हमारे धर्मशास्त्र में पेड़ पौधों को भी पूजे जाने की प्रथा है। क्योंकि इन पौधों में चमत्कारिक शक्तियां होते हैं। आवश्यकता है तो सिर्फ उनके गुणों को पहचानने की साथ ही उनका प्रयोग करने की। आज हम एक ऐसे पौधे के पुष्प के बारे में बताने जा रहे हैं जिस के संबंध में कहा जाता है कि क्या वर्ष में एक बार खुलता है। और इस पुष्प को जब माता लक्ष्मी जी के चरणों पर अर्पित किया जाता है तो वह प्रसन्न हो जाते हैं। ऐसा करने वालों के घर में कभी भी पैसे की कमी नहीं होती।
पलाश का फूल
हम पलाश के फूल के संबंध में चर्चा कर रहे हैं। क्योंकि पलाश का फूल पत्थर के समय अपनी सुंदरता बिखेर कर प्रकृति का श्रृंगार करता है। के फूल में खुशबू तो नहीं होती है लेकिन इसका मनभावन रंग सहज ही लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है। अपने इसी गुण के कारण देवी देवताओ वह भी यह फूल प्रिय है।
बताएं गये हैं कुछ नियम
पलास के फूल के संबंध में कहा गया है कि इसे माता लक्ष्मी के चरणों में अर्पित करने पर वह प्रसन्न हो जाती हैं। इसके लिए बताया गया है कि फाल्गुनी नक्षत्र में पलाश के पेड़ को कभी किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए। शुक्रवार के दिन पलाश के पेड़ की पूजा करनी चाहिए ऐसा करने पर जीवन में सुख समृद्धि आती है।
पलाश का है पूजा में उपयोग
पलाश के फूल के संबंध में बताया गया है कि यह माता लक्ष्मी को प्रसन्न कर ही सकता है साथ में पलाश के पौधे का उपयोग पूजा पाठ में किया जाता है। कई जगह पलाश के पौधे की छोटी सी पतली डाल का उपयोग वैवाहिक कार्यक्रम में किया जाता है।
वही हलष्ठी नामक व्रत के दौरान पलाश के पौधे की छोटी सी डॉल उपयोग की जाती है। ऐसे में कहा जा सकता है कि पलाश बहुत उपयोगी है।