
Pitru Paksha 2025: तिथियां, महत्व, श्राद्ध नियम और सावधानियां, इस वर्ष पंचमी और षष्ठी का श्राद्ध होगा एक ही दिन; जानिए श्राद्ध की तिथियां

📑 Table of Contents
- पितृ पक्ष 2025 की शुरुआत और महत्व
- पितृ पक्ष 2025 की तिथियां
- पितृ पक्ष 2025 की प्रमुख श्राद्ध तिथियां
- श्राद्ध और तर्पण के नियम
- चंद्रग्रहण और पितृ पक्ष 2025
पितृ पक्ष 2025 की शुरुआत और महत्व
हिंदू धर्म में पितृ पक्ष को पूर्वजों की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए सबसे महत्वपूर्ण समय माना जाता है। यह 15-16 दिन का विशेष काल होता है, जब परिवारजन अपने पितरों का स्मरण कर श्राद्ध और तर्पण करते हैं। मान्यता है कि इस दौरान पितृ धरती पर आते हैं और अपने वंशजों को आशीर्वाद देकर उनके जीवन की बाधाओं को दूर करते हैं।
पितृ पक्ष 2025 की तिथियां
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष पितृ पक्ष की शुरुआत 7 सितंबर 2025 (रविवार) को होगी। भाद्रपद पूर्णिमा तिथि 6 सितंबर की रात 12:57 बजे से शुरू होकर 7 सितंबर की रात 11:47 बजे तक रहेगी। पितृ पक्ष का समापन सर्वपितृ अमावस्या पर 21 सितंबर 2025 को होगा। इस दौरान प्रतिदिन अलग-अलग तिथियों पर श्राद्ध कर्म होंगे।
पितृ पक्ष 2025 की प्रमुख श्राद्ध तिथियां
- पूर्णिमा श्राद्ध: 7 सितंबर 2025
- प्रतिपदा श्राद्ध: 8 सितंबर 2025
- द्वितीया श्राद्ध: 9 सितंबर 2025
- तृतीया श्राद्ध: 10 सितंबर 2025
- पंचमी और षष्ठी श्राद्ध: 12 सितंबर 2025
- सप्तमी श्राद्ध: 13 सितंबर 2025
- अष्टमी श्राद्ध: 14 सितंबर 2025
- नवमी श्राद्ध: 15 सितंबर 2025
- दशमी श्राद्ध: 16 सितंबर 2025
- एकादशी श्राद्ध: 17 सितंबर 2025
- द्वादशी श्राद्ध: 18 सितंबर 2025
- त्रयोदशी श्राद्ध: 19 सितंबर 2025
- चतुर्दशी श्राद्ध: 20 सितंबर 2025
- सर्वपितृ अमावस्या: 21 सितंबर 2025
श्राद्ध और तर्पण के नियम
शास्त्रों के अनुसार श्राद्ध कर्म सही तिथि पर किया जाना चाहिए। यदि मृत्यु तिथि याद न हो, तो सर्वपितृ अमावस्या पर श्राद्ध करना उचित होता है। श्राद्ध के दिन ब्राह्मण भोजन, दान-दक्षिणा और तर्पण अनिवार्य माने गए हैं। तर्पण के लिए जल, तिल और कुशा का उपयोग होता है। इस दौरान घर में सात्विक भोजन ही बनाया जाना चाहिए और तामसिक आहार से परहेज करना चाहिए। जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और दान देना भी पितरों की आत्मा की तृप्ति के लिए आवश्यक है।
चंद्रग्रहण और पितृ पक्ष 2025
इस बार पितृ पक्ष की शुरुआत 7 सितंबर 2025 को चंद्रग्रहण के साथ होगी। ग्रहण रात 9:52 बजे से शुरू होकर 1:27 बजे तक रहेगा। ग्रहण के तुरंत बाद प्रतिपदा तिथि प्रारंभ होगी और अगले दिन श्राद्ध किया जाएगा। ग्रहण काल और उसके बाद किए गए धार्मिक कार्यों का विशेष महत्व होता है। यह संयोग इस बार पितृ पक्ष को और भी पावन बना रहा है।
FAQ – पितृ पक्ष 2025
Q1. पितृ पक्ष 2025 कब से कब तक है?
7 सितंबर 2025 से 21 सितंबर 2025 तक।
Q2. सर्वपितृ अमावस्या कब है?
21 सितंबर 2025 को।
Q3. श्राद्ध कब करना चाहिए?
पितरों की मृत्यु तिथि पर, और यदि याद न हो तो सर्वपितृ अमावस्या पर।
Q4. श्राद्ध में क्या-क्या करना जरूरी है?
ब्राह्मण भोजन, तर्पण, दान-दक्षिणा और सात्विक भोजन का पालन।
Q5. चंद्रग्रहण का पितृ पक्ष पर क्या प्रभाव है?
2025 में पितृ पक्ष की शुरुआत चंद्रग्रहण से हो रही है, जो धार्मिक रूप से अत्यंत शुभ संयोग माना जाता है।
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