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Respectable People: इन चीजों पर धोखे से न लगाए पैर, 7 पीढ़ियों तक होता रहता है सर्वनाश

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Respectable People: इन चीजों पर धोखे से न लगाए पैर, 7 पीढ़ियों तक होता रहता है सर्वनाश! Do not cheat on these things, apocalypse keeps happening for 7 generations

Respectable People: शास्त्रों में तथा विद्वान लोगों द्वारा बताया गया है कि कुछ ऐसे स्थान और व्यक्ति होते हैं जिन पर कभी पैर नहीं मारना चाहिए। अगर धोखे से भी इन स्थानों या व्यक्तियों में पैर लग जाए तो तुरंत झुककर प्रणाम करना चाहिए साथ ही माफी मांगनी चाहिए। इस बात की पुष्टि विद्वान, शास्त्रों के जानकार, अर्थशास्त्र के रचयिता आचार्य चाणक्य भी करते हैं। आइए जानें ऐसे प्रमुख 7 स्थल और व्यक्ति जहां पैर लगना काफी अशुभ माना गया है।

शिशु

हमारे धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि नवजात शिशु चाहे वह किसी भी समाज या वर्गों का हो। उसे देव तुल्य बताया गया है। देवतुल्य होने की वजह से हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कभी भी उस पर पैर न लगे। अगर धोखे से पैर लग ही जाता है तो हमें उससे क्षमा मागनी चाहिए।

कुंवारी लड़की

कन्या को देवी का रूप माना गया है। यह तो सभी को पता है। अक्सर नवरात्रि के समय कन्या पूजन विधि विधान से किया जाता है। अगर कन्या पूजनीय है तो यह बात सभी समझ सकते हैं कि इस पर पैर लगना देवी माता के ऊपर पैर लगने के बराबर है। ऐसे में हमें हर समय सावधान रहना चाहिए कि कन्याओं पर हमारा पैर न पड़े।

बुजुर्ग व्यक्ति

घर, समाज, परिवार कहीं भी, कोई भी बुजुर्ग व्यक्ति है तो वह पूजनीय हैं। बुजुर्ग व्यक्ति का सदैव सम्मान करना चाहिए। इनके ऊपर कभी भी पैर नही पड़े इस बात का सदैव ध्यान रखें। बताया गया है कि अगर बुजुर्गों के ऊपर पैर पड़ जाता है तो हमें ग्रह दोष लगता है। इसलिए आवश्यक है सावधानी बरतें।

गुरु

कहा गया है कि गुरु देवता के समान होते हैं। कई जगह गुरु को देवता से भी बढ़कर बताया गया है। यह सदैव पूजनीय होते हैं। आचार्य चाणक्य भी एक गुरु थे। इनके आशीर्वाद और मार्गदर्शन ने चंद्रगुप्त जैसे साधारण शिष्य को मगध का राजा बना दिया। इसलिए गुरु की सदैव सेवा करनी चाहिए। गुरु के चरणों में साक्षात कल्याण होता है।

ब्राह्मण

हमारे सनातन धर्म में ब्राह्मणों को उच्च स्थान प्राप्त है। ब्राह्मण का सदैव सम्मान करना चाहिए। ब्राह्मण का कभी भी तिरस्कार नहीं करना चाहिए। अन्यथा इसके सर आपसे कोई बच नहीं सका है। जिसे भी अपना कल्याण चाहिए वह केवल ब्राह्मण भोजन के दिन ही ब्राह्मण का सम्मान है ना करें। अपितु सदैव ब्राह्मण पूजनीय है।

गाय

गाय को माता कहा गया है। गाय में सृष्टि के सभी देवी देवताओं का वास होता है। गाय की सेवा से व्यक्ति भवसागर पार हो जाता है। मरणोपरांत जीव के कल्याण के लिए गाय का ही दान किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि गाय ही एक ऐसी जीव है जो हमें बैतरणी जैसी कष्टदायक नदी पार करवाती। इसीलिए कर्मकांड में गोदान किया जाता है। ध्यान रखें गाय सदैव पूज्यनीय है।

अग्नि

पांच भौतिक तत्वों में अग्नि को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। अग्नि को साक्षात देवता माना गया है। अग्नि का अपमान मतलब देवताओं का अपमान माना गया है। इसलिए अग्नि की सदैव पूजा करनी चाहिए। आदमी पर अगर धोखे से भी पैर पड़ जाए आप भले ही जल जाएं। लेकिन हमें अग्निदेव से प्रार्थना कर माफी मांगनी चाहिए।

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