबके घर-घर जा कर देती हैं वरदान।और जो सोया रहता है, माँ उसके दरवाजे से चलीं जाती हैं।
इसलिए शरद पूर्णिमा की रात सभी को जागरण करना चाहिए और माता के भजन करना चाहिए।
Sharad Purnima 2020 तिथि :
शरद पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- 30 अक्टूबर को शाम 05 बजकर 45 मिनट से
शरद पूर्णिमा तिथि समाप्त- 31 अक्टूबर को रात 08 बजकर 18 मिनट पर