अध्यात्म

4 दिसम्बर को सूर्य ग्रहण के साथ शनि अमावस्या, जाने इस दिन क्या करें और क्या नहीं

4 दिसम्बर को सूर्य ग्रहण के साथ शनि अमावस्या, जाने इस दिन क्या करें और क्या नहीं
x
4 दिसम्बर दिन शनिवार को वर्ष का आखिरी ग्रहण पडने वाला है। यह ग्रहण सूर्य पर पड़ रहा है जिससे इसे सूर्य ग्रहण कहा जायेगा।

4 दिसम्बर दिन शनिवार को वर्ष का आखिरी ग्रहण पडने वाला है। यह ग्रहण सूर्य पर पड़ रहा है जिससे इसे सूर्य ग्रहण कहा जायेगा। 4 दिसम्बर को पड़ने वाला यह सूर्य ग्रहण भारत के किसी भी राज्य में दिखाई नहीं देगा। लेकिन धर्म शास्त्र के मानने वाले लोग इसे भी उतनी ही मान्यता देते है और सावधानी बरतते है। 4 दिसम्बर को दिन शनिवार है और तिथि अमावाश्या भी है। इसलिए इसे शनि अमावस्या कहा जाता है। एक साथ तीन संयोग सूर्य ग्रहण, शनिवार और अमावास्या पड़ने से इसका विशेष महत्व माना जा रहा है। ऐसे में आवाश्यक है कि हमे यह जानकारी हो कि इस दिन हमें क्या करना चाहिए और क्या नही करना चाहिए।

कब से कब तक है सूर्य ग्रहण

जानकारी के अनुसार 4 दिसम्बर को पड़ने वाला सूर्य ग्रहण सुबह 10 बजकर 59 मिनट से शुरू होकर दोपहर के 3 बजकर 7 मिनट तक रहेगा। सूर्य ग्रहण से 15 दिन पहले कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही चंद्र ग्रहण पड़ा था। सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा।

इन चीजों की खरीदी से बचें

सूर्य ग्रहण के साथ शनि अमावस्या होने से हमें सामान की खरीदी के समय कुछ विचार अवश्यक करना चहिए। बताया गया है कि शनि अमावस्या होने से सरसों का तेल, उड़द दाल, लोहा, काले रंग के कपड़े आदि की खरीदी नहीं करनी चाहिए। हो सके तो इन चीजो का दान करें। इससे जीवन में आ रही बाधाएं दूर होती है।

घर से बाहर न निकलें गर्भवती महिलाएं

किसी भी ग्रहण के समय घर से बाहर निकलने में गर्भवती महिलाओं को परहेज करनी चाहिए। ऐसे में सूर्य ग्रहण के समय भी बाहर नहीं निकलना चहिए। साथ ही किसी नुकीली चीजों को अपने पास नही रखना चाहिए और सुई धागे का ग्रहण काल में उपयोग नहीं करना चाहिए।

गरीबों को न करें परेशान

शनि अमावाश्या का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन भगवान शनि को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा उपासना करनी चाहिए। साथ ही इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि आपके किसी व्यवहार या क्रिया कलाप से किसी गरीब, असहाय को कोई परेशानी न हो। कहा जाता है कि गरीबों का प्रतिनिधित्व भगवान शनिदेव करते हैं। ऐसे में शनिदेव रुष्ट हो सकते है।

जप-तप करना है उपयुक्त

सूर्य ग्रहण के समय भगवान की आराधना करनी चाहिए। भगवान के नाम का जाप या फिर गुरू मंत्र का जाप करना होता है। वहीं ग्रहण काल के बाद भगवान की विधिवत पूजा अर्चना करे। ऐसा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वही ग्रहण काल समाप्ति के बाद पितरों को याद करते हुए दान करना बताया गया है।

Next Story