Papmochani Ekadashi 2022: पापमोचिनी एकादशी आज, कर लें ऐसा उपाय तो मिल जायेगी सभी पापों से मुक्ति
पापमोचिनी एकादशी के सम्बंध में कहा गया है कि इस दिन ब्रत तथा पूजा करने से सभी तरह के पाप नष्ट हो जाते है। इसके सम्बंध में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को ज्ञान दिया था। श्रीकृष्ण ने कहा कि जो व्यक्ति इस व्रत को रखता है उसके पाप नष्ट हो जाते हैं। और जीव अपने जीवन के अंत में मोक्ष प्राप्त कर लेता है। जीवन और मरण जीव की एक निरंतर प्रक्रिया है। जिस व्यक्ति का जन्म इस पृथ्वी लोक में हुआ है उससे जाने अनजाने पाप अवश्य हो जाता है। लेकिन इन पापों से मुक्ति पाने के लिए कई उपाय बताए गये हैं। कहा गया है कि पापमोचिनी एकादशी ब्रत करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
कब है पापमोचिनी एकादशी
पापमोचिनी एकादशी 28 मार्च 2022 को मनाई जायेगी। यह ब्रत चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी पड़ता है। इस ब्रत को करने से ब्रह्महत्या, स्वर्ण चोरी, मदिरापान, अहिंसा और भू्रणघात समेंत अनेक घोर पापों के दोष से मुक्ति मिल जाती है। कहा गया है कि अगर पाप करने के बाद उसका पश्याताप किया जाय तो पापों से मुक्ति मिलती है। लेकिन पापमोचिनी एकादशी का ब्रत कर लिया जाय तो अवश्य ही पाप नष्ट हो जाते हैं।
ऐसे करें व्रत
इस ब्रत को करने के लिए सुबह उठकर सबसे पहले दैनिकक्रिया से निवृत्त हो जायें। इसके बाद भगवान श्री नारायण का ब्रत करना चाहिए। साथ ही कहा गया है कि एकादशी का ब्रत करने वाले को लहसुन प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए। हो सके तो एकादशी के व्रत में फलाहार करें। इसे उत्तम बताया गया है।
पाप क्या है
- पाप के सम्बंध में कहा गया है कि केवल जीव हत्या करना ही पाप नही कहलाता है। पाप तो धर्म और नीति विरुद्ध किया कर्म पाप कहलाता है।
- कहा गया है कि दूसरों का धन हड़पना पाप है।
- निषिद्ध कर्म करना पाप कहलाता है।
- देह को सब कुछ मानना ही पाप है।
- किसी को कठोर बचन बोलना चाहे वह दोषी ही क्यों न हो वह पाप है।
- झूठ बोलना, चोरी करना, निंदा करना, बिना कारण लोगों के बीच बोलना और रूष्ट करना पाप है।
- कहा गया है कि पर स्त्रि से पुरूषा से शारीरिक सम्बंध बनाना पाप है।