
Kalash Coconut: कलश पर रखे नारियल खाना चाहिए या नहीं? शास्त्रों का सबसे बड़ा रहस्य!

Shardiya Navratri 2025 Kalash Sthapana with Nariyal
Shardiya Navratri 2025: कलश पर रखे नारियल को खाना चाहिए या जल में प्रवाहित करना चाहिए?
Shardiya Navratri 2025 की शुरुआत इस साल 22 सितंबर से हो चुकी है और यह पावन पर्व 2 अक्टूबर तक चलने वाला है। इस दौरान देशभर में देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा अर्चना की जाती है। घरों और मंदिरों में कलश स्थापना की जाती है, जिसमें गंगाजल, पत्ते और उसके ऊपर नारियल रखकर मां दुर्गा की आराधना की जाती है। लेकिन अक्सर लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि कलश पर रखे नारियल का क्या करना चाहिए? इसे प्रसाद के रूप में खाना सही है या जल में प्रवाहित करना?
Shardiya Navratri 2025 Kalash Sthapana Aur Nariyal Ka Mahatva
हिंदू धर्म में कलश को बहुत शुभ और पवित्र माना गया है। कलश में स्थापित गंगाजल, सुपारी, आम के पत्ते और नारियल को देवी शक्ति का प्रतीक माना जाता है। शास्त्रों में नारियल को ‘श्रीफल’ कहा गया है, यानी देवी लक्ष्मी का प्रतीक। यह नारियल नौ दिनों तक मंत्रोच्चार, धूप-दीप और घंटियों की ध्वनि को ग्रहण करता है और महाप्रसाद का रूप ले लेता है।
धार्मिक दृष्टि से नारियल को खाने का महत्व
नारियल को लेकर अलग-अलग मान्यताएं हैं। कई लोग मानते हैं कि नारियल नकारात्मक ऊर्जा को सोख लेता है, जबकि शास्त्रों में यह मान्यता नहीं है। बल्कि नारियल को पवित्र और देवी का आशीर्वाद माना जाता है। मंदिर में चढ़ाया गया नारियल हो या घर में पूजा का नारियल, यह प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जा सकता है।
शास्त्रों के अनुसार कलश पर चढ़ाया नारियल
शास्त्रों में स्पष्ट कहा गया है कि कलश पर चढ़ाया गया नारियल ‘सिद्ध फल’ बन जाता है। जिस तरह मंदिर का चरणामृत पवित्र होता है, उसी तरह नौ दिनों तक मंत्रों से अभिमंत्रित नारियल को ग्रहण करना शुभ माना जाता है। इसे बांटकर पूरे परिवार में प्रसाद के रूप में वितरित करना चाहिए।
Shardiya Navratri 2025 Me Nariyal Khaana Ya Pravahit Karna?
कुछ लोग नवरात्रि के बाद नारियल को बहते जल में प्रवाहित करते हैं। यह भी सही है, क्योंकि इसे देवी को अर्पित करके वापस जल तत्व में समर्पित करना भी एक धार्मिक परंपरा है। लेकिन यदि आप इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं तो यह और भी श्रेष्ठ माना जाता है।
धार्मिक मान्यता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण
नारियल पोषण से भरपूर होता है और इसमें औषधीय गुण पाए जाते हैं। पूजा में इस्तेमाल हुआ नारियल जब प्रसाद बनता है तो यह केवल धार्मिक महत्व ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी लाभकारी हो जाता है।
FAQs
Q1: Navratri me kalash par chadhaye nariyal ko kya karna chahiye?
नवरात्रि के बाद कलश पर चढ़ाया गया नारियल या तो प्रसाद के रूप में खाया जाता है या बहते जल में प्रवाहित किया जाता है। दोनों ही तरीके शुभ माने जाते हैं।
Q2: Navratri ke kalash par rakhe nariyal ko kaise khaye?
पूजा समाप्ति के बाद नारियल को तोड़कर छोटे टुकड़ों में काट लें और परिवार के सभी सदस्यों को प्रसाद के रूप में वितरित करें।
Q3: Shardiya Navratri 2025 kalash sthapana ke baad nariyal khaye ya jal me bahaye?
दोनों ही मान्यताएं सही हैं। अगर आप प्रसाद के रूप में इसे खाना चाहें तो खा सकते हैं और यदि बहते जल में प्रवाहित करना चाहें तो यह भी मान्य है।
Q4: Kalash sthapana ke samay nariyal ka mahatva kya hai?
नारियल को ‘श्रीफल’ कहा गया है और यह देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। यह शुभता और समृद्धि का प्रतीक है।
Q5: Nariyal prasad khana shastra anusar sahi hai kya?
जी हां, शास्त्रों के अनुसार नारियल को प्रसाद के रूप में ग्रहण करना शुभ और पवित्र माना गया है।
Q6:Shardiya Navratri 2025 Date and Importance
इस साल Shardiya Navratri 2025 की शुरुआत 22 सितंबर से हुई थी और यह 2 अक्टूबर तक चलेगी। पूरे भारत में नवरात्रि का यह पर्व बड़े धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। नौ दिनों तक मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है। घर-घर में कलश स्थापना होती है, जो देवी के आगमन और शुभ ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है।
Q7:Navratri Kalash Sthapna Kaise Hoti Hai
नवरात्रि के पहले दिन कलश की स्थापना की जाती है। इसमें गंगाजल, आम के पत्ते और नारियल रखा जाता है। इस नारियल को श्रीफल कहा जाता है। यह पूरे नौ दिन देवी की पूजा के साथ रखा जाता है और इसे देवी के आशीर्वाद का वाहक माना जाता है।
Q8:Kalash Par Chadhaye Nariyal Ka Dharmik Mahatva
हिंदू शास्त्रों के अनुसार, नारियल को बेहद शुभ फल माना जाता है। कलश पर चढ़ाया गया नारियल साधारण फल नहीं होता, बल्कि देवी की कृपा का प्रतीक बन जाता है। यह नकारात्मक ऊर्जा को नहीं सोखता बल्कि घर में दिव्य ऊर्जा का संचार करता है।
Q9:Nariyal Me Tridev Aur Devi Lakshmi Ka Vaas
शास्त्रों के अनुसार नारियल में त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु और महेश) और देवी लक्ष्मी का वास होता है। नारियल का अग्र भाग बृहस्पति का प्रतीक माना गया है, जो ज्ञान और धर्म का कारक है। इसीलिए नारियल को महाप्रसाद का दर्जा दिया जाता है।
Q10:Kalash Nariyal Kha Sakte Hai Ya Nahi?
बहुत से लोग सोचते हैं कि कलश का नारियल खाना चाहिए या नहीं। इंटरनेट पर कई वीडियो में कहा जाता है कि इसे खाना नहीं चाहिए, लेकिन शास्त्रों के अनुसार ऐसा नहीं है। वास्तव में यह नारियल सिद्ध फल बन जाता है, जिसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करना शुभ होता है।
Q11:Shastron Aur Jyotish Ke Anusar Nariyal
ज्योतिष के अनुसार, नारियल ब्रह्मांडीय ऊर्जा को अपनी ओर आकर्षित करता है। यह कोई साधारण फल नहीं है। जिस तरह मंदिर में जल मंत्रित होकर चरणामृत बन जाता है, उसी तरह नवरात्रि में नौ दिनों तक पूजन से नारियल महाप्रसाद बन जाता है।
Q12:Nariyal Ko Mahaprasad Kyon Mana Jata Hai
नवरात्रि में देवी मां के मंत्र, धूप, दीप और घंटियों की ध्वनि के बीच रखा गया नारियल साधारण फल नहीं रह जाता। यह देवी की शक्ति से अभिमंत्रित होकर महाप्रसाद बन जाता है। इसे श्रद्धा से ग्रहण करना चाहिए, क्योंकि प्रसाद ग्रहण करना शुभ फल और सौभाग्य लाता है।
Q13:Lok Aastha Aur Riwaazon Ki Baat
भारत विविधताओं का देश है। कई परिवार कलश का नारियल प्रसाद के रूप में खाते हैं, तो कुछ इसे बहते जल में प्रवाहित करते हैं। शास्त्रों के अनुसार इसे खाना शुभ है, लेकिन आस्था और परिवारिक परंपरा के अनुसार निर्णय लेना सबसे उचित है।
Q14:Shardiya Navratri 2025 me Kalash ka Nariyal khana chahiye ya nahi?
जी हां, शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि का नारियल प्रसाद बन जाता है। इसे श्रद्धा से खाना शुभ होता है।
Q15:Navratri Kalash par rakha Nariyal kaha le jaye?
कलश का नारियल या तो प्रसाद के रूप में खाएं या फिर बहते जल में प्रवाहित करें।
Q16:Nariyal ko Navratri ke baad prasadam ke roop me kaise khaye?
पूजन समाप्त होने के बाद नारियल को तोड़कर परिवार के सभी लोग मिलकर ग्रहण करें।
Q17:Navratri ke Kalash Nariyal ko khana shubh hai ya nahi?
शुभ है, क्योंकि यह नारियल देवी शक्ति से अभिमंत्रित होकर महाप्रसाद बन जाता है।
Q18:Shardiya Navratri 2025 Kalash sthapna me Nariyal kyon rakha jata hai?
नारियल को श्रीफल कहा जाता है और यह देवी लक्ष्मी व त्रिदेव का प्रतीक माना जाता है।




